Ashok Gehlot का भाजपा सरकार पर निशाना, किसानों की परेशानियों को लेकर उठाए सवाल
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता Ashok Gehlot ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की सरकार पर किसानों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए गंभीर चिंता व्यक्त की। Ashok Gehlot ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह नजरअंदाज किया है और उन्हें मुआवजा व समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सही मूल्य देने में पूरी तरह विफल रही है। उनका कहना है कि राज्य में सरसों की फसल का बाजार में आना तो शुरू हो चुका है, लेकिन सरकार ने अभी तक एमएसपी पर सरकारी खरीद की प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
सरसों की खरीदी में देरी पर Ashok Gehlot का कड़ा बयान
श्री Ashok Gehlot ने इस मुद्दे को लेकर कहा कि जब सरसों की फसल बाजार में आ चुकी है, तो सरकार ने एमएसपी पर सरकारी खरीद की प्रक्रिया शुरू क्यों नहीं की? उन्होंने इसे किसानों के साथ अन्याय बताते हुए भाजपा सरकार की नाकामी की आलोचना की। उनका कहना था कि इस समय जब सरसों का उत्पादन बाजार में आ चुका है, तो किसानों को इसका उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जो कि उनके लिए आर्थिक संकट का कारण बन सकता है।
गेंहू की एमएसपी पर खरीद का पंजीयन लेकिन अधूरी घोषणाएं
Ashok Gehlot ने यह भी बताया कि जबकि गेंहू की कटाई अभी बाकी है, भाजपा सरकार ने पहले ही गेंहू की एमएसपी पर खरीद के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में गेंहू की एमएसपी 2700 रुपये करने की बात कही थी, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। Ashok Gehlot ने इसे सरकार की लापरवाही और किसानों से किए गए वादों का उल्लंघन करार दिया।
मूंगफली की सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार की शिकायतें
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले साल मूंगफली की सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें आई थीं। इन शिकायतों को उन्होंने भाजपा सरकार की कार्यशैली की विफलता के रूप में देखा। Ashok Gehlot का कहना था कि इन आरोपों की गहरी जांच होनी चाहिए, ताकि किसानों का विश्वास सरकार से पुनः स्थापित हो सके।
किसानों की बुनियादी समस्याओं को नजरअंदाज करना
Ashok Gehlot ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजस्थान के किसानों को बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और उचित दाम देने में पूरी तरह से विफल हो चुकी है। उनका कहना था कि राजस्थान के किसान सरकारी उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं और उन्हें अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
किसान संघर्ष को लेकर Ashok Gehlot ने जताई चिंता
श्री Ashok Gehlot ने इस गंभीर स्थिति के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि किसानों का संघर्ष बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान के किसान खुद को उपेक्षित और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उनके हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। गहलोत ने राज्य सरकार से मांग की कि वह जल्द से जल्द इस स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए और किसानों की परेशानियों को हल करें।
सरकार को किसानों के हित में कार्रवाई करनी चाहिए
Ashok Gehlot ने राजस्थान की राज्य सरकार को भी चेतावनी दी कि यदि जल्द ही किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो यह उनके लिए राजनीतिक संकट का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस स्थिति को लेकर गंभीरता से विचार करना चाहिए और किसानों के हित में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
किसान विरोधी नीतियों का विरोध
Ashok Gehlot ने भाजपा सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि सरकार ने किसानों की उपेक्षा की है और उनके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सरकार को विशेष योजनाएं बनानी चाहिए जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधार सके और उनकी उपज को उचित मूल्य मिले।
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