क्या थाइलैंड में PM Modi से मोहम्मद यूनुस की मुलाकात से भारत-बांग्लादेश संबंधों में सुधार की संभावना है?
PM Modi और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के बीच थाइलैंड के बैंकॉक में हाल ही में हुई मुलाकात ने दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मुलाकात बांग्लादेश और भारत के बीच लंबे समय से चल रहे राजनीतिक तनाव के बीच हुई है, और इसे दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। इसके अलावा, यह मुलाकात बांग्लादेश के आंदोलनों और चीन यात्रा के बाद आई है, जो भारत के लिए कई चिंता का विषय बन गई थी।
बांग्लादेश और भारत के रिश्ते: एक तंग दरवाजा
भारत और बांग्लादेश के रिश्ते हमेशा ही जटिल रहे हैं, खासकर धार्मिक और राजनीतिक कारणों से। शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बांग्लादेश में होने वाले आंदोलनों ने भारत के साथ बांग्लादेश के संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया था। हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचार और मंदिरों पर हमले जैसे घटनाओं ने दोनों देशों के बीच अविश्वास और कटुता को बढ़ाया। इसके अतिरिक्त, बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक संघर्ष ने इन रिश्तों को और मुश्किल बना दिया।
इस बीच, PM Modi और बांग्लादेश की सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की मुलाकात को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यह मुलाकात ऐसी स्थिति में हुई है, जब बांग्लादेश में हाल ही में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और तनाव बढ़े थे। इसके साथ ही, यह भारत-बांग्लादेश रिश्तों को पुनः बेहतर बनाने के प्रयासों का हिस्सा भी हो सकती है।
चीन यात्रा और पूर्वोत्तर पर यूनुस की टिप्पणी
मोहम्मद यूनुस की चीन यात्रा ने भी भारतीय मीडिया और राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई थी। उनकी यात्रा के दौरान कुछ ऐसी टिप्पणियां सामने आई थीं, जो भारत के लिए चिंताजनक थीं, खासकर पूर्वोत्तर क्षेत्र के संदर्भ में। बांग्लादेश की सरकार ने उन टिप्पणियों से दूरी बनाई थी, लेकिन भारत में इन टिप्पणियों को लेकर आशंका बनी रही। इन घटनाओं के बाद यह मुलाकात और भी अहम हो जाती है, क्योंकि यह संकेत देती है कि बांग्लादेश और भारत के बीच संचार और संवाद बढ़ाने की आवश्यकता है।
PM Modi और यूनुस की मुलाकात से दोनों देशों के रिश्तों में कुछ सुधार के संकेत मिल रहे हैं। यह मुलाकात बांग्लादेश के राजनीतिक हालात और दोनों देशों के बीच संभावित सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकती है।
बांग्लादेश की सरकार का PM Modi से मिलने का अनुरोध
बांग्लादेश की सरकार, खासकर शेख हसीना के नेतृत्व में, PM Modi से मिलने के लिए लंबे समय से समय मांग रही थी। हालांकि, विभिन्न राजनीतिक कारणों और दोनों देशों के बीच के तनाव के कारण यह मुलाकात नहीं हो पा रही थी। अब, मोहम्मद यूनुस की बांग्लादेश सरकार की अंतरिम प्रमुख के रूप में भारत दौरे और PM Modi से मुलाकात ने इस मुद्दे को फिर से जीवित कर दिया है।
इस मुलाकात के बाद उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच नए संवाद और सहयोग के अवसर उत्पन्न होंगे। एक ओर जहां दोनों देशों के बीच व्यापार, सीमा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, वहीं दूसरी ओर, धार्मिक असहमति और सांप्रदायिक तनावों पर भी बातचीत हो सकती है।
रात्रिभोज में PM Modi और मोहम्मद यूनुस की मुलाकात
गुरुवार को बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और PM Modi बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक समूह के नेताओं के लिए एक रात्रिभोज में एक साथ दिखाई दिए। इस रात्रिभोज का आयोजन थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा ने किया था। इस दौरान मोहम्मद यूनुस और PM Modi के बीच बातचीत हुई, जो दोनों देशों के रिश्तों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत था। रात्रिभोज के दौरान शेयर की गई तस्वीरों में देखा गया कि यूनुस और PM Modi चाओ फ्राया नदी के किनारे स्थित ‘शांगरी-ला’ होटल में एक साथ बैठे थे, जो इस मुलाकात की अहमियत को दर्शाता है।
भविष्य में क्या उम्मीदें हैं?
भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में सुधार के लिए यह मुलाकात एक सकारात्मक शुरुआत हो सकती है। दोनों देशों के नेताओं के बीच बैठकों और संवाद के माध्यम से क्षेत्रीय समस्याओं, सीमा विवादों और जलवायु परिवर्तन जैसे साझा मुद्दों पर बातचीत की उम्मीद की जा रही है। साथ ही, धार्मिक और सांप्रदायिक तनावों को लेकर भी दोनों देशों के बीच बेहतर संवाद स्थापित होने की संभावना है।
हालांकि, बांग्लादेश के आंतरिक राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और शेख हसीना की सरकार के खिलाफ जारी आंदोलन इस प्रक्रिया को जटिल बना सकते हैं। फिर भी, अगर दोनों देशों के नेता आपस में जुड़कर गंभीर चर्चा करते हैं और आपसी विश्वास स्थापित करते हैं, तो यह दोनों देशों के रिश्तों में महत्वपूर्ण सुधार ला सकता है।
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