कोरोना टीकाकरण फंड में केजरीवाल सरकार पर CAG का बड़ा आरोप: पैसे अटकाए!

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CAG रिपोर्ट: दिल्ली सरकार ने कोरोना टीकाकरण फंड में देरी की, पैसे का खर्च भी नहीं हुआ पूरा

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ताजा रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत किए गए कई फैसलों पर सवाल उठाए हैं। CAG की रिपोर्ट में कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण के लिए केंद्र से प्राप्त धन को लेकर कई गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना टीकाकरण के लिए केंद्र से मिली वित्तीय सहायता को समय पर सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जो पैसा जनवरी और मार्च 2021 में केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को दिया था, वह सहायता कई महीनों तक दिल्ली सरकार के पास अटका रहा, और उसका उपयोग सही समय पर नहीं हो पाया। इस वजह से कोरोना टीकाकरण अभियान में देरी हुई और फंड का पूरा उपयोग भी नहीं किया जा सका।

CAG की रिपोर्ट में कोरोना काल में दिल्ली सरकार का कुप्रबंधन

CAG की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के कार्यों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी, ऑपरेशन थियेटर का बंद होना, दवाओं की किल्लत और अन्य कई प्रशासनिक खामियां उजागर हुई हैं।

इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में भी दिल्ली सरकार ने कई चूकें की। ये सभी मुद्दे सरकार की नीतियों और स्वास्थ्य सेवा के संचालन पर सवाल उठाते हैं।

कोरोना टीकाकरण के लिए केंद्र से मिली सहायता का अटकना

CAG की रिपोर्ट के पेज नंबर 125 पर यह भी बताया गया है कि कोरोना टीकाकरण के लिए दिल्ली सरकार को केंद्र से जो फंड प्राप्त हुआ था, उसमें देरी की गई थी। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को 9.60 करोड़ रुपए की सहायता दी थी, जिसमें से 3.46 करोड़ रुपए जनवरी 2021 में और 6.14 करोड़ रुपए मार्च 2021 में जारी किए गए थे।

लेकिन दिल्ली सरकार ने इन पैसों को अप्रैल और मई 2021 में डीएसएचएस (दिल्ली स्टेट हेल्थ सोसाइटी) को भेजा, जबकि ये फंड पहले ही जारी किए जा चुके थे। इससे यह सवाल उठता है कि दिल्ली सरकार ने इस सहायता राशि को समय पर क्यों नहीं प्राप्त किया और क्यों इसे इतनी देर से खर्च किया गया।

टीकाकरण के लिए फंड का उपयोग: 7.93 करोड़ खर्च हुआ, बाकी पड़ा रहा

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस फंड का पूरा उपयोग नहीं हुआ। मार्च 2022 तक, 9.60 करोड़ रुपए में से सिर्फ 7.93 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए थे, जबकि बाकी का पैसा अटका रहा।

इसका मतलब है कि दिल्ली सरकार ने फंड का पूरा इस्तेमाल नहीं किया और निर्धारित समय सीमा के भीतर इसका पूरा उपयोग नहीं किया गया। यह स्थिति सरकारी योजनाओं और धन के सही उपयोग में पारदर्शिता की कमी को दर्शाती है।

स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी और ऑपरेशन थियेटर का बंद होना

CAG की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के दौरान दिल्ली में अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी थी, जो महामारी के दौरान और भी गंभीर हो गई।

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि ऑपरेशन थियेटर बंद होने और दवाओं की किल्लत ने स्वास्थ्य सेवाओं के सही तरीके से संचालन में गंभीर बाधाएं उत्पन्न की। यह सारी स्थितियां दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की अक्षमता को दर्शाती हैं, जो कोरोना महामारी जैसे संकट के समय और भी अधिक खतरनाक साबित हुईं।

दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य नीति पर सवाल

CAG रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दे दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य नीति पर सवाल खड़ा करते हैं। रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के बजाय कुप्रबंधन को बढ़ावा दिया। इस स्थिति से यह सवाल उठता है कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण के लिए प्राप्त किए गए केंद्रीय धन का सही तरीके से इस्तेमाल क्यों नहीं किया और क्यों यह प्रक्रिया धीमी हो गई।

केंद्र और राज्य सरकार के बीच का अंतर

CAG रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच इस फंड के उपयोग को लेकर समन्वय की कमी थी। जबकि केंद्र सरकार ने समय पर फंड आवंटित किया था, दिल्ली सरकार ने उसे समय पर उपयोग में नहीं लिया, जिससे पूरे टीकाकरण अभियान में देरी हुई। यह स्थिति राज्य सरकार के प्रशासनिक ढांचे में सुधार की आवश्यकता को दर्शाती है।

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