बांगलादेश में Chinmoy Prabhu की गिरफ्तारी के बाद 2 और हिंदू पुजारियों की गिरफ्तारी

By Editor
5 Min Read
Chinmoy Prabhu

Chinmoy Prabhu की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हिंदू पुजारियों की गिरफ्तारी

बांग्लादेश में हाल ही में हिंसा और धार्मिक तनाव के बीच, इस्कॉन के पूर्व सदस्य Chinmoy Prabhu की गिरफ्तारी ने स्थिति को और खराब कर दिया था। इस गिरफ्तारी के बाद दो और हिंदू पुजारियों की गिरफ्तारी ने बांग्लादेश में धार्मिक समुदाय के खिलाफ उत्पीड़न के मामलों को फिर से उजागर किया है। चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने पुष्टि की कि दोनों पुजारियों को गिरफ्तार किया गया था जब वे Chinmoy Prabhu को जेल में खाना और दवा देने गए थे। इस गिरफ्तारी को लेकर बढ़ते विवाद ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को और गंभीर बना दिया है।

रुद्रप्रोति केसब दास और रंगनाथ श्यामा सुंदर दास की गिरफ्तारी

गिरफ्तारी का यह घटनाक्रम तब सामने आया जब रुद्रप्रोति केसब दास और रंगनाथ श्यामा सुंदर दास को Chinmoy Prabhu को जेल में खाना और दवा देने के लिए गए थे। प्रवर्तक संघ के प्रमुख स्वतंत्र गौरांग दास ने इस बात की पुष्टि की कि दोनों पुजारियों को उसी समय गिरफ्तार किया गया था। एक वॉयस रिकॉर्डिंग से यह जानकारी प्राप्त हुई, जिसमें गिरफ्तार भक्तों ने यह बताया कि उन्हें कोतवाली पुलिस स्टेशन द्वारा गिरफ्तार किया गया था और एक अन्य वॉयस मैसेज में कहा गया कि उन्हें जेल भेजा जा रहा है।

वॉयस रिकॉर्डिंग से खुलासा

प्रवर्तक संघ के प्रमुख स्वतंत्र गौरांग दास ने वॉयस रिकॉर्डिंग के माध्यम से जानकारी प्राप्त की और कहा कि यह घटना चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि भक्तों द्वारा भेजी गई रिकॉर्डिंग में यह कहा गया कि दोनों पुजारियों को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जेल भेजा जा रहा था। यह घटनाक्रम बांग्लादेश में धार्मिक समुदायों के खिलाफ बढ़ते असहमति और हिंसा की ओर इशारा करता है।

पुलिस अधिकारी की टिप्पणी और संदिग्ध ठहराने का बयान

बांग्लादेशी पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए पुजारियों को चल रही जांच में संदिग्ध माना जा रहा है, लेकिन पुलिस अधिकारी ने मामले की विस्तृत जानकारी देने से इनकार किया। पुलिस ने यह स्पष्ट किया कि मामले की जांच जारी है और पुजारियों की गिरफ्तारी से संबंधित और कोई विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है। हालांकि, इन गिरफ्तारीयों ने यह साफ कर दिया कि धार्मिक आधार पर उत्पीड़न और हिंसा के मामले बांग्लादेश में गंभीर रूप ले चुके हैं।

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमले और विवाद

Chinmoy Prabhu की गिरफ्तारी और इसके बाद की घटनाओं ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ धार्मिक हिंसा और उत्पीड़न की समस्या को और गंभीर बना दिया है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय लंबे समय से धार्मिक भेदभाव और उत्पीड़न का सामना कर रहा है, और हालिया घटनाएं इस स्थिति को और बढ़ा रही हैं। हिंदू धार्मिक नेता और समर्थक चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद, यह मामला केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समुदाय के खिलाफ एक और हमले की तरह सामने आया है।

राजनीतिक और धार्मिक प्रतिक्रिया

Chinmoy Prabhu के समर्थकों के खिलाफ गिरफ्तारी और उत्पीड़न ने राजनीतिक और धार्मिक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है। कई धार्मिक और राजनीतिक संगठन इस उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं और बांग्लादेश सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा की जाए। इस्कॉन और अन्य धार्मिक समूहों ने बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और सरकार से कार्रवाई की मांग की है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता

इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की है। कई देशों ने बांग्लादेश सरकार से इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है, ताकि हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते धार्मिक भेदभाव और हिंसा को रोका जा सके।

बांग्लादेश में धार्मिक सहिष्णुता का संकट

Chinmoy Prabhu की गिरफ्तारी और उसके बाद पुजारियों की गिरफ्तारी ने बांग्लादेश में धार्मिक सहिष्णुता के संकट को उजागर किया है। जहां एक ओर सरकार धार्मिक शांति और सहिष्णुता का समर्थन करती है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक समुदायों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस प्रकार की घटनाएं बांग्लादेश की धार्मिक विविधता को चुनौती दे रही हैं और इसके साथ ही देश के अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी असर डाल रही हैं।

अमेरिका में रिश्वत के आरोप: Adani ने बढ़ते विवाद के बीच तोड़ी चुप्पी

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *