कृत्रिम बौद्धिकता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या आम बोलचाल की भाषा में कहें तो AI , हर तरफ इस समय पर AI Farmingका ही शोर है सोशल मीडिया पर आने वाली फोटोज से ले कर बड़े से बड़े प्रोजेक्ट में इस समय AI प्रवेश कर चुका है , पर क्या टेक्नोलॉजी को सबसे अंत में अपनाने वाले किसानो के लिए भी AI Farming के पास कुछ ख़ास है ? पहला विचार आता है भला मिटटी में बीज बोने से ले कर सिचाई और खाद देने की प्रक्रिया में AI कैसे मदद कर सकता है , जैसे शहर में जन्मे लोग खेती में कोई मदद नहीं कर पाते वैसे ही शहर में जन्मा AI Farming खेतों में क्या मदद कर पायेगा ? परन्तु यह एक आम धारणा हो सकती है लेकिन सच कुछ और है वो ये की ये कृत्रिम बुद्धिमत्ता माने AI खेतो और किसानो को इतनी मदद करने जा रहा है की किसानो की तमाम ऐसी समस्याओ का समाधान चुटकी बजाते ही हो जाएगा , जो किसानो के लिए सदियों से नहीं सुलझ पायी थी !
AI Farming करेगा सिंचाई
खेती में सबसे कठिन और जिम्मेदारी भरा कार्य होता है सिंचाई क्यूंकि उसी पर फसल का उत्पादन निर्भर करता है , जितना बड़ा खेत उतनी बड़ी जिम्मेदारी , अक्सर कई बार उस जगह बहुत ज्यादा पानी लग जाता है जहाँ नहीं लगना चाहिये था और कई बार खेत का कुछ हिस्सा बिलकुल सूखा रह जाता है , इसके अलावा भविष्य को देखते हुए आज की सबसे बड़ी जरूरत है पानी का समुचित प्रयोग यानि जल संरक्षण ( WATER CONSERVATION ) , इन सब समस्याओ का समाधान अब AI Farming के पास है ! सुन ने में अजीब अवश्य लगा रहा है पर यह सच है , ड्रिप इरीगेशन सिस्टम्स डेवलप करने वाली कंपनियों ने अब ऐसे सिस्टम बनाने शुरू कर दिए है जो की SETELITE के जरिये आपके खेत पर नजर रखेगी खेत के किस हिस्से को पानी की कितनी ज़रूरत है वो भी बताएगी और किस हिस्से में कीट या बीमारिया लग रही है और किस हिस्से को दवा की ज़रूरत है वो भी AI ही बताएगा !
🚨 Just 7 days to go until all roads lead to Kigali Convention Centre for #ACAT2025!
— Pacifique DUSABIMANA👨🌾 (@p_dusabimana) June 2, 2025
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AI किसानो को बताएगा कैसे
अब सवाल ये उठता है की यदि SETELITE से जुड़ कर खेती की इन समस्याओं के बारे किसान को जानाकरी मिलेगी कैसे तो उसके लिए किसान का स्मार्टफोन किसान को स्मार्ट किसान बनाने का कार्य करेगा , क्यूंकि जो इरीगेशन सिस्टम SETELITE से संपर्क में रहेगा वही किसान के मोबाइल से भी कनेक्ट रहेगा जिस से की किसान के पूरे खेत की जानकरी लगातार किसान तक पहुँचती रहेगी , जिसमे किसान घर बैठे हुए देख पायेगा की कितने हिस्से में सिंचाई हो चुकी है और कितने हिस्से में बाकी है ! कौनसा हिस्सा बिमारी की चपेट में आ चूका है और किस हिस्से को दवा की ज़रुरत है !
किसान घर बैठे कर सकेगा सिंचाई
जी हाँ अब ठिठुरती सर्दी में किसानो को खेत में खड़े रहने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी ना ही बार बार सिस्टम को बंद करने या शुरू करने के लिए खेत में रहना होगा बल्कि घर बैठे बैठे अपने मोबाइल से इरीगेशन सिस्टम को कण्ट्रोल किया जा सकेगा ! जिस हिस्से में सिंचाई होचुकी है उसे बंद करना जिस हिस्से में सिंचाई होनी है उस हिस्से में पानी शुरू कर सकते हैं !
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