घुटनों तक कीचड़, ढही सुरंग: SDRF ने कहा- अंदर जाने का विकल्प नहीं

By Editor
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तेलंगाना सुरंग हादसा: बचाव अभियान में बड़ा झटका, सेना और SDRF की टीमें जुटी

SDRF: शनिवार, 22 फरवरी 2025 को तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में एक दर्दनाक सुरंग हादसा हुआ। श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग का निर्माणाधीन तीन मीटर हिस्सा अचानक ढह गया, जिसके कारण कई मजदूर फंस गए। यह सुरंग का एक हिस्सा था, जिस पर लंबे समय से काम चल रहा था और कुछ दिनों पहले ही फिर से काम शुरू किया गया था। हादसे में आठ लोग फंसे होने की आशंका है, जबकि बाकी मजदूर सुरंग से सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे।

SDRF और NDRF की टीमें बचाव कार्य में जुटी

SDRF: हादसे के बाद, बचाव कार्य के लिए राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया है। हालांकि, सुरंग की पूरी छत ढह चुकी है और घुटनों तक कीचड़ से भरी हुई है, जिससे अंदर जाना बेहद कठिन हो गया है। एसडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल सुरंग के अंदर जाने का कोई विकल्प नहीं है। टीम अब अन्य उपायों की तलाश कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की मुख्यमंत्री से बातचीत

SDRF: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से इस हादसे को लेकर बात की और केंद्र सरकार की ओर से पूरी सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने राज्य सरकार को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया है। राज्य सरकार की ओर से राहत और बचाव कार्य में सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

सेना को किया गया अलर्ट

SDRF: भारतीय सेना ने भी अपनी इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) को अलर्ट किया है। सेना के अधिकारियों ने कहा कि सिकंदराबाद में तैनात एक इंजीनियर रेजिमेंट को घटनास्थल पर भेजा गया है। इसके साथ ही सेना के चिकित्सा कोर की एक चिकित्सा टुकड़ी, एक एंबुलेंस, तीन उच्च क्षमता वाले पंपिंग सेट, बख्तरबंद होज और अन्य सहायक उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचाई गई है। सेना के इस कदम से राहत कार्य में तेजी आई है।

अंदर फंसे मजदूरों को बचाने की हर संभव कोशिश

SDRF: सुरंग के अंदर फंसे आठ मजदूरों को बचाने के लिए राज्य और केंद्रीय बलों द्वारा सभी प्रयास किए जा रहे हैं। अंदर पानी भर चुका है, और उसे बाहर निकालने के लिए एक 100 एचपी का पंप भेजा जा रहा है। इसके अलावा, सुरंग के अंदर ऑक्सीजन की आपूर्ति भी जारी है। एक बड़ा 250 केवी का जनरेटर भी घटनास्थल पर लाया जा रहा है, ताकि बचाव कार्य में कोई रुकावट न आए। SDRF और NDRF के अधिकारियों का कहना है कि अंदर फंसे लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

सुरंग हादसे में श्रमिकों का खौ़फनाक अनुभव

SDRF: कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने बताया कि यह हादसा बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। करीब 60 लोग सुरंग में काम कर रहे थे, जब अचानक सुरंग की छत गिर गई। अन्य सभी लोग सुरंग से सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन आठ लोग अभी भी फंसे हुए हैं। बचाव अभियान में शामिल अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं ताकि सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

तेलंगाना में सुरंग निर्माण कार्य की स्थिति

SDRF: यह घटना सुरंग निर्माण कार्य के दौरान हुई, जो कुछ समय से लटका हुआ था। हालांकि कुछ दिनों पहले ही निर्माण कार्य को फिर से शुरू किया गया था, लेकिन यह हादसा चार दिन बाद ही हो गया। यह हादसा सुरंग की छत गिरने की वजह से हुआ, जिसके कारण मजदूरों को खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।

मंत्री और अधिकारियों की आपातकालीन बैठक

SDRF: तेलंगाना सरकार ने इस मामले पर आपातकालीन बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य आपदा प्रबंधन, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए हर संभव संसाधन जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मदद की मांग की है और केंद्र से हर संभव सहायता का वादा किया गया है।

केंद्रीय मंत्री का बयान

SDRF: केंद्रीय मंत्री ने भी इस हादसे पर गहरी चिंता जताई और कहा कि केंद्र सरकार तेलंगाना सरकार के साथ मिलकर इस संकट से निपटने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि सेना और आपदा मोचन बलों के सहयोग से राहत कार्य में तेजी लाई जाएगी, ताकि फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द बचाया जा सके।

नतीजा और भविष्य की दिशा

SDRF: इस घटना ने सुरंग निर्माण के दौरान सुरक्षा उपायों की महत्वता को उजागर किया है। भविष्य में इस तरह के हादसों से बचने के लिए सुरंग निर्माण में सुरक्षा मानकों को सख्त किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इस हादसे से सभी को सीखने का अवसर मिलेगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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