विदेश मंत्री S Jaishankar ने कहा- ‘भारत की छवि बदली, चीन और पाकिस्तान को दिया सशक्त जवाब

By Editor
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S Jaishankar

S Jaishankar: भारत का आत्मविश्वास अब दुनिया में झलकता है, सीमा मुद्दों पर चीन और पाकिस्तान से सख्त मुकाबला

भारत के विदेश मंत्री, S Jaishankar ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में अपने देश की बदलती विदेश नीति, बढ़ते आत्मविश्वास और वैश्विक मंच पर भारत की नई छवि को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने कहा कि भारत की तस्वीर अब पूरी तरह से बदल चुकी है, और यह बदलाव देश की विदेश नीति के कारण हुआ है। एस जयशंकर का मानना है कि अब भारत ने एक अलग पहचान बनाई है, और उसकी विदेश नीति में स्पष्टता और दृढ़ता है, जो दुनिया में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।

भारत की नई विदेश नीति: आत्मविश्वास और दृढ़ता की झलक

विदेश मंत्री S Jaishankar ने कहा कि आज दुनिया में भारत का आत्मविश्वास पूरी तरह से झलक रहा है, और यह बदलाव देश की विदेश नीति में आए गंभीर परिवर्तन के कारण हुआ है। उन्होंने बताया कि भारत ने न केवल अपनी सुरक्षा के मामलों में, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से भी एक मजबूत और सशक्त पहचान बनाई है। “हमारे पास एक नई विदेश नीति है, जो भारत के राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देती है और हर स्तर पर आत्मविश्वास के साथ काम करती है,” S Jaishankar ने कहा।

उन्होंने इस बदलाव का उदाहरण देते हुए बताया कि जब सीमा पर चीन ने भारत को चुनौती दी थी, तो भारत ने उसे पूरी दृढ़ता से मुकाबला किया। यह साफ तौर पर दिखाता है कि अब भारत अपनी सुरक्षा, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के मामलों में पूरी तरह से सजग और मजबूत है।

चीन के खिलाफ भारत का सशक्त रुख

S Jaishankar ने विशेष रूप से चीन के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव पर बात करते हुए कहा कि भारत ने चीन की चुनौतियों का मुकाबला पूरी ताकत और दृढ़ता के साथ किया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए कड़ी नीति अपनाई, जिसमें किसी भी प्रकार की संकोच की जगह नहीं थी। “भारत ने सीमा मसले पर चीन को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि हम अपने अधिकारों से पीछे नहीं हटेंगे,” विदेश मंत्री ने कहा।

चीन के साथ सीमा विवाद, विशेषकर लद्दाख क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में उभरने वाले विवादों ने भारत को अपनी सुरक्षा नीतियों पर फिर से विचार करने पर मजबूर किया। S Jaishankar ने कहा कि भारत ने इन चुनौतियों का सामना किया और अपने क्षेत्रीय हितों को मजबूत किया, जिसमें सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर दृढ़ कदम उठाए गए।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत का कड़ा रुख

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की नापाक हरकतों का भी जिक्र किया, खासकर आतंकवाद के संदर्भ में। उन्होंने बताया कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और पाकिस्तान द्वारा किए गए हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। S Jaishankar ने कहा, “भारत अब आतंकवाद के खिलाफ पूरी ताकत के साथ खड़ा है। चाहे वह बालाकोट हो या उरी, हमने आतंकवादियों को जवाब दिया है और पाकिस्तान को यह संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की समझौतेबाजी नहीं करेगा।”

उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किया, और बालाकोट एयरस्ट्राइक में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिससे दुनिया भर में भारत की कड़ी नीति और मजबूत सुरक्षा प्रबंधन को मान्यता मिली। यह दोनों घटनाएं भारत की कूटनीतिक और सैन्य ताकत को दर्शाती हैं, जिनमें पाकिस्तान की ओर से हो रही नापाक गतिविधियों का सख्त जवाब दिया गया।

26/11 का जवाब: बदलती रणनीति

S Jaishankar ने मुंबई हमले (26/11) का जिक्र करते हुए कहा कि पहले भारत ऐसे हमलों का जवाब नहीं देता था, लेकिन अब नीति में बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि पहले भारत ने 26/11 के हमले के जवाब में कोई ठोस कदम नहीं उठाया था, लेकिन अब भारत की रणनीति बदल चुकी है। “हमने उरी हमले का जवाब दिया और फिर बालाकोट में घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया,” उन्होंने कहा।

यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि भारत अब अपनी सुरक्षा नीति को लेकर किसी प्रकार की नरमाई नहीं दिखा रहा है। S Jaishankar का कहना था कि भारत ने कूटनीतिक दबाव के साथ-साथ सैन्य ताकत का भी इस्तेमाल किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत की सुरक्षा की दिशा में कोई भी समझौता नहीं होगा।

भारत का वैश्विक नेतृत्व और मजबूत कूटनीतिक रिश्ते

S Jaishankar ने कहा कि भारत की कूटनीतिक नीति में बड़ा बदलाव आया है और देश अब वैश्विक मंच पर एक मजबूत और आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने भारत के अन्य देशों के साथ मजबूत कूटनीतिक रिश्तों को भी रेखांकित किया, जो वैश्विक राजनीति में भारत की स्थिति को और मजबूत बना रहे हैं।

S Jaishankar ने कहा कि भारत अब किसी भी वैश्विक संकट में सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभा रहा है, और यह भी दिखा रहा है कि उसका विदेशी नीति दृष्टिकोण एक रणनीतिक दिशा में विकास कर रहा है। चाहे वह संयुक्त राष्ट्र हो या क्षेत्रीय संगठन, भारत ने अपने हितों को पहले स्थान पर रखा है और विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर अपनी आवाज उठा

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