हर रंग कुछ कहता है, जानिए रंगों की भाषा
मानवीय भाव और संवेदनाओं को व्यक्त करने के लिए रंगों से बेहतर माध्यम क्या हो सकता है, पर जिन रंगों के जरिए आप खुद को व्यक्त करते हैं, क्या उनकी भाषा आप जानते हैं? अगर नहीं तो, चलिए इस रंगोत्सव आपका परिचय रंगों की दुनिया से करवाते हैं…
जरा सोचिए अगर रंग नहीं होते तो ये दुनिया कैसी होती, हमारा जीवन कैसा होता है… सोचना दूभर हो रहा है ना, क्योंकि रंगों के बिना जीवन की कल्पना भी सम्भव नहीं है। पर वहीं अगर इसके दूसरे पहलू पर गौर करें तो असल में इस धरती पर किसी भी चीजका अपना कोई रंग नहीं है…हवा, पानी, अंतरिक्ष और पूरा संसार ही रंगहीन है।यहां रंग तो सिर्फ प्रकाश में होता है, जोकि सात रंगों के संयोग से बना होता है। ऐसे में जब ये प्रकाश किसी भी चीज़ पर पड़ता है तो वो चीज़ प्रकाश के रंगों को अपने अंदर समेट लेती है और जो रंग वो समेट नहीं पाती वही पलट कर वापस हमें दिखाई पड़ती है। यानि कि किसी भी चीज का रंग वो नहीं है जोकि हमें दिखाई पड़ता है, बल्कि वो है जोकि वो त्याग करता है।
स्पष्ट है कि रंग एक ऊर्जा है, रंग एक भाव है, रंग अभिव्यक्ति है… आपजोरंगबिखेरतेहैं, वहीआपकारंगहोजाता है और दुनिया आपको उसी से जानती है। इस तरह से रंग प्रकृति में ऊर्जा के रूप में संचारित होता है, ये सिर्फ आंखों पर ही अपना प्रभाव नहीं छोड़ता, बल्कि ये मन-मस्तिष्क पर भी असर छोड़ता है। शायद यही वजह है कि भारतीय संस्कृति में रंगों के उ्त्सव के रूप में होली मनाई जाने की परम्परा है, जब लोग एक दूसरे को रंग लगाकर स्नेह व्यक्त करते हैं। ऐसे में जिन रंगों के जरिए आप खुद की अभिवयक्ति करते हैं, उनके बारे में भी जानना लाज़मी बनता है। चलिए जानते हैं रंगों की भाषा…
इंद्रधनुष के सात रंग
वैसे तो आज के समय में कई तरह के रंग अस्तित्व में आ चुके हैं, लेकिन बात करें प्राकृतिक रंगों की तो सूर्य की किरणों में सात रंग ही समाहित होते हैं… लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी और बैगनी। चलिए जानते हैं इंद्रधनुष के सात रंगों के बारे में…
शौर्य का प्रतीक लाल रंग
जी हां, लाल रंग साहस और शौर्य का प्रतीक होता है। शरीर में बहने वाले रक्तकारंग लालहोताहै, उगते सूरज का रंग भी लाल होता है… देखा जाए तो जीवन में जो भी महत्वपूर्ण है उसका रंग लाल है। इस तरह से लाल रंग जीवन शक्ति का परिचय है। साथ ही लाल रंग से नेतृत्व क्षमता, रोमांच, सजीवता और आत्मविश्वास झलकता है।
उर्जा से भरपूर नारंगी रंग
लाल व पीले रंग से बनता है नारंगी और ऐसे नारंगी रंग में दोनो रंग के गुण समाहित है, इसमें लाल रंग की शक्ति और पीले रंग का शीतलता दोनो है। इस तरह से दोनो नारंगी रंग बेहद ही ऊर्जावान और प्ररेणादायी होता है। वहीं ये रंग महत्वाकांक्षा का भी सूचक होता है, जिन लोगों को ये रंग पसन्द होता है, उनकी महत्वकांक्षाए भी उच्च होती है।
शुभता का परिचायक पीला रंग
पीला रंग पवित्रता का सूचक माना जाता है, यही वजह है कि हिंदू धर्म के सभी शुभ कार्यो में पीले रंग का प्रयोग किया जाता है। इस रंग के इस्तेमाल से से मानसिक शांति मिलती है और मन से दुरविचार दूर होते हैं। दरअसल, पीला रंग नकारात्मक ऊर्जा का दूर कर वातावरण को शांत और शुद्ध करता है। साथ ही ये रंग सृजन का भी परिचायक होता है।
शांति का सूचक हरा रंग
हरा रंग शांति और प्रकृति का प्रतीक है… पेड़-पौधे, वन-उपवन से लेकर पूरे प्रकृति में व्याप्त हरा रंग शांति, शीतलता और स्फूर्ति का संचार करता है। ये रंग आंखों और मन-मस्तिष्क के लिए बेहद सुखदायक होता है, ऐसे में ये रंग मानसिक तनाव से मुक्ति देता है। इसके साथ ही ये रंग रचनात्मकता और कार्यक्षमता को बढ़ावा देता है।
विशालता का प्रतीक नीला रंग
इस धरती पर नदी, सागर और आकाश जैसी चीजे जो कि विशाल और अनंत है, वो सब नीले को समाहित किए हुए है। यहां तक कि हमारेशरीरका 60 से 72प्रतिशतहिस्साजल के नीलाही है।इस तरह से देखा जाए तो नीला रंग विशालता और अनंतता का प्रतीक है। साथ ही ये रंग समानता और स्नेह का भी प्रतीक है, क्योंकि विशाल नीले आसमान के नीचे सब एक समान हैं, उनमें कोई भेद नहीं है।
रहस्य सा गहरा जामुनी रंग
जामुनी रंग गहराई और रहस्य का सूचक है। इस रंग के प्रयोग से व्यक्ति में गंभीरता और दूर्दशिता बढ़़ती है। वहीं ये रंग कुंडलिनीशक्तिकेसातवेंचक्रसेभीजुडा़है, ऐसे में ये रंग अध्यात्मिकता को भी बढावा देता है। इसके अलावा ये रंग स्वास्थ्य पर बेहद अनुकूल प्रभाव डालता है, इस रंग के इस्तेमाल से रक्त सम्बंधी बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है।
सुख-समृद्धीकारी बैंगनी रंग
बैंगनी रंग राजसी वैभव और विलासिता का प्रतीक होता है,ऐसे में ये रंग जीवन से नीरसता दूर को उसे रोचक और सुख-समृद्धीकारी बनाता है। वहीं इस रंग के इस्तेमाल से काम भावना मजबूत होती है। जीवन में रोमांस और प्रेम का संचार होता है। इसके अलावा बैंगनी रंग कल्पनाओं का विस्तार देता है, जिससे व्यक्ति की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को विस्तार मिलता है।

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रिपोर्ट : यशोधरा वीरोदय – सीनियर कंटेंट राइटर
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