Israel की बढ़त खोने पर ट्रंप ने हमास को दी ‘नरक’ की धमकी

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Israel-हमास युद्धविराम पर संकट, ट्रंप को दी गई ‘नरक’ की धमकी

Israel और हमास के बीच युद्धविराम समझौता खतरे में आ गया है। हमास ने Israel पर युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है और इसके चलते बंधकों की रिहाई रोक दी है। हमास का कहना है कि Israel ने पिछले तीन हफ्तों में बार-बार युद्धविराम की शर्तों को तोड़ा है। इससे युद्धविराम पर समझौता करना और मुश्किल हो गया है, और अब Israel के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं।

हमास का आरोप और ट्रंप की प्रतिक्रिया

इस घटनाक्रम के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा के पुनर्वास योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत गाजा के निवासियों को पड़ोसी अरब देशों में बसाने और गाजा का पुनर्निर्माण करने का प्रस्ताव दिया गया था। हमास और अरब देशों ने इस योजना का विरोध किया था। ट्रंप ने हमास को नेस्तनाबूद करने की धमकी दी थी, जो कि युद्धविराम समझौते की प्रक्रिया में अड़चन का कारण बनी।

ट्रंप की धमकी ने समझौते की प्रक्रिया को और भी जटिल बना दिया है, जिससे Israel और हमास के बीच तनाव बढ़ गया है। अमेरिका और इजरायल दोनों का मानना था कि हमास ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, इसलिए उसे इसे पूरा करना चाहिए। लेकिन हमास के फैसले ने दोनों देशों के सामने नई राजनीतिक और सैन्य चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।

युद्धविराम समझौते का संकट और Israel की प्रतिक्रिया

येरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, हमास के इस फैसले ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके पश्चिम एशिया के प्रतिनिधि स्टीव विट्कॉफ के लिए एक बड़ी परीक्षा पैदा कर दी है। ट्रंप प्रशासन का मानना था कि हमास को समझौते का पालन करना चाहिए, लेकिन अब इस समझौते को लेकर न केवल इजरायल बल्कि अमेरिका को भी एक नई चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप के इस गाजा पुनर्वास योजना के खिलाफ हमास और अरब देशों के विरोध ने युद्धविराम समझौते को मुश्किल बना दिया है।

Israel ने अभी तक इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हमास डील को बिगाड़ने के बजाय यह संकट पैदा करने का प्रयास कर रहा है। यह हमास के लिए एक संदेश है, जिससे यह साबित होता है कि वह इस समझौते के अगले चरण में इजरायल को दबाव में लाना चाहता है। इजरायल के लिए यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है क्योंकि हमास के साथ युद्ध फिर से छिड़ सकता है, और ऐसे समय में सही प्रतिक्रिया देना जरूरी हो गया है।

Israel में सैन्य और राजनीतिक चर्चा

Israel में इस मुद्दे पर सरकार और सैन्य अधिकारियों के बीच गंभीर चर्चा चल रही है कि हमास के फैसले पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए। इजरायल को युद्धविराम समझौते को बचाने और साथ ही बंधकों की रिहाई को सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिक्रिया में संयम बरतना होगा।

सरकार के भीतर यह चर्चा हो रही है कि युद्धविराम समझौते को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। हालांकि, अब यह स्थिति स्पष्ट नहीं है कि इजरायल का अगला कदम क्या होगा, क्योंकि हमास के फैसले ने राजनीति और सैन्य दोनों ही स्तरों पर नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

बंधकों की स्थिति और Israel का दबाव

इस समय हमास के कब्जे में 76 बंधक हैं, जो Israel के लिए एक बड़ा संकट है। बंधकों की रिहाई को लेकर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, और इजरायल के सामने एक बड़ा सवाल यह है कि वह अपनी बढ़त खोने के बावजूद इन बंधकों की रिहाई कैसे सुनिश्चित करेगा। युद्धविराम समझौते की स्थिति और हमास के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए इजरायल को अपनी रणनीति में बदलाव करने की जरूरत हो सकती है।

Israel और अमेरिका की रणनीतिक चुनौती

अमेरिका और Israel का मानना था कि हमास को समझौते का पालन करना चाहिए, लेकिन हमास के इस कदम से यह स्थिति बदल सकती है। अब इजरायल और अमेरिका को समझौते को पुनः स्थापित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाना होगा। अमेरिका को अब यह विचार करना होगा कि क्या वह इजरायल पर अधिक दबाव डालेगा, ताकि हमास को युद्धविराम के शर्तों का पालन करने के लिए मजबूर किया जा सके।

आने वाले दिनों में युद्धविराम समझौते का भविष्य

इस समय यह साफ नहीं है कि Israel और हमास के बीच क्या होने वाला है। युद्धविराम समझौते पर संकट बना हुआ है और हमास की चुनौती के बाद इजरायल को अपनी प्रतिक्रिया में अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। यह भी साफ नहीं है कि क्या इस संकट के बाद दोनों पक्ष समझौते के अगले चरण तक पहुंच पाएंगे या फिर युद्ध की स्थिति और खराब हो जाएगी।

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