Amit Shah-एकनाथ शिंदे मुलाकात: क्या शिंदे की शिवसेना बीजेपी में होगी शामिल?

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Amit Shah का शिंदे को बीजेपी में शिवसेना का विलय करने का ऑफर: क्या नया मोड़ है महाराष्ट्र के सियासी संकट में?

Amit Shah: महाराष्ट्र की राजनीति में जारी उठापटक के बीच, सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं, जिससे गठबंधन सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़ा हो गया है। इस राजनीतिक उथल-पुथल में शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ ने एक बड़ा दावा किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्री Amit Shah ने एकनाथ शिंदे को बीजेपी में शिवसेना का विलय करने का प्रस्ताव दिया है। यह ऑफर शिंदे द्वारा बार-बार मुख्यमंत्री पद की मांग करने के बाद दिया गया। ‘सामना’ में यह भी कहा गया है कि शिंदे ने पुणे में Amit Shah से मुलाकात की, जहां उन्होंने फडणवीस की शिकायतें कीं और मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई।

इस पर शाह ने शिंदे से कहा कि यदि वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो उन्हें अपनी पार्टी शिवसेना का विलय बीजेपी में करना होगा।

सीएम फडणवीस और शिंदे के बीच बढ़ते मतभेद

महाराष्ट्र की सत्ता में पिछले साल हुए बदलाव के बाद से ही सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच लगातार मतभेदों की खबरें आती रही हैं।

कभी फडणवीस शिंदे गुट के विधायकों की सुरक्षा घटा देते हैं, तो कभी शिंदे सरकार की महत्वपूर्ण बैठकों से गायब रहते हैं। साथ ही, हाल ही में सीएम फडणवीस ने शिंदे सरकार द्वारा किए गए कुछ फैसलों को पलट भी दिया है। इस तरह की राजनीति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी और शिंदे की शिवसेना के बीच गठबंधन में अब स्थिरता नहीं रही है।

शिवसेना (उद्धव गुट) का सनसनीखेज दावा

इस सियासी उठापटक के बीच, शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ में एक हैरानीजनक दावा किया गया है। ‘सामना’ में बताया गया कि गृह मंत्री Amit Shah ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना का विलय बीजेपी में करने का ऑफर दिया है। यह ऑफर शिंदे द्वारा बार-बार मुख्यमंत्री पद की मांग करने के बाद दिया गया।

पुणे में Amit Shah और शिंदे की बैठक: सुबह 4 बजे की मुलाकात

‘सामना’ के मुताबिक, पुणे के कोरेगांव स्थित वेस्टर्न होटल में सुबह 4 बजे एकनाथ शिंदे और Amit Shah के बीच मुलाकात हुई। इस मुलाकात में शिंदे ने फडणवीस से अपनी शिकायतें रखीं और बताया कि उनकी पार्टी के विधायकों को दबाया जा रहा है और तंग किया जा रहा है। शिंदे ने यह भी दावा किया कि उन्हें चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद का वादा किया गया था। इस पर Amit Shah ने कहा कि बीजेपी के पास 125 से ज्यादा विधायक हैं और इस स्थिति में कोई बाहर की पार्टी का मुख्यमंत्री नहीं बन सकता।

Amit Shah का ऑफर: बीजेपी में शिवसेना का विलय

मुलाकात में Amit Shah ने शिंदे को एक बड़ा ऑफर दिया। उन्होंने कहा कि यदि शिंदे को मुख्यमंत्री बनना है, तो उन्हें अपनी पार्टी, यानी शिवसेना का विलय बीजेपी में कर देना चाहिए। यह ऑफर शिंदे के लिए एक बड़ा दांव हो सकता है, क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र की सत्ता में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका की आवश्यकता थी, लेकिन बीजेपी में विलय करना उनके लिए एक कठिन निर्णय हो सकता है।

शिंदे का दबाव और बीजेपी हाईकमान के सामने नाक रगड़ने की स्थिति

यह मुलाकात इस बात को भी उजागर करती है कि शिंदे बार-बार बीजेपी हाईकमान के सामने नाक रगड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। ‘सामना’ में यह भी दावा किया गया है कि शिंदे को Amit Shah से यह ऑफर मिलने के बाद वह एक बार फिर बीजेपी हाईकमान के सामने अपनी स्थिति को लेकर उलझन में हैं।

संजय राउत का बयान: ‘सामना’ के दावों की पुष्टि

इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत से बातचीत की गई, तो उन्होंने ‘सामना’ में प्रकाशित दावों को सही बताया। राउत ने कहा कि सुबह 4 बजे शिंदे और Amit Shah के बीच मुलाकात हुई, जिसमें शिंदे ने फडणवीस के खिलाफ अपनी शिकायतें रखीं। उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की मांग की, लेकिन Amit Shah ने उन्हें बीजेपी में शिवसेना का विलय करने का प्रस्ताव दिया।

राजनीतिक संकट: महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार की स्थिरता पर सवाल

महाराष्ट्र में इस वक्त एक गंभीर राजनीतिक संकट बना हुआ है। बीजेपी और शिंदे की शिवसेना के बीच गठबंधन में खटास बढ़ रही है, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना और एनसीपी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी है। इस स्थिति में बीजेपी का यह प्रस्ताव शिंदे के लिए एक बड़ा संकेत हो सकता है कि अगर वह बीजेपी में विलय करने के लिए तैयार नहीं होते, तो उनकी स्थिति और कमजोर हो सकती है।

क्या शिंदे बीजेपी के साथ विलय करेंगे?

अब सवाल यह उठता है कि क्या एकनाथ शिंदे बीजेपी के इस ऑफर को स्वीकार करेंगे? अगर वह शिवसेना का विलय बीजेपी में करते हैं, तो इसका क्या राजनीतिक परिणाम होगा? क्या शिंदे के साथ उनके समर्थक भी बीजेपी में शामिल होंगे? यह निर्णय महाराष्ट्र की राजनीति के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।

नाटकीय बदलाव और सत्ता संघर्ष

यह सियासी घटनाक्रम यह साफ कर देता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ता संघर्ष अभी थमा नहीं है। फडणवीस और शिंदे के बीच मतभेदों ने राज्य सरकार की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। साथ ही, बीजेपी का शिंदे को शिवसेना का विलय करने का ऑफर यह दर्शाता है कि राज्य में सत्ता की पुनर्रचना की संभावनाएं बनी हुई हैं।

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