हमास की चालें और Israeli सेना की लापरवाही, रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा!

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हमास के घातक हमले से Israeli में मचाई हलचल, सेना की विफलता पर गहरा सवाल

7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकवादियों ने Israeli पर जो घातक हमला किया, वह Israeli के इतिहास में सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक बन गया। हमले के बाद Israeli सेना ने इस हमले को रोकने में पूरी तरह से विफलता की बात स्वीकार की है, और अब इस हमले को लेकर आंतरिक जांच के नतीजे Israeli सरकार और सेना के लिए बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट में यह सामने आया है कि Israeli की सेना ने हमास के इरादों और उसकी क्षमताओं को कम करके आंका, जिसका परिणाम यह हुआ कि Israeli को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

Israeli सेना की विफलता: क्या था हमास का असली इरादा?

जांच रिपोर्ट में यह बताया गया है कि Israeli सेना ने हमास की क्षमताओं और उसकी रणनीति को गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें लगता था कि हमास बड़े पैमाने पर हमला करने की स्थिति में नहीं है, लेकिन हमास ने इजरायल पर सबसे घातक हमले को अंजाम दिया। इजरायल के इतिहास में यह हमला सबसे ज्यादा मौतों और विनाश का कारण बना। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि सेना ने आतंकी समूह के इरादों को गलत समझा और इसकी शक्ति का ठीक से मूल्यांकन नहीं किया। इसका नतीजा यह हुआ कि जब हमले ने इजरायल को चौंका दिया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर बढ़ा दबाव: क्या गलत हुआ?

इस रिपोर्ट के परिणामस्वरूप, Israeli के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर दबाव बढ़ गया है। इस हमले के बाद से सार्वजनिक दबाव और राजनीतिक आलोचना का सामना कर रहे नेतन्याहू ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है। उनका कहना है कि युद्ध के बाद ही इस पर सख्त सवालों के जवाब दिए जाएंगे। इसके अलावा, इस रिपोर्ट ने इजरायल के प्रधानमंत्री की रणनीति पर सवाल उठाए हैं, खासकर गाजा में कतर द्वारा नकदी भेजने की अनुमति देने और हमास के प्रतिद्वंद्वी फिलिस्तीनी प्राधिकरण को हाशिए पर डालने की नीति को लेकर। इस नीति को लेकर इजरायल में कई लोगों का मानना है कि यह कदम हमास को मजबूत करने की दिशा में था।

गाजा में बड़े पैमाने पर युद्ध: संघर्ष विराम और नए संकट का संकेत

7 अक्टूबर के हमले के बाद गाजा में युद्ध छिड़ गया, जिसमें Israeli सेना और हमास के बीच भीषण संघर्ष हुआ। इस हमले में लगभग 1200 इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी, जबकि हमास ने गाजा में 251 इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया था। इन घटनाओं ने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया और इजरायल के भीतर भी गहरा तनाव पैदा कर दिया। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस हमले के बाद एक जांच आयोग के गठन की मांग को खारिज कर दिया, हालांकि पीड़ित परिवारों और सार्वजनिक दबाव ने इस कदम को लेकर सवाल उठाए।

संघर्ष विराम की स्थिति और Israeli का रणनीतिक निर्णय

वर्तमान में, Israeli और हमास के बीच संघर्ष विराम लागू है, जो लगभग 6 सप्ताह से जारी है। इस संघर्ष विराम के दौरान इजरायल ने गाजा में एक रणनीतिक गलियारे से पीछे हटने का निर्णय लिया है, लेकिन इस निर्णय ने नए संकट को जन्म दिया है। रिपोर्टों के मुताबिक, संघर्ष विराम के इस निर्णय से मिस्र और हमास के बीच तनाव उत्पन्न हो सकता है, क्योंकि यह संघर्ष विराम अब समाप्त होने वाला है और दूसरे चरण की बातचीत अभी तक शुरू नहीं हुई है।

हमास और Israeli के बीच बंधक आदान-प्रदान: संघर्ष विराम का अहम कदम

संघर्ष विराम के पहले चरण में एक महत्वपूर्ण बिंदु यह था कि हमास ने 600 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले 4 इजराइली बंधकों के शव Israeli को सौंपे। यह बंधक आदान-प्रदान संघर्ष विराम के अंतिम चरण के तहत हुआ, और यह दोनों पक्षों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। हालांकि, अगले चरण की बातचीत अब तक शुरू नहीं हो पाई है और यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या संघर्ष विराम का दूसरा चरण एक स्थिर शांति की ओर ले जाएगा या क्षेत्र में और अधिक संकट उत्पन्न करेगा।

Israeli की प्रतिक्रिया और अगले कदम

Israeli के भीतर इस रिपोर्ट ने गहरा विवाद पैदा कर दिया है। कुछ इजरायली नागरिकों का मानना है कि नेतन्याहू और उनकी सरकार की गलत रणनीतियों ने गाजा में स्थिति को और जटिल बना दिया। इजरायल में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वर्तमान नेतृत्व ने सही निर्णय लिया और क्या भविष्य में ऐसे हमलों से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, इजरायली सेना और सरकार ने संघर्ष विराम के दौरान गाजा में अपनी रणनीतिक स्थिति को बनाए रखने का फैसला किया है, लेकिन आने वाले दिनों में यह निर्णय उनके लिए और भी कठिन साबित हो सकता है।

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