कांग्रेस का आरोप: AAP और भाजपा ने दिल्ली के लोगों के साथ किया धोखा
दिल्ली में अगले विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों पर कड़ा हमला किया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इन दोनों पार्टियों ने दिल्ली की जनता से जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं हुए हैं और उनके कार्यकाल के दौरान दिल्ली की जनता को केवल धोखा ही मिला है। कांग्रेस के नेता मानते हैं कि दिल्लीवासियों ने इन पार्टियों पर विश्वास किया था, लेकिन अंततः उन्हें केवल झूठे वादों और असफलता के अलावा कुछ नहीं मिला। कांग्रेस ने अपने आरोपों को एक श्वेत पत्र के माध्यम से उजागर किया है, जिसमें उन्होंने इन दोनों सरकारों के कामकाज की आलोचना की है।
AAP पर कांग्रेस का हमला
कांग्रेस के नेताओं ने खास तौर पर AAP पर हमला बोला। उनका कहना था कि AAP का नाम भले ही “आम आदमी” रखा गया हो, लेकिन पार्टी के नेता अपनी जीवनशैली और कार्यों से आम आदमी से बहुत दूर हैं। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन और दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी काज़ी निज़ामुद्दीन ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता महलों में रहते हैं और उनके पास जनता के मुद्दों को हल करने का समय नहीं है।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि AAP का दावा है कि वे “काम की राजनीति” करते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि उनकी सरकार ने दिल्ली में कोई ठोस बदलाव नहीं किया। इसके अलावा, दिल्ली में बढ़ते अपराध, महिलाओं की सुरक्षा की कमी, और सार्वजनिक सेवाओं की खस्ताहाल स्थिति पर भी सवाल उठाए गए। कांग्रेस का कहना था कि कोरोना महामारी के दौरान, जब लोग अस्पतालों में ऑक्सीजन और बिस्तरों के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब AAP ने शीशमहल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि उन्हें जनता के लिए अस्पताल और अन्य आवश्यक सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत थी।
भाजपा पर भी कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने भाजपा को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि दोनों सरकारें एक-दूसरे पर आरोप लगाती रहती हैं, लेकिन असल में दोनों के शासन में दिल्ली के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी ने मिलकर दिल्ली को नफरत का बाजार बना दिया है, जहां कोई भी सही काम नहीं हो रहा है। भाजपा की केंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के बीच खींचतान के कारण, दिल्लीवासियों को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित किया गया है।
कांग्रेस ने कहा कि दोनों पार्टियों ने वादा किया था कि वे दिल्ली में गरीबों को मकान देंगे, लेकिन असलियत यह है कि साल 2023 में लगभग 2.80 लाख लोग बेघर हो गए। इसके अलावा, दिल्ली में अन्य बुनियादी समस्याएं जैसे पानी, बिजली, सड़कें और स्वास्थ्य सेवाएं भी खराब हो गई हैं। कांग्रेस ने यह भी कहा कि दिल्ली में सबसे महंगी बिजली मिल रही है और पानी की समस्या दिनों-दिन बढ़ रही है।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी नाकामियों की ओर इशारा किया। कांग्रेस का कहना था कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों में 56,000 से ज्यादा ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) की सीटें खाली हैं। इसके अलावा, शिक्षकों की कमी है और स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल की स्थिति भी खाली है। स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भी गंभीर आरोप लगाए गए। कांग्रेस ने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवंटित बजट बेहद कम है।
कांग्रेस ने कहा कि AAP की सरकार मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों के वादे करती है, लेकिन ये संस्थाएं भी बुरी तरह से कमी और अव्यवस्था से जूझ रही हैं। दिल्ली में स्वास्थ्य के क्षेत्र में 10,250 करोड़ रुपए की आवश्यकता थी, लेकिन केवल 372 करोड़ रुपए ही आवंटित किए गए। यही नहीं, दिल्ली में कई मौकों पर भारी बारिश के कारण लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
कांग्रेस का दावा: केवल कांग्रेस कर सकती है दिल्ली की भलाई
कांग्रेस ने यह भी कहा कि दिल्ली में 15 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार रही और उस समय दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए एक मजबूत नींव रखी गई। कांग्रेस का कहना है कि जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी, तो भाजपा के बावजूद शीला दीक्षित जी ने दिल्ली के विकास के लिए बहुत काम किया। कांग्रेस नेताओं ने यह विश्वास जताया कि यदि दिल्ली में फिर से कांग्रेस की सरकार आती है, तो वह दिल्ली के विकास के लिए ठोस कदम उठाएगी और जनता के विश्वास को फिर से बहाल करेगी।
कांग्रेस के अनुसार, भाजपा और AAP सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप के खेल में व्यस्त हैं, लेकिन जब बात काम करने की आती है, तो कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो जनता के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को यह समझना चाहिए कि इन दोनों पार्टियों से अब कोई उम्मीद नहीं बची है और केवल कांग्रेस ही उन्हें उनके अधिकार दिला सकती है।
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