फेल होने के बाद Kejriwal कटआउट लेकर यमुना घाट पहुंचे प्रवेश वर्मा

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दिल्ली चुनावी राजनीति में यमुना सफाई का मुद्दा: भाजपा ने Kejriwal पर कटआउट से किया हमला

Kejriwal: दिल्ली में आगामी चुनावी दंगल के बीच यमुना सफाई का मुद्दा एक प्रमुख राजनीतिक विमर्श बन चुका है। भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है, और अब यह विपक्षी दलों के बीच Kejriwal सरकार की नाकामी का प्रतीक बन गया है। मुख्यमंत्री अरविंद Kejriwal द्वारा यमुना सफाई के संबंध में किए गए वादों को पूरा न कर पाने पर भाजपा लगातार हमला बोल रही है।

भाजपा का यह आक्रमण अब एक नया मोड़ ले चुका है, जहां पार्टी ने अनोखे तरीके से Kejriwal को निशाना बनाया। शनिवार को भाजपा के नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने Kejriwal का लाइफ साइज कटआउट लेकर यमुना नदी में नाव की सवारी की और मीडिया के सामने यह कटआउट बार-बार डुबोकर विरोध दर्ज कराया।

Kejriwal के वादे और भाजपा का विरोध
दिल्ली के मुख्यमंत्री Kejriwal ने 2015 में दिल्ली चुनावों के दौरान यमुना सफाई को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया था। उनका दावा था कि वे यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाने में सफल होंगे। 2015 से लेकर अब तक 11 साल का समय बीत चुका है, लेकिन यमुना नदी की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।

यह सवाल दिल्लीवासियों के मन में बना हुआ है कि Kejriwal के वादे आखिरकार क्यों पूरे नहीं हो पाए। भाजपा ने इस मुद्दे को उठाते हुए Kejriwal पर हमला किया है। भाजपा का आरोप है कि Kejriwal ने सिर्फ बयानबाजी की है, लेकिन उनके द्वारा किए गए वादों को पूरा करने में वह नाकाम रहे हैं।

प्रवेश वर्मा का कटआउट विरोध
इस विवाद को और भी तूल देते हुए भाजपा के प्रवेश वर्मा ने एक अनोखी विरोध रणनीति अपनाई। वर्मा ने शनिवार को Kejriwal का लाइफ साइज कटआउट लिया और उसे यमुना नदी में डुबोते हुए मीडिया के सामने पेश किया। कटआउट में Kejriwal कान पकड़े हुए दिख रहे थे और उनके मुंह से यह शब्द निकल रहे थे, “मैं फेल हो गया, मुझे बोट मत देना, 2025 तक में यमुना साफ नहीं कर पाया।” यह दृश्य भाजपा द्वारा केजरीवाल के 2025 तक यमुना को साफ करने के वादे को लेकर उठाए गए सवालों को दर्शाता था।

वर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “हम यमुना मैया के सारे पानी को साफ कर सकते हैं। इसे साफ करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। मशीनों से सारी गाद हटाई जानी चाहिए, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साबरमती रिवरफ्रंट जैसे प्रोजेक्ट्स की सफलता को देखते हुए यमुना के लिए भी ऐसा ही रिवरफ्रंट विकसित किया जा सकता है। उनका कहना था कि दिल्ली में यमुना सफाई के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।

2025 तक यमुना सफाई का वादा: क्या पूरा होगा?
Kejriwal सरकार ने पहले 2025 तक यमुना को साफ करने का वादा किया था, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए गए हैं। भाजपा और विपक्षी दलों ने लगातार यह सवाल उठाया है कि जब 11 साल में यमुना सफाई का कोई खास असर नहीं हुआ, तो क्या 2025 तक केजरीवाल इसे स्वच्छ कर पाएंगे? भाजपा के नेता इसे केजरीवाल सरकार की विफलता का प्रतीक मानते हैं, और उन्होंने इस मुद्दे पर कई बार हमला किया है।

भा.ज.पा. की योजना: यमुना को साफ करना आसान नहीं है
भा.ज.पा. का कहना है कि यमुना को साफ करने के लिए केवल वादों से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस योजनाओं की जरूरत है। प्रवेश वर्मा ने अपने बयान में साफ तौर पर यह कहा कि यमुना को साफ करने के लिए रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है, बल्कि केवल बेहतर मशीनों का इस्तेमाल, गाद हटाने के लिए तकनीकी उपाय, और जलशोधन संयंत्रों का निर्माण जरूरी है।

उन्होंने इस मुद्दे पर अरविंद Kejriwal की नीतियों और कार्यों को निरर्थक करार दिया। उनका कहना था कि अगर भाजपा की सरकार आती है, तो यमुना की सफाई को प्राथमिकता दी जाएगी, और साबरमती की तरह यमुना का भी रिवरफ्रंट विकसित किया जाएगा।

Kejriwal पर भाजपा का लगातार हमला
यह विरोध केवल एक घटना नहीं है, बल्कि यह भाजपा द्वारा Kejriwal सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है। भाजपा का यह आरोप है कि केजरीवाल ने जो वादे किए, उन्हें पूरा करने में वह पूरी तरह नाकाम रहे हैं। यमुना सफाई, दिल्ली की अव्यवस्थित जल आपूर्ति, और प्रदूषण जैसी समस्याएं केजरीवाल सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार हैं, लेकिन भाजपा का कहना है कि इन मुद्दों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।


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