प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कभी भी समझौता नहीं करेगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत पर 25% आयात शुल्क लगाने के बाद इसे 50% तक बढ़ाने का ऐलान किया है। विदेश मंत्रालय ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और तर्कहीन बताया और कहा कि भारत अपने हितों की पूरी रक्षा करेगा।
मोदी दिल्ली में प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक म. स. स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हमारे लिए किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार किसानों की आय बढ़ाने, खेती का खर्च घटाने और आय के नए स्रोत बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।”
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने “अन्न और शांति के लिए म. स. स्वामीनाथन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार” की शुरुआत की घोषणा भी की। इस पुरस्कार का पहला सम्मान नाइजीरिया के एक वैज्ञानिक को दिया गया है। उन्होंने उपनिषद की एक सूक्ति का हवाला देते हुए कहा कि अन्न की अवहेलना नहीं होनी चाहिए, अन्न ही जीवन का आधार है। यदि दुनिया में भोजन का संकट हुआ, तो वैश्विक शांति के लिए भी संकट खड़ा हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे स्वामीनाथन के योगदान से प्रेरणा लेकर अब देश की पोषण सुरक्षा के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को जैविक कृषि और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए ऐसी फसलों के विकास पर ध्यान देना चाहिए जो सूखा और गर्मी झेल सकें।
कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने में कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी किसी अन्य पेशे की। अंत में उन्होंने कहा, “मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि मेरी सरकार को म. स. स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का अवसर मिला।”