ईरान ने Trump को दिया बड़ा झटका: बातचीत से मना किया और मिसाइलें तैयार कर लीं, बढ़ते तनाव के संकेत
दुनिया में एक और संभावित युद्ध के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति Trump की ओर से बमबारी की धमकी देने के बाद, ईरान ने अपनी मिसाइलों को तैयार कर लिया है। हालांकि, ईरान ने इस संदर्भ में आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश ने अपनी अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी में सभी लॉन्चर्स को सक्रिय कर दिया है।
इसके साथ ही, ईरान ने हाल ही में Trump से बातचीत करने से भी इनकार कर दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है जब अमेरिका, ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को निशाना बनाकर यमन में हवाई हमले कर रहा है और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर सैन्य कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।
मिसाइलों की तैयारियां और बढ़ती तनावपूर्ण स्थिति
तेहरान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ईरान ने अपनी अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी में स्थित सभी मिसाइलों को लॉन्चर्स में लोड कर दिया है और वे किसी भी समय दागे जाने के लिए तैयार हैं। इन मिसाइलों में शामिल हैं- 900 मील रेंज वाली खैबर शेकां, 850 मील रेंज वाली हज कासिम, 1240 मील रेंज वाली गद्र एच, 1550 मील रेंज वाली सेज्जिल और 1050 मील रेंज वाली इमाद। यह मिसाइलों का समूह किसी भी आक्रमण के जवाब में ईरान की तैयारियों को दर्शाता है, और यह संकेत देता है कि ईरान ने अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ गंभीर सैन्य तैयारी कर ली है।
Trump की धमकी: परमाणु कार्यक्रम पर बमबारी का खतरा
अमेरिकी राष्ट्रपति Trump ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि अगर ईरान ने परमाणु कार्यक्रम के बारे में समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए, तो अमेरिका बमबारी की कार्रवाई कर सकता है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यदि ईरान ने डील नहीं की, तो वह ईरान पर सेकंडरी टैरिफ भी लागू कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने चार साल पहले किया था। Trump की यह धमकी ईरान के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकती है, क्योंकि इससे पहले उनका प्रशासन ईरान के साथ परमाणु समझौते से बाहर हो चुका था, और अब एक बार फिर यह मुद्दा गर्माया है।
ईरान का प्रतिक्रिया: बातचीत से इंकार और तनाव बढ़ता हुआ
ईरान ने Trump के पत्र का जवाब देते हुए सीधे तौर पर अमेरिका के साथ बातचीत करने से मना कर दिया है। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने रविवार को कहा कि उनका देश Trump के पत्र का कोई जवाब नहीं देगा और अमेरिका से सीधी बातचीत की संभावना को खारिज करता है। ईरान ने यह भी कहा कि उनका परमाणु कार्यक्रम तेजी से बढ़ रहा है, और वह इस पर अमेरिकी दबाव को स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि, पेजेशकियन ने ओमान के जरिये अप्रत्यक्ष वार्ता की संभावना को भी खुला रखा है, जिससे संकेत मिलता है कि ईरान अपनी स्थिति को स्पष्ट रूप से रखना चाहता है, लेकिन सीधे संवाद से बच रहा है।
अमेरिका का बढ़ता दबाव और ईरान का संघर्षपूर्ण रुख
अमेरिका की ओर से ईरान पर लगातार दबाव बनाए जाने के बावजूद, ईरान के अधिकारियों ने अब तक कोई झुकाव नहीं दिखाया है। वे लगातार अपने परमाणु कार्यक्रम को विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, और इसी बीच, अमेरिका के हमलों का सामना कर रहे हैं। अमेरिका की नीतियों के चलते, ईरान के लिए यह एक अहम चुनौती बन गई है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखें या फिर अमेरिका से किसी प्रकार के समझौते के तहत अपनी स्थिति को नर्मी दे।
क्या दुनिया एक और युद्ध के कगार पर है?
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ता हुआ तनाव और सैन्य तैयारियां, विशेष रूप से ईरान द्वारा मिसाइलों को सक्रिय करने के बाद, यह सवाल खड़ा करते हैं कि क्या दुनिया एक और युद्ध के कगार पर है। जब से Trump ने ईरान को परमाणु समझौते से बाहर किया है, तब से दोनों देशों के बीच लगातार टकराव बढ़ता जा रहा है। यह घटनाक्रम वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है, और अगर दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष शुरू होता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
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