Telangana Tunnel Collapse: 45 घंटे बाद भी जिंदगियां दांव पर, रेस्क्यू में अड़चन!

By Editor
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Telangana सुरंग ढहने से फंसीं 8 जिंदगियां, 45 घंटे बाद भी रेस्क्यू अभियान जारी

Telangana के नागरकुरनूल जिले में श्रीसैलम सुरंग नहर परियोजना (SLBC) का निर्माणाधीन हिस्सा ढहने के बाद, आठ श्रमिक सुरंग में फंसे हुए हैं। यह हादसा शनिवार सुबह हुआ था और तब से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। फिलहाल, 45 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन बचावकर्मी अब तक सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने में सफल नहीं हो पाए हैं। सुरंग के भीतर भारी कीचड़ और मलबा भरने की वजह से बचाव कार्य में बड़ी कठिनाइयां आ रही हैं।

हादसा और सुरंग में फंसी 8 जिंदगियां

Telangana: श्रीसैलम सुरंग परियोजना के निर्माण के दौरान सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें आठ श्रमिक फंस गए। इन श्रमिकों की पहचान यूपी, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और झारखंड से संबंधित है। घटना के बाद से बचाव कार्य में जुटी टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं, लेकिन मलबा और कीचड़ में फंसी मशीनरी की वजह से कार्य में रुकावटें आ रही हैं। सुरंग के आखिरी 200 मीटर के हिस्से में पानी और कीचड़ जमा हो गया है, जिससे काम में और भी कठिनाई हो रही है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना और NDRF की मदद

Telangana सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के लिए एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) और सेना की मदद ली है। एनडीआरएफ की चार टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं, जिनमें 138 सदस्य शामिल हैं। इसके साथ ही, सेना के 24 कर्मी और एसडीआरएफ के कर्मी भी इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। लेकिन, सुरंग के भीतर मौजूद मलबे और जाम की स्थिति ने बचाव कार्य को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

मलबे और कीचड़ से बचाव में रुकावटें

Telangana: रेस्क्यू ऑपरेशन की सबसे बड़ी चुनौती सुरंग के अंदर जमा भारी मलबा और कीचड़ है, जिसके कारण बचावकर्मी सुरंग के अंदर पहुंचने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। मलबे को हटाने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन इन कठिन परिस्थितियों के बीच बचाव कार्य में धीमी प्रगति हो रही है। सुरंग में मौजूद भारी मशीनरी को हटाना भी संभव नहीं हो पा रहा है, क्योंकि इन उपकरणों का आकार बहुत बड़ा है और उन्हें सुरंग के अंदर ले जाना मुश्किल है।

मंत्री की चिंता और बचाव की संभावनाएं

Telangana: प्रदेश के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि बचने की संभावना अब उतनी अच्छी नहीं है। उन्होंने बताया कि जब सुरंग का हिस्सा ढहा, तब सुरंग में लगभग 70 लोग काम कर रहे थे, जिनमें से अधिकतर बाहर निकलने में सफल रहे थे। मंत्री ने इस दुर्घटना को बेहद गंभीर बताते हुए किसी भी प्रकार की भविष्यवाणी करने से इनकार किया और कहा कि सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है।

सुरंग में फंसे श्रमिकों की पहचान

Telangana: रेस्क्यू अभियान की जानकारी देते हुए, प्रशासन ने सुरंग में फंसे श्रमिकों की पहचान की है। इन श्रमिकों में यूपी के मनोज कुमार और श्रीनिवास, जम्मू-कश्मीर के सन्नी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू शामिल हैं। इन श्रमिकों के परिवारों में गहरी चिंता का माहौल है, जबकि प्रशासन और बचावकर्मी उनके सुरक्षित निकलने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

बचावकर्मी की हालत और रिस्क

Telangana: बचावकर्मी सुरंग के अंदर मिट्टी की मोटी परतों, लोहे की उलझी हुई छड़ों और सीमेंट के मलबे से गुजरते हुए श्रमिकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। बचाव कार्य में हिस्सा लेने वाले अधिकारी और कर्मचारी इस स्थिति में अपनी जान जोखिम में डालकर बचाव कर रहे हैं, क्योंकि सुरंग में मलबे का ढांचा बहुत अस्थिर है और कभी भी और अधिक ढहने की संभावना है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की भूमिका

Telangana: एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि एक टीम रात को सुरंग के अंदर गई थी और वहां भारी मलबा और सुरंग खोदने वाली मशीन की स्थिति का जायजा लिया गया। इस टीम ने मलबे के कारण बिगड़े हुए हिस्सों की रिपोर्ट भेजी, जिससे और भी अधिक समस्या का सामना करना पड़ा। एनडीआरएफ के अधिकारियों ने इस बचाव कार्य को चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा कि उनके पास अब तक कोई सटीक जानकारी नहीं है कि श्रमिक सुरक्षित हैं या नहीं।

फंसे श्रमिकों के लिए उम्मीदें

Telangana: राज्य सरकार ने बचाव कार्य में किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ी है और यह सुनिश्चित किया है कि सभी संभावित उपायों को अपनाया जाए। हालांकि, मंत्री और बचाव अधिकारी यह मानते हैं कि इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए श्रमिकों के जीवित मिलने की संभावना बहुत कम है। फिर भी, बचाव दल उम्मीद छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और लगातार कोशिशों में जुटा हुआ है।

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