Uddhav Thackeray का भाजपा पर तीखा हमला – “मुसलमानों की इतनी चिंता पर जिन्ना भी शर्मिंदा हो जाते!”
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री Uddhav Thackeray ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर भाजपा पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों द्वारा मुसलमानों के प्रति दिखाई गई ‘चिंता’ मोहम्मद अली जिन्ना को भी शर्मिंदा कर सकती है। ठाकरे ने कहा कि अगर भाजपा सच में मुसलमानों के हित की बात कर रही है और हम इसके खिलाफ हैं, तो बताइए हिंदुत्व से भटक कौन गया है?
हिंदुत्व की राजनीति पर सवाल
Uddhav Thackeray ने भाजपा की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा खुद तय करे कि वह आखिर चाहती क्या है। एक तरफ भाजपा शिवसेना (उद्धव गुट) पर हिंदुत्व से भटकने का आरोप लगाती है और दूसरी तरफ खुद ही ऐसे कानून बना रही है, जिनके बारे में दावा कर रही है कि ये मुसलमानों के लिए फायदेमंद हैं।
“अगर भाजपा को मुसलमान पसंद नहीं, तो झंडे से हरा रंग हटा दे”
Uddhav Thackeray ने भाजपा पर करारा तंज कसते हुए कहा कि अगर भाजपा को मुसलमानों से इतनी परेशानी है, तो उसे अपने पार्टी के झंडे से हरा रंग भी हटा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं ने पहले ईद का जश्न मनाया और फिर संसद में वक्फ बिल पेश कर दिया।
भाजपा की नीयत पर सवाल
Uddhav Thackeray ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी ने वक्फ बिल का विरोध इसलिए किया, क्योंकि भाजपा इस कानून की आड़ में जमीनों पर कब्जा करना चाहती है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा की नीयत साफ नहीं है।
“अगर भाजपा हिंदुत्व की पार्टी है, तो मुसलमानों के हित की बातें क्यों?”
Uddhav Thackeray ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह इस बिल को मुस्लिमों के लिए फायदेमंद बताकर इसके समर्थन में तर्क दे रहे हैं। ठाकरे ने पूछा, “अगर यह बिल मुसलमानों के हित में है, तो फिर हिंदुत्व की पार्टी कौन सी हुई?” उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण करती आई है, लेकिन अब खुद ही मुसलमानों की बेहतरी की बात कर रही है।
अमेरिकी ऐक्शन से ध्यान भटकाने की कोशिश
Uddhav Thackeray ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वक्फ बिल को इसलिए लाया गया, ताकि देश का ध्यान अमेरिकी प्रतिबंधों की ओर से हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश को यह बताना चाहिए कि अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले आर्थिक प्रतिबंधों से निपटने के लिए उनकी सरकार क्या कदम उठा रही है।
“भाजपा तीसरी बार सत्ता में, फिर भी हिंदू-मुस्लिम मुद्दे क्यों?”
ठाकरे ने कहा कि भाजपा केंद्र में तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना चुकी है, फिर भी हिंदू-मुस्लिम मुद्दे उठा रही है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि शायद सब कुछ ठीक नहीं है। अगर भाजपा को सच में विश्वास होता कि उसने अच्छा काम किया है, तो वह बार-बार धार्मिक ध्रुवीकरण का सहारा नहीं लेती।
विपक्षी दलों के लिए बड़ा सवाल
Uddhav Thackeray के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में नई बहस छिड़ गई है। विपक्षी दलों का मानना है कि भाजपा अब खुद को सेक्युलर दिखाने की कोशिश कर रही है। वहीं, हिंदुत्व की राजनीति करने वाले संगठनों को भी अब यह सोचना पड़ेगा कि भाजपा की असली रणनीति क्या है।
क्या Uddhav Thackeray की रणनीति सफल होगी?
Uddhav Thackeray ने भाजपा पर हमला बोलकर राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। आने वाले चुनावों में यह देखने लायक होगा कि क्या ठाकरे की यह रणनीति भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है? या फिर भाजपा अपने पुराने ध्रुवीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाकर राजनीतिक फायदा उठाने में सफल होगी?
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