Adani Group का बड़ा बयान: सोलर प्रोजेक्ट रिश्वत मामले को निराधार बताया, कानूनी कदम उठाने की बात की
Adani Group पर अमेरिका में 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने के आरोप लगे हैं, जिनके तहत आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनी को एक सोलर प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को यह रकम दी। इस मामले में बुधवार को न्यूयॉर्क में एक आपराधिक मामला दायर किया गया था, जिसमें गौतम अडानी समेत आठ लोगों पर अरबों की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया है और कहा कि वह इन आरोपों के खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाएंगे।
न्यूयॉर्क कोर्ट में आरोपों का सामना
न्यूयॉर्क के फेडरल कोर्ट में हुई सुनवाई में आरोप लगाया गया कि अडानी ग्रुप ने सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी थी। यह कॉन्ट्रैक्ट अगले 20 वर्षों में कंपनी को दो अरब डॉलर से अधिक का मुनाफा देने का था, और इसे लेकर अडानी ग्रुप ने अमेरिका के कानूनी अधिकारियों से कहा था कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार और असत्य हैं।
सुनवाई के दौरान, गौतम अडानी और उनकी कंपनी के आठ अन्य सहयोगियों पर अरबों रुपये के धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगाए गए। आरोप के मुताबिक, अडानी ग्रुप ने सोलर प्रोजेक्ट के लिए उच्च अधिकारियों से अनुबंध प्राप्त करने के लिए रिश्वत दी, जिससे उन्हें लंबे समय तक लाभ की उम्मीद थी।
Adani Group का बयान: आरोप निराधार और असत्य
इस आरोप पर Adani Group ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बयान में कहा गया कि “Adani Group पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। हम इन आरोपों को सिरे से नकारते हैं और इसे पूरी तरह से असत्य मानते हैं। कंपनी हमेशा से ही वैध और पारदर्शी तरीके से कारोबार करती आई है।”
Adani Group ने आगे कहा कि कंपनी को इस मामले में कोई कानूनी दिक्कत नहीं होने वाली है, और वह इस मामले में पूरी तरह से कानूनी कदम उठाएगी। कंपनी का कहना है कि वह अमेरिका के न्यायालयों के समक्ष सभी तथ्यों को पेश करेगी और सुनिश्चित करेगी कि सही तथ्य सामने आएं।
क्या है मामला?
Adani Group पर आरोप है कि उसने भारत के सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी, ताकि वह एक महत्वपूर्ण सोलर प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर सके। इस कॉन्ट्रैक्ट से अडानी ग्रुप को अगले 20 वर्षों में करीब 2 अरब डॉलर का मुनाफा होने की उम्मीद थी। इस तरह के आरोप जब न्यूयॉर्क में दायर किए गए, तो यह मामला तेजी से सुर्खियों में आ गया, और अडानी ग्रुप पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठने लगे।
अदालत में दायर किए गए मामले में दावा किया गया कि Adani Group के अधिकारियों ने इस रिश्वत के माध्यम से भारतीय अधिकारियों को प्रभावित किया, ताकि वे कंपनी को यह महत्वपूर्ण सोलर प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए सहमत हो जाएं। यह मामला भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों का हिस्सा बन गया है, जिसमें अडानी और उनके सहयोगी आरोपित हैं।
Adani Group के साथ अन्य व्यक्ति भी हैं आरोपी
न्यूयॉर्क के फेडरल कोर्ट में दायर किए गए मामले में, सिर्फ गौतम अडानी ही नहीं, बल्कि अडानी ग्रुप के आठ अन्य उच्च अधिकारियों पर भी आरोप लगाए गए हैं। यह सभी लोग कंपनी के सोलर प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी करने में शामिल बताए जा रहे हैं।
इस मामले में अडानी ग्रुप के इन अधिकारियों पर गंभीर आरोप हैं कि इन्होंने सार्वजनिक अधिकारियों से मिलकर सोलर प्रोजेक्ट को प्राप्त करने के लिए रिश्वत दी और इस प्रक्रिया में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया। इन आरोपों के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप ने अपनी ओर से स्पष्ट किया है कि वह सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगे और सभी आरोपों का सामना करेंगे।
Adani Group का कानूनी पक्ष
Adani Group ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि वह अमेरिका और भारत में सभी कानूनों का पूरी तरह पालन करते हुए अपना कारोबार चलाते हैं। कंपनी ने कहा, “हमने हमेशा अपने व्यवसाय के सभी पहलुओं में पारदर्शिता और ईमानदारी को बनाए रखा है। हम अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से नकारते हैं और इनका मुकाबला करने के लिए कानून का सहारा लेंगे।”
अडानी ग्रुप ने यह भी कहा कि यह मामला केवल एक व्यक्तिगत आरोप नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। कंपनी ने कहा कि वह इस मामले में अपने सभी अधिकारों का पूरी तरह से पालन करेगी और न्याय के लिए संघर्ष करेगी।
Adani Group का भविष्य: कानूनी लड़ाई जारी रहेगी
Adani Group के लिए यह मामला एक महत्वपूर्ण चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि इससे कंपनी की प्रतिष्ठा पर असर पड़ सकता है। हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में पूरी तरह से कानूनी रास्ते पर चलेगी और इसे नकारने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। आने वाले दिनों में यह मामला और भी अधिक चर्चा का विषय बन सकता है, और अडानी ग्रुप को अपने आरोपों का मुकाबला करने के लिए वैश्विक स्तर पर कानूनी लड़ाई लड़नी होगी।
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