महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बावजूद, महायुति (BJP और शिवसेना) की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान अब तक नहीं किया गया है। भले ही दस दिन बीत चुके हों, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह की तारीख 5 दिसंबर नजदीक आने के बावजूद, इस मुद्दे पर कयासों का दौर लगातार जारी है। राजनीतिक हलकों में चर्चा बनी हुई है कि मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम निर्णय कब लिया जाएगा। इसी बीच, सोमवार (2 दिसंबर) को बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री Eknath Shinde से मुलाकात की, जिससे सियासी हलकों में हलचल मच गई। गिरीश महाजन को बीजेपी का संकटमोचक माना जाता है और उनकी इस मुलाकात को लेकर कई तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं।
गिरीश महाजन का Eknath Shinde से मिलना: एक सियासी संकेत?
गिरीश महाजन की Eknath Shinde से मुलाकात को लेकर विभिन्न कयास लगाए जा रहे हैं। गिरीश महाजन, जिन्हें बीजेपी का संकटमोचक माना जाता है, महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। उनकी Shinde से मुलाकात को लेकर यह माना जा रहा है कि पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर कुछ अंतिम निर्णय लिए जा रहे हैं। Eknath Shinde, जिन्होंने हाल ही में शिवसेना में बगावत कर न केवल पार्टी बल्कि राज्य की राजनीति में भी हलचल मचाई थी, ऐसे में इस मुलाकात के कई सियासी मायने हो सकते हैं।
गिरीश महाजन का बयान: Eknath Shinde से मुलाकात का उद्देश्य
मुलाकात के बाद गिरीश महाजन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “Eknath Shinde पिछले कुछ दिन से बीमार थे, इसलिए मैं उनसे मिलने आया था। हमारी मुलाकात में कोई भी नाराजगी नहीं है। हम एक घंटे तक बैठकर बातचीत की और राज्य के विकास को लेकर विचार साझा किए। उन्होंने 5 दिसंबर के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों पर भी चर्चा की। हम दोनों मिलकर राज्य के लोगों के लिए काम करने का संकल्प लेकर आगे बढ़ेंगे।”
गिरीश महाजन का यह बयान यह साफ करता है कि मुलाकात का मुख्य उद्देश्य Shinde की सेहत का हाल-चाल लेना और 5 दिसंबर के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों पर चर्चा करना था। इसके बावजूद, राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठता है कि क्या इस मुलाकात का कोई सियासी मकसद भी था।
महायुति में मुख्यमंत्री पद का इंतजार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 दिन पहले घोषित हुए थे, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं किया गया। 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। भाजपा और शिवसेना के बीच इस मुद्दे पर चर्चा जारी है, और यह सवाल उठ रहा है कि कौन इस पद पर काबिज होगा।
गिरीश महाजन और Eknath Shinde की मुलाकात को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कुछ अंतिम निर्णय लिया जा चुका है, और गिरीश महाजन इस प्रक्रिया में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनके ‘संकटमोचक’ होने के कारण इस मुलाकात की सियासी अहमियत और बढ़ जाती है, खासकर जब महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन के बाद सत्ता में साझेदारी के मसले को लेकर हलचल जारी हो।
मुख्यमंत्री पद की दौड़: गिरीश महाजन की भूमिका
गिरीश महाजन का राजनीति में लंबा अनुभव है और उन्होंने कई बार राज्य में कठिन समय में बीजेपी की सियासी स्थिति को संभाला है। उनकी Eknath Shinde से मुलाकात से यह संकेत मिलता है कि वे महायुति के भीतर होने वाली सत्ता साझेदारी की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल हैं। Shinde, जो पहले ही मुख्यमंत्री बनने का दावा कर चुके हैं, और बीजेपी के नेताओं के बीच अब भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मुख्यमंत्री का पद किसे मिलेगा। गिरीश महाजन की Shinde से मुलाकात को इसी सियासी पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां
Eknath Shinde और गिरीश महाजन के बीच इस मुलाकात में 5 दिसंबर के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। इस तारीख के आसपास महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ बड़े फैसले हो सकते हैं, और इसी के मद्देनजर इस बैठक की अहमियत बढ़ जाती है। बीजेपी और शिवसेना के बीच सत्ता में साझेदारी के मसले को लेकर शपथ ग्रहण समारोह के दिन कोई ऐलान हो सकता है, जिसके बाद राज्य में नई सरकार का गठन होगा।
महाराष्ट्र में राजनीति के नए समीकरण
महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन के बाद कई समीकरण बदलने की संभावना है। इस मुलाकात को लेकर यह सवाल भी उठता है कि क्या राज्य की राजनीति में कुछ बड़े बदलाव हो सकते हैं, खासकर मुख्यमंत्री पद को लेकर। भाजपा और शिवसेना के नेताओं के बीच की यह मुलाकातें यह संकेत दे रही हैं कि राज्य की सियासत में अभी कई बदलाव होने वाले हैं।
Conclusion: मुख्यमंत्री पद का फैसला और आगे की दिशा
गिरीश महाजन और Eknath Shinde के बीच हुई इस मुलाकात से यह स्पष्ट होता है कि शपथ ग्रहण से पहले कई सियासी समीकरण और कयास जारी हैं। महायुति की सरकार बनने से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। ऐसे में गिरीश महाजन की भूमिका और Shinde से उनकी मुलाकात पर नजरें टिकी हैं, जो आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों का रुख तय कर सकती है।
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