Kundra पोर्न रैकेट मामले में गिरफ्तारी: ED की जांच और खुलासा
Raj Kundra, बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति, जून 2021 में एक गंभीर मामले में गिरफ्तार हुए थे, जिसमें उन्हें कथित तौर पर ‘अश्लील’ फिल्में बनाने और वितरित करने के आरोप में पकड़ा गया। मुंबई पुलिस का दावा था कि राज कुंद्रा इस पूरे पोर्न रैकेट के मुख्य साजिशकर्ता थे और उनकी कंपनी पोर्न फिल्में बनाने के साथ-साथ उनके जरिए अवैध रूप से भारी रकम भी कमा रही थी। कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद, इस मामले ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था और यह मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया।
कैसे खुला Raj Kundra के बिजनेस का राज?
कुंद्रा के इस रैकेट का पर्दाफाश एक लड़की द्वारा मुंबई के मालवणी थाने में दर्ज की गई शिकायत के बाद हुआ था। यह शिकायत 4 फरवरी, 2021 को दर्ज की गई थी, जब उस लड़की ने आरोप लगाया था कि वह कुंद्रा और उनकी कंपनी के पोर्न फिल्म रैकेट में फंसी हुई थी। उसने पुलिस को बताया कि उसे इस रैकेट के हिस्से के रूप में अश्लील फिल्में बनाने के लिए मजबूर किया गया था। इसके बाद मुंबई पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और कुंद्रा के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए।
मुंबई पुलिस का दावा और कुंद्रा का नेटवर्क
मुंबई पुलिस ने अपनी जांच में यह खुलासा किया कि राज कुंद्रा और उनकी कंपनी पोर्न फिल्मों के निर्माण और वितरण के जरिए अवैध तरीके से भारी कमाई कर रहे थे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी दावा किया कि कुंद्रा और उनके सहयोगियों ने देश के कानून को दरकिनार करते हुए पूरी प्रक्रिया को गोपनीय रखा था। पुलिस के मुताबिक, कुंद्रा के पास एक पूरी टीम थी जो अश्लील फिल्में बनाने, शूट करने और उन्हें विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर अपलोड करने का काम करती थी।
मुंबई पुलिस ने यह भी बताया कि राज कुंद्रा ने एक ऐप और वेबसाइट बनाई थी, जिनके माध्यम से यह फिल्में वितरित की जाती थीं। यह ऐप और वेबसाइट विशेष रूप से एक एक्सक्लूसिव सदस्यता प्रणाली के तहत काम करती थीं, जहां यूजर्स को अश्लील सामग्री देखने के लिए पैसे देने पड़ते थे। यह पूरे रैकेट को एक वैध बिजनेस के रूप में प्रस्तुत किया गया था, हालांकि यह पूरी तरह से अवैध था और भारतीय कानून के तहत अपराधी था।
Raj Kundra के जमानत पर रिहाई
Raj Kundra को इस मामले में दो महीने तक जेल में रहना पड़ा था, लेकिन बाद में वह सितंबर 2021 में जमानत पर बाहर आ गए। उनकी जमानत याचिका पर मुंबई उच्च न्यायालय ने विचार किया था, और अदालत ने उन्हें जमानत दी, लेकिन उनके खिलाफ आरोपों की जांच जारी रही। जमानत मिलने के बावजूद, कुंद्रा का नाम लगातार मीडिया में छाया रहा और इस मामले ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री और समाज में बड़े पैमाने पर चर्चा को जन्म दिया।
साक्षात्कार और सोशल मीडिया के दबाव
इस मामले के खुलासे के बाद, Raj Kundra ने सोशल मीडिया और मीडिया के सामने कई बार अपनी सफाई दी। उनका कहना था कि वह इस मामले में निर्दोष हैं और उन्होंने किसी भी प्रकार का अवैध काम नहीं किया है। हालांकि, पुलिस के पास आरोपों के समर्थन में काफी सबूत थे, जिनमें उनके फोन और लैपटॉप से बरामद जानकारी भी शामिल थी। इस मामले में मीडिया का दबाव बढ़ता गया, और राज कुंद्रा का व्यवसायिक जीवन भी प्रभावित हुआ। कई विज्ञापनों और कंपनियों से उनका संबंध खत्म हो गया, और उनकी छवि को नुकसान हुआ।
Raj Kundra के बिजनेस की प्रकृति
Raj Kundra का व्यापार सिर्फ पोर्न फिल्म उद्योग तक सीमित नहीं था, बल्कि वह एक सफल व्यवसायी भी माने जाते थे। उनका व्यवसाय कई क्षेत्रों में फैला हुआ था, जिनमें फिल्म प्रोडक्शन, क्रिकेट फ्रेंचाइजी, और ऑनलाइन प्लेटफार्म भी शामिल थे। हालांकि, पोर्न रैकेट मामले में उनकी गिरफ्तारी ने उनके पूरे करियर और प्रतिष्ठा को संकट में डाल दिया।
उनके कारोबार में, उनका एक ऐप भी शामिल था जो दावा करता था कि यह “अडल्ट कंटेंट” से संबंधित था, लेकिन इस प्लेटफार्म के जरिए जो सामग्री वितरित की जा रही थी, वह भारतीय कानून के हिसाब से अश्लील थी। यह ऐप विशेष रूप से मोबाइल यूजर्स के बीच लोकप्रिय था और इसके जरिए कुंद्रा का नेटवर्क और उनका रैकेट बड़े पैमाने पर चल रहा था।
सामाजिक और कानूनी परिणाम
Raj Kundra की गिरफ्तारी और इस पूरे रैकेट के खुलासे ने भारतीय समाज और फिल्म इंडस्ट्री को गहरे झटके दिए। यह मामला न केवल बॉलीवुड के चौंकाने वाले पहलुओं को उजागर करता है, बल्कि यह भारतीय समाज में इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लील सामग्री के बढ़ते प्रभाव और उसके कानूनी पहलुओं पर भी सवाल उठाता है। इस मामले ने यह भी दिखाया कि कैसे एक बड़ा व्यवसाय और कानून के घेरे में काम करने वाले लोग भी कभी-कभी अवैध गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं।
Raj Kundra के खिलाफ पुलिस की जांच अभी भी जारी है, और कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जो इस रैकेट का हिस्सा थे। इसके बावजूद, इस मामले के परिणाम भारतीय समाज के लिए एक चेतावनी हैं कि इंटरनेट और डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए कड़ी निगरानी और कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है।
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