खरगे और Priyanka ने महाकुंभ के सफल आयोजन की कामना की, देशवासियों को दी शुभकामनाएँ
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी महासचिव Priyanka वाड्रा ने पौष पूर्णिमा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए सोमवार से प्रयागराज में शुरू हो रहे महाकुंभ के सफल आयोजन की कामना की। Priyanka ने इसे भारतीय संस्कृति, आस्था और आध्यात्मिकता का महापर्व बताया और कहा कि यह आयोजन मानवता के साथ-साथ भाईचारे, सामाजिक सौहार्द और समानता का संदेश देता है।
महाकुंभ का महत्व और संदेश
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संदेश में महाकुंभ को भारत की प्राचीन संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ एक पवित्र अवसर है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों से लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं, साधु-संतों, पंथों और समुदायों को एकजुट करता है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का उत्सव है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द, भाईचारे और मानवता के उच्चतम आदर्शों का प्रतीक भी है।
खरगे ने अपने संदेश में कहा, “हमारे देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को समर्पित यह महापर्व न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह देश की विविधता में एकता और समानता के शाश्वत मूल्यों का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ में देशवासियों को जाति, धर्म, और वर्ग के भेदभाव को समाप्त करके एकजुटता का परिचय देना चाहिए, ताकि भारत की महान संस्कृति को पूरे विश्व में प्रस्तुत किया जा सके।
भारत की प्राचीन धार्मिक संस्कृति
कांग्रेस अध्यक्ष ने पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रसिद्ध पुस्तक ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ से महाकुंभ के बारे में एक उद्धरण भी साझा किया। उन्होंने लिखा, “पंडित नेहरू ने अपने समय के कुंभ मेले का उल्लेख करते हुए कहा था कि महाकुंभ में भाग लेने वाले लाखों लोग गंगा के पवित्र जल में स्नान करते हैं, और यह आयोजन हमारे देश के हजारों साल पुरानी आस्था और धार्मिकता को प्रदर्शित करता है।” नेहरू ने कुंभ मेले की महत्ता को बहुत अच्छे से समझाया था, और उनकी यह सोच आज भी हमारे समाज में प्रभावी है।
महाकुंभ की सफलता की कामना
खरगे ने आगे कहा कि महाकुंभ का यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल आध्यात्मिक अनुभव है, बल्कि यह समाज में समानता और एकजुटता की भावना को भी प्रबल करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह आयोजन देशवासियों को छुआछूत, ऊँच-नीच और भेदभाव की सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की प्रेरणा देगा। उन्होंने अपने संदेश में यह भी व्यक्त किया कि महाकुंभ सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक बने, और देशवासियों को आपसी प्रेम और सहयोग की दिशा में एक कदम और बढ़ाए।
Priyanka का शुभकामना संदेश
पार्टी महासचिव Priyanka वाड्रा ने भी इस अवसर पर देशवासियों को पौष पूर्णिमा की शुभकामनाएँ दीं और महाकुंभ के आयोजन की सफलता की कामना की। Priyanka ने कहा, “यह महाकुंभ हमारी पुरानी धार्मिक संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा से जुड़ा एक महान उत्सव है, जो हमारे देश की महानता और विविधता को प्रदर्शित करता है।” उन्होंने महाकुंभ को एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में देखा, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु और संत अपनी आस्था और भक्ति में लीन होकर राष्ट्र के कल्याण की कामना करेंगे।
Priyanka ने महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का सम्मान करते हुए कहा, “मां गंगा के पवित्र जल में करोड़ों श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे और इस आयोजन के जरिए भारत की प्राचीन संस्कृति को फिर से जीवित करेंगे।” उन्होंने इस महाकुंभ को केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश देने वाला उत्सव माना, जो मानवता की सेवा में समर्पित है।
महाकुंभ: एकजुटता और समानता का प्रतीक
महाकुंभ का यह आयोजन केवल धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज में एकजुटता और समानता की भावना को प्रबल करने का अवसर भी है। खरगे और Priyanka ने इस आयोजन के जरिए यह संदेश दिया कि महाकुंभ में सभी लोग अपने भेदभाव को छोड़कर एकता, भाईचारे और समानता के सिद्धांतों को अपनाकर देश की महान सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाएं।
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