राजस्थानी वैभव का पुनर्जागरण — आमेर के हाथी गांव में बढ़ी शाही बुकिंग, सजधजकर निकलेंगी देवउठनी की बारातें
जयपुर: देवउठनी एकादशी के शुभ अवसर पर इस बार जयपुर में शादियों का शाही रंग देखते ही बन रहा है। परंपरा और राजसी वैभव के मेल से सजी दूल्हे की बारातों के लिए आमेर के हाथी गांव के 75 में से करीब 65 हाथी (80%) पहले ही बुक हो चुके हैं। इन हाथियों को प्राकृतिक रंगों और शाही आभूषणों से सजाया जाएगा, जो एक बार फिर राजा-महाराजाओं की शादियों का अहसास दिलाएंगे।
राजसी परंपरा का जीवंत रूप
हाथी गांव विकास समिति के अध्यक्ष बल्लू खान के अनुसार, इस बार हाथी, घोड़े, ऊंट, बग्गी और शाही पालकी से सजी बारातें राजस्थान की परंपरागत शान और गौरव को फिर से जीवंत करेंगी।
शाही साज-सज्जा में होगा ‘देसी टच’
सावे के दिन सुबह से ही हाथियों को प्राकृतिक चॉक पाउडर, फूलों और रंगों से सजाया जाएगा। मेटल हौदे, लाल झूल, कंठा, और सिल्वर ज्वेलरी से उन्हें पारंपरिक लुक दिया जाएगा। सिर पर ‘श्री’ का आभूषण उनकी शान में चार गुना इज़ाफा करेगा।
पिछले साल से 75% ज्यादा बुकिंग
हाथी मालिकों का कहना है कि इस बार बुकिंग पिछले वर्ष की तुलना में 75% अधिक है। यह न केवल सांस्कृतिक परंपरा के पुनर्जीवन का संकेत है, बल्कि इस पेशे से जुड़े परिवारों के रोज़गार में भी बढ़ोतरी हो रही है।
वन विभाग की गाइडलाइन के तहत होगी आवाजाही
सभी हाथियों को सुरक्षित तरीके से विभिन्न जिलों में भेजने के लिए वन विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
दूरी के अनुसार किराया तय है —
- जयपुर शहर में: ₹15,000 से ₹20,000
- जोधपुर तक: ₹70,000 तक
संस्कृति और आधुनिकता का मेल
देवउठनी एकादशी पर शाही शादियों का यह उत्सव केवल परंपरा नहीं, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक दौर में जीवंत रखने का प्रतीक बन गया है।