INDIA, अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए डिफेंस सेक्टर में बड़ी पहल करने जा रहा है। आगामी महीनों में, भारत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रक्षा डील्स पर हस्ताक्षर करेगा, जिससे भारतीय सैन्य बलों की फायर पावर और कॉम्बैट कैपेबिलिटीज में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। ये समझौते भारतीय बेड़े को अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करेंगे, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
1.5 लाख करोड़ की डिफेंस डील
भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए ये डील्स देश की रक्षा क्षमताओं को व्यापक रूप से सुधारने के उद्देश्य से हैं। सूत्रों के मुताबिक, 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष से पहले INDIA 4 महत्वपूर्ण रक्षा समझौतों को अंतिम रूप देने की योजना बना रहा है। इन समझौतों में फाइटर जेट्स, पनडुब्बियां, हेलीकॉप्टर और तोपों की खरीदारी शामिल है, जिनकी कुल लागत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। ये डील्स भारतीय सैन्य बलों की फायर पावर को बढ़ाने के साथ-साथ उनके कॉम्बैट कौशल को भी मजबूत करेंगी।
राफेल लड़ाकू जेट्स की खरीदारी
INDIA, अपनी वायुसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। INDIA जल्द ही फ्रांस के साथ 26 राफेल-मरीन लड़ाकू जेट्स के अधिग्रहण के लिए लगभग 63,000 करोड़ रुपये का समझौता करने जा रहा है। यह समझौता भारतीय सेना की आक्रमण क्षमता को और अधिक प्रभावी बनाएगा, और इन राफेल जेट्स को भारतीय नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के डेक पर तैनात किया जाएगा।
राफेल जेट्स भारतीय वायुसेना के बेड़े में पहले से ही शामिल हैं, और अब इन जेट्स की मरीन संस्करण को नौसेना में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही, इन जेट्स के साथ जुड़ी हुई ट्रेनिंग, हथियार, सिमुलेटर और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे इनकी ऑपरेशनल क्षमता में और सुधार होगा।
नौसेना के लिए अत्याधुनिक जेट्स और पनडुब्बियां
भारतीय नौसेना के लिए भी कई महत्वपूर्ण समझौते किए जा रहे हैं। इनमें से एक प्रमुख डील 22 सिंगल-सीट मैरीटाइम जेट्स और 4 ट्विन-सीट ट्रेनर जेट्स के अधिग्रहण की है, जिससे भारतीय नौसेना की लड़ाकू क्षमता में और वृद्धि होगी। इन जेट्स का उपयोग समुद्र में दुश्मनों का सामना करने और निगरानी रखने के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा, भारतीय नौसेना के लिए पनडुब्बियां भी इस डील का हिस्सा होंगी, जो समुद्र के भीतर दुश्मनों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। भारत इन पनडुब्बियों के साथ अपने समुद्री सुरक्षा नेटवर्क को और मजबूत करेगा।
सेना और वायुसेना के लिए तोपों और हेलीकॉप्टरों की खरीदारी
भारतीय सेना और वायुसेना के लिए भी कई महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों की खरीदारी की जा रही है, जिसमें तोपों और हेलीकॉप्टरों का प्रमुख स्थान है। इन उपकरणों से भारतीय सेना की जमीनी सुरक्षा और वायुसेना की प्रतिक्रिया क्षमता में वृद्धि होगी। इस डील के तहत शामिल होने वाले तोपों और हेलीकॉप्टरों से भारतीय सेना को अधिक सक्षम और प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला करने में आसानी होगी।
सुरक्षा पर कैबिनेट समिति से मंजूरी का इंतजार
इन सभी समझौतों पर अंतिम निर्णय पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति से लिया जाना है। सूत्रों के मुताबिक, इन डील्स को जल्द ही अंतिम मंजूरी मिल सकती है, और इसके बाद INDIA अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत करने के लिए इन हथियारों की खरीदारी की प्रक्रिया शुरू करेगा।
INDIA का उद्देश्य: आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली
INDIA का यह कदम पूरी तरह से आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस समय दुनिया भर में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए, INDIA ने अपनी रक्षा क्षमता को और अधिक सक्षम बनाने के लिए इन समझौतों पर जोर दिया है। INDIA के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह अपनी सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करे, ताकि किसी भी बाहरी खतरे से निपटने के लिए वह तैयार रहे।
INDIA का उद्देश्य अपनी रक्षा नीतियों और योजनाओं के तहत अपनी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को और मजबूत बनाना है। आने वाले समय में, INDIA एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति के रूप में उभरने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
Read More: Maha Kumbh मेला 2025: मकर संक्रांति पर होगा पहला अमृत स्नान