आग में झुलसी दो बच्चियों की मौत पर डॉ. Yadav ने आर्थिक सहायता के दिए निर्देश

Mohan Yadav

मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav का बड़ा कदम: दमोह में आग हादसे में मृत बच्चियों के परिवार को आर्थिक सहायता

मध्यप्रदेश के दमोह जिले के बरोदा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक श्रमिक परिवार की झोंपड़ी में लगी आग के कारण दो मासूम बच्चियों की जान चली गई। मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। इस घटना से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है, और मुख्यमंत्री के कदम ने यह साबित कर दिया है कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है।

दमोह में आग की चपेट में आईं दो मासूम बच्चियां

यह घटना 7 जनवरी 2025 को दमोह जिले के मगरोन थाना क्षेत्र के बरोदा गांव में हुई। एक मजदूर परिवार की झोपड़ी में अचानक आग लग गई, जिससे वहां मौजूद तीन बच्चियां बुरी तरह झुलस गईं। इस घटना के बारे में मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि, “दमोह जिले के ग्राम बरोदा कला में एक मजदूर परिवार की झोपड़ी में आग लगने से दो मासूम बच्चियों की मौत और एक बच्ची के गंभीर रूप से जलने की घटना हृदय विदारक है।”

आग लगने के बाद, पूरे घर में अफरा-तफरी मच गई, और झोपड़ी में मौजूद तीन बच्चियां बुरी तरह से झुलस गईं। मौके पर पहुंची स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तत्काल बच्चियों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, दो बच्चियों की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि तीसरी बच्ची की हालत गंभीर बनी रही और उसे जबलपुर रेफर किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav का संवेदनशील कदम

मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने इस हादसे के बाद पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए आर्थिक सहायता की घोषणा की। उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए चार-चार लाख रुपए की सहायता देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, गंभीर रूप से घायल बच्ची के इलाज के लिए नियमानुसार आर्थिक सहायता प्रदान करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद करेगी।

इस संवेदनशील कदम से यह स्पष्ट होता है कि डॉ. Mohan Yadav की सरकार हर संकट के समय अपने नागरिकों के लिए तत्पर रहती है और किसी भी प्रकार की मदद से पीछे नहीं हटती। इस घटनाक्रम के बाद, प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav के इस कदम की सराहना की है, जो न केवल उनके मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है, बल्कि सरकार की नीतियों को भी उजागर करता है।

आग की घटना का दुखद पहलू

दमोह जिले के बरोदा गांव में आग लगने की घटना बेहद दुखद और हृदय विदारक रही। आग की वजह से झोपड़ी में मौजूद तीन मासूम बच्चियां बुरी तरह से झुलस गईं। मृतक बच्चियों की पहचान गोविंद आदिवासी की दो बेटियों जाह्नवी (5) और कीर्ति (3) के रूप में हुई है, जबकि परिवार की सबसे छोटी बच्ची हीर (पांच महीने) की हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना ने पूरे गांव को शोक की लहर में डुबो दिया है।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। घटना की जांच भी की जा रही है, ताकि आग लगने के कारणों का पता चल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय किए जा सकें। इस बीच, स्थानीय लोग और संगठनों ने भी पीड़ित परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav का दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav का यह कदम यह दर्शाता है कि राज्य सरकार न केवल विकास के लिए काम कर रही है, बल्कि वह हर नागरिक की पीड़ा और संकट के समय में भी उनके साथ खड़ी है। राज्य सरकार के द्वारा आर्थिक सहायता की घोषणा से पीड़ित परिवार को कुछ राहत मिलेगी, हालांकि इस हादसे में गंवाए गए मासूम जीवन का कोई मुआवजा नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि राज्य सरकार इस घटना के पीड़ितों के साथ हर कदम पर खड़ी रहेगी। राज्य में प्राकृतिक आपदाओं और अप्रत्याशित घटनाओं के प्रभावों को कम करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी की जा सके।

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