Bihar भूमि सर्वे की नई नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी, रैयतों को मिलेगा अतिरिक्त समय

By Editor
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Bihar सरकार ने भूमि सर्वे की नई नियमावली को मंजूरी दी, रैयतों को मिलेगी राहत

Bihar में चल रहे भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त की प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए राज्य सरकार ने नई नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है। यह कदम जमीन मालिकों (रैयतों) को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे उन्हें अपने दस्तावेज़ जमा करने और भूमि संबंधी अन्य कार्यों के लिए अधिक समय मिलेगा। बिहार सरकार ने पुरानी नियमावली में कुछ संशोधन किए हैं, ताकि रैयतों को भूमि सर्वे की प्रक्रिया में आसानी हो।

नियमावली में किए गए अहम बदलाव

Bihar: नई नियमावली के अनुसार, रैयतों को अपनी भूमि घोषणा समर्पित करने के लिए 180 कार्य दिवस (6 महीने) का समय मिलेगा, जो पहले कम था। इसके अतिरिक्त, राजस्व ग्राम के मानचित्र सत्यापन की अवधि को भी बढ़ाकर 90 कार्य दिवस (तीन महीने) कर दिया गया है। यह कदम रैयतों को अपने भूमि के विवरणों की जांच करने और सही-सही जानकारी प्रस्तुत करने में मदद करेगा। इसके साथ ही, रैयतों से दावा करने की अवधि को भी बढ़ाकर 60 कार्य दिवस (दो महीने) कर दिया गया है। यह बदलाव भी भूमि विवादों को सुलझाने में मददगार साबित होगा।

दस्तावेज़ जमा करने की समयसीमा बढ़ाई गई

Bihar: इसके अलावा, राज्य सरकार ने भूमि के दस्तावेजों को जमा करने की समयसीमा को भी तीन महीने तक बढ़ा दिया है। इससे रैयतों को अपने दस्तावेजों की तैयारी और पंजीकरण की प्रक्रिया में अतिरिक्त समय मिलेगा। इस फैसले से विशेष रूप से उन रैयतों को फायदा होगा जिनके पास भूमि से संबंधित दस्तावेज़ ठीक से तैयार नहीं थे या जिनके पास पुराने दस्तावेज़ हैं। सरकार के इस कदम से भूमि सर्वे की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सरल होगी।

भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया की शुरुआत

Bihar सरकार ने भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को इस साल 20 अगस्त को शुरू किया था। पहले चरण में ग्रामीण इलाकों में सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान रैयतों को दाखिल-खारिज, सीमा निर्धारण और अन्य भूमि संबंधित मामलों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर पंचायतों और अंचल कार्यालयों में लोग लंबी कतारों में खड़े रहते हैं और उन्हें आवश्यक जानकारी प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। ऐसे में यह नई नियमावली रैयतों के लिए राहत की बात है।

संगठनों की मांग और सरकार का कदम

Bihar: विभिन्न संगठन और भूमि मालिकों के समूह भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को और सुलभ बनाने की मांग कर रहे थे। उनका मानना था कि इस प्रक्रिया के दौरान रैयतों को होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए अधिक समय और सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। उनका कहना था कि यह कदम रैयतों को उनके भूमि संबंधी मामलों में सुधार लाने और बेहतर तरीके से अपने अधिकारों का प्रयोग करने में मदद करेगा।

इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, बिहार सरकार ने भूमि सर्वे की नियमावली में संशोधन करने का फैसला लिया है। इस बदलाव के तहत रैयतों को अधिक समय और दस्तावेज़ जमा करने के लिए सुविधाएं दी गई हैं, जिससे उन्हें भूमि संबंधी प्रक्रियाओं में कोई असुविधा न हो। यह कदम राज्य के लिए एक सकारात्मक पहल साबित हो सकता है, जिससे रैयतों को उनके अधिकारों की रक्षा में मदद मिल सकेगी।

भविष्य में और सुधार की संभावना

Bihar: नई नियमावली में किए गए सुधारों को लेकर राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अन्य सुधार किए जा सकते हैं। राज्य सरकार की कोशिश यह है कि भूमि विवादों को जल्द सुलझाया जा सके और रैयतों को उनकी ज़मीन से संबंधित सभी अधिकार और दस्तावेज़ सही तरीके से मिल सकें। इसके साथ ही, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि भूमि सर्वे की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से हो।

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