Ratan Tata की वसीयत: एक चौंकाने वाला खुलासा
Ratan Tata, जिनके बारे में जाना जाता है कि उन्होंने अपने अधिकांश संपत्ति दान के लिए छोड़ दी, हाल ही में अपनी वसीयत में एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने अपनी लगभग 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति मोहिनी मोहन दत्ता को दी, जो टाटा परिवार से संबंधित एक कम प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। रतन टाटा और मोहिनी दत्ता के बीच पुराने संबंधों के बारे में बहुत कम लोग जानते थे, और यह खबर टाटा परिवार के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है। इस लेख में हम मोहिनी दत्ता के बारे में जानेंगे और रतन टाटा की वसीयत के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
मोहिनी मोहन दत्ता: कौन हैं ये शख्स?
मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के निवासी हैं और ट्रैवल सेक्टर में काम करते हैं। उनका परिवार स्टैलियन नाम की ट्रैवल एजेंसी चलाता था, जिसका बाद में ताज सर्विसेज में विलय हो गया। मोहिनी दत्ता ने ताज सर्विसेज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हें टीसी ट्रैवल सर्विसेज के डायरेक्टर के रूप में भी काम किया। टाटा समूह के करीबी सूत्रों के अनुसार, दत्ता और Ratan Tata के बीच मजबूत संबंध थे। रतन टाटा ने हमेशा दत्ता को अपना पुराना साथी माना था और दोनों के बीच 60 वर्षों से अधिक का पुराना रिश्ता था।
वसीयत में मोहिनी दत्ता को क्यों मिला 500 करोड़?
Ratan Tata की वसीयत में मोहिनी दत्ता को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति मिलना किसी के लिए भी चौंकाने वाला था। दत्ता और टाटा के बीच पुराने रिश्ते को ध्यान में रखते हुए, यह संभव है कि रतन टाटा ने अपने करीबी साथी को इस राशि को सौंपने का निर्णय लिया हो। हालांकि, इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी अब तक सार्वजनिक नहीं हो पाई है। टाटा परिवार के लिए यह खुलासा एक बड़ा शॉक साबित हुआ है, क्योंकि दत्ता का नाम और उनका संबंध टाटा परिवार से अपेक्षाकृत कम जाना जाता था।
Ratan Tata के परिवार और वसीयत के एग्जीक्यूटर्स
Ratan Tata की वसीयत के एग्जीक्यूटर्स में उनकी सौतेली बहनें शिरीन और डीना जेजीभॉय भी शामिल हैं। हालांकि, इस मामले पर इन एग्जीक्यूटर्स ने कोई टिप्पणी नहीं की। एक और एग्जीक्यूटर, डेरियस खंबाटा ने भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। यह वसीयत अभी भी कानूनी प्रक्रिया के तहत है और इसे प्रमाणित करने में कुछ समय लग सकता है।
Ratan Tata का दान और भविष्य की योजनाएँ
Ratan Tata ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान के लिए छोड़ने का फैसला किया था और इसके लिए उन्होंने दो प्रमुख संस्थाओं की स्थापना की थी – रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट। यह संस्थाएं विभिन्न सामाजिक कार्यों और योजनाओं के लिए काम करती हैं। उनके दान के कामों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रतन टाटा का मकसद सामाजिक उत्थान और देश की भलाई था, और उन्होंने अपनी संपत्ति का उपयोग यही उद्देश्य पूरा करने के लिए किया।
Ratan Tata की कुल संपत्ति और अन्य निवेश
Ratan Tata के पास टाटा संस में लगभग 0.83% की हिस्सेदारी थी, और उनकी कुल संपत्ति का अनुमान लगभग 8,000 करोड़ रुपये था। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि उनकी वास्तविक संपत्ति इससे कहीं अधिक हो सकती है। इसके अतिरिक्त, रतन टाटा के पास कई लग्जरी कारें जैसे कि फेरारी और मसेराती, महंगी पेंटिंग्स, स्टार्टअप्स में निवेश और अन्य संपत्तियाँ भी थीं। उनके व्यक्तिगत निवेश वीकल RNT एसोसिएट्स ने 2023 तक 186 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
वसीयत का वितरण और कानूनी प्रक्रिया
Ratan Tata की संपत्ति का वितरण वसीयत के प्रोबेट के लिए जमा करने के बाद उच्च न्यायालय द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रक्रिया में छह महीने तक का समय लग सकता है, जिससे रतन टाटा की संपत्ति का सही तरीके से वितरण किया जाएगा। हालांकि, इस समय तक वसीयत के अन्य पहलुओं पर और अधिक जानकारी का खुलासा हो सकता है।
टाटा परिवार में हलचल
Ratan Tata की वसीयत में किए गए इन चौंकाने वाले फैसलों ने टाटा परिवार और अन्य करीबी लोगों में हलचल मचा दी है। Ratan Tata के पुराने दोस्तों और सहयोगियों का मानना है कि उनकी वसीयत और उनके द्वारा किए गए दान के फैसले समाज की भलाई के लिए थे। लेकिन मोहिनी दत्ता के लिए 500 करोड़ रुपये छोड़ने के फैसले ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या यह टाटा परिवार की नीतियों के अनुरूप है या नहीं।
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