अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिक्स की कथित “अमेरिका विरोधी” नीतियों का समर्थन करने वाले देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने की धमकी दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा।
ब्रिक्स, जिसे ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने पश्चिमी वर्चस्व को चुनौती देने और विकासशील देशों की आवाज को मजबूत करने के लिए स्थापित किया था, लंबे समय से अमेरिकी आलोचना का केंद्र रहा है। हाल के वर्षों में मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देश इसमें शामिल हुए हैं, जबकि वियतनाम इस वर्ष भागीदार राष्ट्र बना है।
ब्रिक्स देशों ने रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें शिखर सम्मेलन में वैश्विक संस्थाओं में सुधार और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने अमेरिकी टैरिफ नीतियों की आलोचना करते हुए इन्हें वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए खतरा बताया।
संयुक्त बयान में कहा गया कि ऐसे शुल्क अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अनिश्चितता लाते हैं और WTO के नियमों के खिलाफ हैं। साथ ही, ब्रिक्स नेताओं ने ईरान पर हुए सैन्य हमलों की निंदा करते हुए उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया।
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (ऑनलाइन), और चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने भाग लिया।