किसानों की समस्याओं पर चुप है बीजेपी, Arvind Kejriwal ने उठाए गंभीर सवाल
दिल्ली में किसानों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की चिट्ठी पर आम आदमी पार्टी (आप) और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक Arvind Kejriwal ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में किसान लंबे समय से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं, और इनकी वही मांगे हैं, जिन्हें केंद्र सरकार तीन साल पहले मान चुकी थी, लेकिन अब तक उन्हें लागू नहीं किया गया। इस पर Arvind Kejriwal ने शिवराज चौहान द्वारा लिखी गई चिट्ठी का जवाब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दिया।
Arvind Kejriwal ने अपनी पोस्ट में बीजेपी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बीजेपी अब अपने वादों से मुकर चुकी है और किसानों से बात तक नहीं कर रही। उन्होंने सवाल उठाया कि बीजेपी को अपने अहंकार को त्यागकर किसानों से बात करनी चाहिए, क्योंकि ये हमारे देश के किसान हैं और उनका अधिकार है कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।
शिवराज चौहान ने की थी चिट्ठी, केजरीवाल ने दिया था जवाब
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी को लिखी एक चिट्ठी में आरोप लगाया था कि आप की सरकार किसानों के प्रति उदासीन है और दिल्ली में दस साल से सत्ता में रहते हुए Arvind Kejriwal ने किसानों के साथ सिर्फ धोखा किया है। चौहान ने कहा था कि आप सरकार को किसानों के लिए संवेदना नहीं है और उसने कभी भी उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया।
इस चिट्ठी का जवाब देते हुए, Arvind Kejriwal ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि बीजेपी सरकार अपने वादों से मुकर गई है। केजरीवाल ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर बीजेपी को अब गंभीर होना चाहिए और उनसे बात करनी चाहिए। केजरीवाल ने अपनी पोस्ट में लिखा, “बीजेपी सरकार अब अपने वादे से मुकर गई। बीजेपी सरकार किसानों से बात तक नहीं कर रही। उनसे बात तो करो। हमारे ही देश के किसान हैं। बीजेपी को इतना ज्यादा अहंकार क्यों है कि किसी से बात भी नहीं करते?”
कृषि कानूनों के विरोध और किसानों की लंबी लड़ाई
Arvind Kejriwal का बयान इस बात को लेकर भी संदर्भित था कि केंद्र सरकार ने तीन साल पहले कुछ ऐसे वादे किए थे, जिन्हें आज तक पूरा नहीं किया गया। इन वादों का पालन न करने का मुद्दा किसानों के बीच गहरी नाराजगी का कारण बना है। पंजाब में किसान लंबे समय से धरने पर बैठे हैं, और उनका मुख्य मुद्दा वही है जो केंद्र सरकार ने तीन साल पहले स्वीकार किया था, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया।
इसके अलावा, किसान आंदोलन की शुरुआत कृषि कानूनों के खिलाफ हुई थी, जो बाद में सरकार ने निरस्त किए। हालांकि, अब यह सवाल उठता है कि क्या बीजेपी फिर से कृषि कानूनों को लागू करने की तैयारी कर रही है, जैसा कि शिवराज चौहान की चिट्ठी से प्रतीत हो रहा था। Arvind Kejriwal ने इस संदर्भ में भी सवाल उठाया और कहा कि बीजेपी सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
केंद्र सरकार पर हमला, केजरीवाल ने उठाए अहम सवाल
Arvind Kejriwal ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला करते हुए यह भी कहा कि बीजेपी सरकार किसानों से बात नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने किसानों की बातों को ध्यान से सुना होता, तो यह समस्या पहले ही सुलझ गई होती। उनके मुताबिक, किसानों के मुद्दों को हल करना सरकार की जिम्मेदारी है और यह समय है कि सरकार अपना रवैया बदलकर किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाए।
किसानों की मांगें और बीजेपी सरकार का विरोध
Arvind Kejriwal ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के पास किसानों की बात सुनने का समय नहीं है, जबकि उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। किसानों की प्रमुख मांगें वही हैं जो तीन साल पहले सरकार ने मानी थी, लेकिन अभी तक उनका कोई समाधान नहीं हुआ। इन मांगों में मुख्य रूप से कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी शामिल हैं।
पंजाब में किसान आंदोलन जारी
पंजाब में किसानों का आंदोलन अब भी जारी है और वे इस आंदोलन को लेकर दृढ़ हैं। केजरीवाल ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि किसानों की आवाज़ को अनसुना नहीं किया जा सकता और अब केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसानों के अधिकारों की रक्षा नहीं की जाती है, तो यह भविष्य में और भी बड़ा संकट बन सकता है।
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