महाकुंभ में अव्यवस्था पर Ajay Rai और उज्जवल रमण सिंह का हमला, भाजपा सरकार पर साधु संतों और श्रद्धालुओं की अनदेखी का आरोप
Ajay Rai: कांग्रेस पार्टी ने महाकुंभ में व्यवस्था की भारी खामी और अव्यवस्था पर भाजपा सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि सरकार केवल वीआईपी लोगों की मेहमाननवाजी और प्रचार-प्रसार में व्यस्त है, जबकि आम श्रद्धालु और साधु संतों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष Ajay Rai और प्रयागराज से कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में सरकार के खिलाफ तीखे बयान दिए और महाकुंभ के आयोजन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
महाकुंभ में व्यवस्था का बुरा हाल
कांग्रेस नेताओं ने महाकुंभ के आयोजन में सरकार की कथित बदइंतजामी की आलोचना करते हुए कहा कि प्रशासन पूरी तरह से वीआईपी मेहमानों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है, जबकि आम श्रद्धालु और साधु संतों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। Ajay Rai ने कहा, “सरकार सिर्फ प्रचार-प्रसार में व्यस्त है। महाकुंभ के आयोजन में जनसमूह को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार की सटीक योजना तैयार नहीं की गई है। सड़कें, नालियां और गली मोहल्ले तक की स्थिति खराब है। श्रद्धालुओं को 20-20 किलोमीटर पैदल चलकर मंदिरों तक पहुंचने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”
कांग्रेस का आरोप: महाकुंभ में भ्रष्टाचार और प्रशासन की अनदेखी
Ajay Rai ने महाकुंभ के नाम पर आवंटित बजट में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि इस पैसे का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है और यह आने वाले दिनों में तथ्यों और आंकड़ों के साथ उजागर किया जाएगा। Ajay Rai ने कहा, “महाकुंभ के लिए बड़े स्तर पर तैयारी का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार ने महाकुंभ को केवल एक राजनीतिक इवेंट बना दिया है। आस्था और विश्वास के इस महासंगम स्थल पर सरकार ने अपने हितों को प्राथमिकता दी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस बार महाकुंभ की परंपराओं को बदल दिया गया है। परंपरागत रूप से महाकुंभ एक धार्मिक आयोजन होता है, लेकिन इस बार सरकार ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक बना दिया है। यहां तक कि कैबिनेट मीटिंग्स का आयोजन कर सरकार ने एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है, जो कि न केवल धार्मिक बल्कि आस्थावादी दृष्टिकोण से भी गलत है।
धार्मिक आयोजन में भ्रष्टाचार: गुजरात की कंपनियों को ठेके
कांग्रेस नेताओं ने महाकुंभ के आयोजन में गुजरात की कंपनियों को ठेके देने पर भी सवाल उठाए। Ajay Rai ने आरोप लगाया कि इन कंपनियों के माध्यम से केवल भ्रष्टाचार बढ़ा है और जनता को कोई वास्तविक सुविधा नहीं मिल रही है। “महाकुंभ के नाम पर गुजराती कंपनियों को ठेके देने से कोई विकास नहीं हुआ, बल्कि इसने केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया,” उन्होंने कहा।
Ajay Rai ने दावा किया कि महाकुंभ के आयोजन में जो भी बड़े वादे किए गए थे, वे अब तक अधूरे ही हैं। इसके अलावा, महाकुंभ के लिए आवंटित बजट का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा है, जो जनता के लिए चिंता का विषय है।
2019 के कुंभ में किए गए वादों का भी नहीं हुआ पालन
कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने 2019 के कुंभ के दौरान भाजपा सरकार द्वारा किए गए वादों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने दावा किया था कि 2025 तक महाकुंभ में मेट्रो सेवा शुरू हो जाएगी और गंगा नदी पर छह लेन पुल भी तैयार हो जाएगा, लेकिन इन दोनों परियोजनाओं का काम अब तक अधूरा पड़ा है। “2019 के कुंभ में भाजपा सरकार ने कहा था कि मेट्रो सेवा और पुल 2025 तक तैयार हो जाएगा, लेकिन आज तक इनमें से कोई भी परियोजना पूरी नहीं हुई है,” उन्होंने कहा।
साथ ही, Ajay Rai ने यह भी कहा कि सरकार ने सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार किया है और पिछले कुंभ के दौरान जिन मोहल्लों की गली-नाली बनाई जाती थी, इस बार उन तक को भी नजरअंदाज कर दिया गया है। “सरकार की इस बदइंतजामी के कारण लोग 20-20 किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर हैं। यह दिखाता है कि सरकार की प्राथमिकता केवल अपनी छवि को चमकाने और प्रचार करने तक सीमित है,” उन्होंने कहा।
भ्रष्टाचार का खुलासा होगा: कांग्रेस का आश्वासन
Ajay Rai ने महाकुंभ के आयोजन में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने का वादा किया। उन्होंने कहा, “हम इस भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे और इसकी जांच करवाएंगे। यह कोई मामूली मामला नहीं है, क्योंकि यहां साधु संतों और श्रद्धालुओं की आस्था का सवाल है। सरकार ने यह आयोजन सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ के लिए किया है और जनता को धोखा दिया है।”
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