Supreme Court से सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने दो महिलाओं को कथित तौर पर बंधक बनाने के मामले में ईशा फाउंडेशन के खिलाफ हाईकोर्ट में चल रही कार्रवाई बंद करने का फैसला किया है.दरअसल, महिलाओं ने अपने बयान में कहा था कि वे बिना किसी दबाव के तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित आश्रम में स्वेच्छा से रह रही हैं| हालांकि, अदालत ने साफ किया कि इस फैसले का असर सिर्फ इस इस तरह की याचिका पर जांच के आदेश देना पूरी तरह अनुचित था. पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका गलत है,

क्योंकि दोनों लड़कियां बालिग हैं. वो अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही हैं | सद्गुरु जग्गी वासुदेव, ईशा फाउंडेशन के संस्थापक हैं. उनके इस आश्रम में दो लड़कियों को जबरन बंधक बनाने के आरोप लगाए थे और परिजनों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी की और याचिका का निपटारा किया |