Athena lander की चंद्रमा पर लैंडिंग की पुष्टि
अमेरिका की प्राइवेट कंपनी इंट्यूएटिव मशीन्स का Athena lander 7 मार्च को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरा था। इस लैंडिंग की पुष्टि नासा ने भी की थी, लेकिन उसके बाद से इस लैंडर की स्थिति को लेकर चिंता और भ्रम की स्थिति बन गई है। लाइव टेलिकास्ट को अचानक रोकने और अधिकारियों द्वारा यह कहे जाने के बाद कि लैंडर की स्थिति का अभी कोई स्पष्ट पता नहीं चल सका, वैज्ञानिकों के बीच तनाव बढ़ गया है।
Athena lander के उतरने की स्थिति पर संदेह
लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद से इसकी स्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि यह माना जा रहा था कि लैंडर को सही तरीके से चंद्रमा पर लैंड कर दिया गया है, लेकिन अब तक यह नहीं कहा जा सका कि लैंडर सही स्थिति में खड़ा है या तिरछा पड़ा हुआ है। मिशन के डायरेक्टर और इंट्यूएटिव मशीन्स के टिम क्रेन ने भी पुष्टि नहीं की कि लैंडर की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सकी है। उनका कहना है कि लैंडर के झुकाव और उसकी स्थिति का आकलन अभी किया जा रहा है।
मिशन के पहले लैंडर का अनुभव और उसकी विफलता
इंट्यूएटिव मशीन्स की कंपनी के लिए यह दूसरा प्रयास था। पिछले साल कंपनी ने चंद्रमा पर अपना पहला लैंडर उतारा था, लेकिन वह तिरछा होकर गिर गया था। इस बार कंपनी ने बेहतर तकनीक के साथ Athena lander भेजा था, लेकिन लैंडिंग के बाद भी उसकी स्थिति पर संदेह ने मिशन को चुनौतीपूर्ण बना दिया। अधिकारियों के मुताबिक, लैंडर चंद्रमा की सतह से संपर्क करने के बाद कुछ समय तक नियंत्रण कक्ष से संवाद कर रहा था और सौर ऊर्जा उत्पन्न कर रहा था, लेकिन उसके उतरने के 20 मिनट बाद भी यह पुष्टि नहीं हो पाई कि सब कुछ ठीक है या नहीं।
नासा और इंट्यूएटिव मशीन्स का टेलिकास्ट रोकना
नासा और इंट्यूएटिव मशीन्स ने अचानक Athena lander की लैंडिंग का सीधा प्रसारण रोक दिया। अधिकारियों ने कहा कि वे स्थिति का आकलन करने के बाद ही और जानकारी साझा करेंगे। यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि किसी भी चंद्र मिशन के लिए लैंडिंग और सही स्थिति में पहुंचने की पुष्टि अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
Athena lander का उद्देश्य और तकनीकी पहलू
Athena lander चंद्रमा पर महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपकरणों को लेकर गया है, जो चंद्रमा के पर्यावरण और सतह को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगे। इसमें एक ‘आइस ड्रिल’, एक ड्रोन और दो रोवर लगे हैं, जो चंद्रमा के उप-सतह और संसाधनों का परीक्षण करेंगे। मिशन का उद्देश्य पृथ्वी से परे जल स्रोतों का पता लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाना है। इसके अलावा, यह भविष्य में चंद्रमा पर मानव मिशनों की तैयारी में मदद करेगा।
इंट्यूएटिव मशीन्स का इतिहास और महत्व
इंट्यूएटिव मशीन्स ने पिछले साल इतिहास रचा था जब उसके पहले चंद्र लैंडर ओडीसियस ने चंद्र सतह पर नरम टचडाउन किया था। यह चंद्रमा पर उतरने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान था जो पिछले 50 वर्षों में चंद्रमा की सतह पर उतरा। Athena lander, नासा के विज्ञान जांचों और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनों का हिस्सा है, जो चंद्रमा पर भविष्य के मानव मिशनों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी जुटाएगा।
वैज्ञानिकों के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल
Athena lander के मिशन की विफलता या सफल स्थिति की अनिश्चितता ने वैज्ञानिकों के लिए चुनौती उत्पन्न की है। हालांकि लैंडर चंद्रमा पर उतरने के बाद भी संपर्क में था, लेकिन लैंडिंग की पुष्टि में देरी ने वैज्ञानिकों को गहरे विश्लेषण की आवश्यकता महसूस कराई है। यह मिशन चंद्रमा के उप-सतह, जल स्रोतों और संसाधन परीक्षण के मामले में महत्वपूर्ण था, इसलिए वैज्ञानिक यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि यह मिशन आखिरकार कैसे सफल होगा।
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