राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सिलेंस योजना को विवेकानंद स्कॉलरशिप में बदलकर उसकी मूल भावना को खत्म कर दिया है। यह योजना 500 मेधावी छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा दिलाने के लिए शुरू की गई थी।
गहलोत ने कहा कि विदेशों में एडमिशन सेशन खत्म होने को है, लेकिन अभी तक स्कॉलरशिप की राशि जारी नहीं की गई है। इससे छात्रों की फीस जमा नहीं हो पा रही है और उनका भविष्य संकट में है। उन्होंने सरकार के उस तर्क को खारिज किया जिसमें कहा गया है कि फीस का बाद में पुनर्भरण किया जाएगा। गहलोत ने सवाल उठाया कि यदि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के पास इतनी राशि होती, तो वे स्कॉलरशिप का इंतजार क्यों करते?
उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेने की मांग की ताकि छात्रों का भविष्य बर्बाद होने से बचाया जा सके। गहलोत ने यह भी याद दिलाया कि पिछले साल भी इसी योजना में छात्रों को परेशानी हुई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार की नीयत और नीति दोनों पर सवाल उठते हैं।