Rajiv Kumar का विदाई भाषण: चुनाव आयोग के कामकाज पर उठाए महत्वपूर्ण सवाल
देश के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) Rajiv Kumar ने अपने कार्यकाल के समापन पर निर्वाचन आयोग में एक महत्वपूर्ण विदाई भाषण दिया। अपने भाषण में उन्होंने न केवल चुनाव आयोग के कार्यों और सुधारों पर बात की, बल्कि चुनावों के दौरान फैलने वाली अफवाहों, विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाओं, और निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता के महत्व पर भी जोर दिया। आइए जानते हैं Rajiv Kumar ने अपने विदाई भाषण में क्या-क्या अहम बातें कही।
चुनाव आयोग पर विपक्षी दलों के आरोप और Rajiv Kumar की प्रतिक्रिया
Rajiv Kumar ने अपने विदाई भाषण में चुनाव आयोग के खिलाफ बिना सोचे-समझे आरोप लगाने वाले विपक्षी दलों को कड़ी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जब चुनाव परिणाम किसी दल की इच्छानुसार नहीं आते, तो उस दल द्वारा चुनाव आयोग पर बिना किसी प्रमाण के आरोप लगाए जाते हैं। यह स्थिति सही नहीं है, और चुनाव आयोग को इस तरह की आलोचना का सामना करना पड़ता है। उनका मानना था कि ऐसे आरोपों से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता प्रभावित होती है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गंभीरता पर सवाल उठते हैं।
झूठी खबरों और अफवाहों का मुद्दा
Rajiv Kumar ने यह भी उल्लेख किया कि चुनाव और मतगणना के समय झूठी खबरों और अफवाहों का फैलना एक गंभीर समस्या है। उन्होंने इसे जानबूझकर किया गया प्रयास बताया, जिसका उद्देश्य तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना और मतदाताओं को गुमराह करना होता है। कुमार ने कहा कि यह स्थिति चुनावी प्रक्रिया में विश्वास को कमजोर करती है और लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका को स्पष्ट किया और कहा कि सभी उम्मीदवार और दल चुनाव के हर चरण में पारदर्शिता के साथ शामिल होते हैं और बाद में इस प्रक्रिया पर संदेह उठाना ठीक नहीं है।
न्यायपालिका से चुनाव की समयसीमा का ध्यान रखने की अपील
Rajiv Kumar ने अपने भाषण में न्यायपालिका से एक महत्वपूर्ण अपील की। उन्होंने कहा कि चुनाव की समयसीमा का ध्यान रखा जाए और अदालतें चुनावी मामलों में त्वरित निर्णय लें ताकि चुनावी प्रक्रिया में कोई व्यवधान न आए। उनकी यह अपील चुनावों की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनावी माहौल में अक्सर कानूनी मामलों का समाधान जल्दी होना चाहिए।
चुनावी सुधारों की आवश्यकता
Rajiv Kumar ने चुनावी प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुधारों की सिफारिश की। इनमें से एक था ईवीएम से वोटों की गिनती के वक्त टोटलाइजर मशीन का उपयोग। उन्होंने कहा कि यह मशीन चुनाव परिणामों की पारदर्शिता को बढ़ाएगी और मतगणना प्रक्रिया को और अधिक सटीक बनाएगी। साथ ही, कुमार ने घरेलू प्रवासियों और एनआरआई वोटरों को वोट देने में मदद करने के लिए तकनीकी समाधान की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उनका मानना था कि यह उपाय चुनाव प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाएंगे।
मुफ्त उपहारों के घोषणाओं पर वित्तीय स्पष्टता की अपील
Rajiv Kumar ने राजनीतिक दलों से एक अहम अपील की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को चुनावों के दौरान मुफ्त उपहारों की घोषणाओं के साथ स्पष्ट वित्तीय जानकारी देनी चाहिए। यह जानकारी मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वे जान सकें कि ये घोषणाएं किस तरह से चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं और इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यह कदम चुनावों की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करेगा।
सोशल मीडिया पर झूठी खबरों का फैलाव
Rajiv Kumar ने सोशल मीडिया कंपनियों से नकली सामग्री का पता लगाने और उसे चिह्नित करने की अपील की। उन्होंने यह कहा कि चुनाव के दौरान और मतगणना के समय सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं फैलाई जाती हैं। यह तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और मतदाताओं को गुमराह करने की एक सोची-समझी रणनीति है। कुमार का मानना था कि यह समस्या चुनावी प्रक्रिया में गंभीर रूप से हस्तक्षेप करती है और इसे जल्द ही रोकने की आवश्यकता है।
टोटलाइजर का महत्व और उसकी भूमिका
Rajiv Kumar ने चुनावों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए टोटलाइजर मशीन की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि टोटलाइजर मशीन के उपयोग से ईवीएम द्वारा की गई वोटों की गिनती का सही परिणाम प्राप्त किया जा सकता है। यह मशीन एक समय में 14 ईवीएम से जुड़ी होती है और इन ईवीएम के डेटा का कुल योग उम्मीदवार दर उम्मीदवार दिखाता है। इस प्रक्रिया से उम्मीदवार यह पता नहीं लगा सकते कि उन्हें किस इलाके में कितने वोट मिले हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी हो जाती है।
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