Sambhal Incident पर Priyanka Gandhi ने सरकार से सवाल किया, कहा- सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए

By Editor
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Priyanka Gandhi ने संभल घटना पर उठाए सवाल, राज्य सरकार के रवैये पर जताई नाराजगी

Priyanka Gandhi: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस महासचिव और वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस हिंसक घटना के बाद राज्य सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं और प्रशासन द्वारा की गई जल्दबाजी पर आलोचना की है। प्रियंका गांधी का मानना है कि राज्य सरकार ने बिना किसी ठोस जांच के और दोनों पक्षों को विश्वास में लिए बिना ही कार्रवाई की। इस लेख में हम प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया, घटना की विस्तृत जानकारी और इसके राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव पर चर्चा करेंगे।

संभल की घटना: जामा मस्जिद सर्वेक्षण और हिंसा

संभल जिले में जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए प्रशासन ने एक टीम भेजी थी। यह सर्वेक्षण सरकार के द्वारा मस्जिद की संपत्ति और उसके आसपास के इलाके की स्थिति की जांच करने के लिए किया जा रहा था। हालांकि, इस सर्वेक्षण के दौरान स्थिति बिगड़ गई और हिंसक झड़पें शुरू हो गईं। स्थानीय समुदाय के कुछ लोगों का आरोप था कि प्रशासन ने सर्वेक्षण के दौरान उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा भड़क उठी।

इस हिंसा में कुछ लोग घायल हो गए और कई दुकानों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए बल प्रयोग किया, लेकिन हिंसा की स्थिति ने क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर दी। इस घटना के बाद, प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार के रवैये पर तीखी प्रतिक्रिया दी और प्रशासन की कार्यवाही को जल्दबाजी और अपरिपक्व बताया।

Priyanka Gandhi का बयान: राज्य सरकार की आलोचना

Priyanka Gandhi वाड्रा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि प्रशासन ने इस घटना के मामले में बिना किसी जांच के जल्दबाजी में कार्रवाई की। उन्होंने सवाल किया कि जब तक दोनों पक्षों को विश्वास में नहीं लिया जाता, तब तक इस तरह की घटनाओं की रोकथाम कैसे संभव है। प्रियंका ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि इस तरह की हिंसा से भविष्य में बचा जा सके।

Priyanka Gandhi ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में पूरी तरह से निष्क्रियता दिखाई। उन्होंने यह आरोप लगाया कि जब इस तरह के संवेदनशील मुद्दे सामने आते हैं, तो सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए, ताकि स्थिति और ज्यादा न बिगड़े। उनका यह भी कहना था कि सरकार को इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करना चाहिए, न कि उकसाने वाली कार्रवाई करने चाहिए।

घटना के राजनीतिक प्रभाव

Priyanka Gandhi के बयान के बाद, यह मामला राजनीतिक रूप से और भी गर्म हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को राज्य सरकार के संवेदनहीन रवैये का उदाहरण बताया और आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर धार्मिक तनाव को बढ़ावा दे रही है। कांग्रेस का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज में द्वेष फैलाती हैं और यह सरकार की नीतियों की विफलता को दर्शाती हैं। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने प्रियंका गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सही कदम उठाए हैं।

यह घटना एक संवेदनशील मुद्दे से जुड़ी हुई है, और इसे लेकर राजनीति गर्मा गई है। एक तरफ जहां विपक्षी दलों ने इस घटना को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं सत्ताधारी पार्टी ने इसे एक सामान्य प्रशासनिक मुद्दा बताया। इसके परिणामस्वरूप, संभल की घटना केवल स्थानीय मुद्दा नहीं रह गई, बल्कि यह राष्ट्रीय राजनीति का हिस्सा बन गई है।

इस घटना का सामाजिक प्रभाव

संभल की घटना ने क्षेत्रीय समुदायों के बीच विश्वास की कमी और सामाजिक तनाव को उजागर किया है। इस तरह की घटनाएं समुदायों के बीच अविश्वास और विभाजन को बढ़ाती हैं, जो कि समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। प्रशासन को चाहिए था कि वह पहले से ही सभी पक्षों से बातचीत करता और एक समझौते तक पहुंचने का प्रयास करता, ताकि ऐसी हिंसा से बचा जा सके।

जामा मस्जिद जैसी धार्मिक स्थल पर इस प्रकार का सर्वेक्षण करना, यदि बिना उचित संवेदनशीलता के किया जाए, तो इससे समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंच सकता है। प्रशासन को ऐसे मामलों में अधिक संवेदनशीलता और समझदारी दिखानी चाहिए थी।

Priyanka Gandhi के विचार: आगे की दिशा

Priyanka Gandhi का मानना है कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सरकार को समाज में शांति और समझदारी का माहौल बनाना चाहिए। उनका कहना है कि राजनीतिक नेताओं और प्रशासन को मिलकर ऐसे मुद्दों का समाधान निकालने की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि हिंसा की बजाय संवाद और समझदारी से काम किया जा सके।

Priyanka Gandhi ने इस घटना को लेकर केवल सरकार की आलोचना नहीं की, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि समाज में सांप्रदायिक तनाव को कम करने के लिए राजनीतिक और सामाजिक सुधार की आवश्यकता है। वे मानती हैं कि जब तक राज्य सरकार और प्रशासन में संवेदनशीलता नहीं आती, तब तक इस प्रकार की घटनाएं बढ़ती रहेंगी।

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