राज्य सरकार संकल्पों को पूरा करने के लिए उठा रही है मजबूत कदम: Bhajanlal Sharma

Bhajanlal Sharma

राज्य सरकार का आर्थिक विकास प्राथमिकता: Bhajanlal Sharma

राजस्थान के मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharma ने राज्य के आर्थिक विकास को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि राज्य को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसके लिए आवश्यक निवेश, उद्योगों और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत रणनीति बनाई गई है।

श्री Bhajanlal Sharma सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत हुए एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की और अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता

मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharma ने इस अवसर पर कहा कि राज्य में बड़े उद्योगों के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के आयोजन ने राज्य में निवेश के अवसरों को बढ़ावा दिया है और राज्य सरकार ने इस समिट के माध्यम से उद्योग जगत से बड़े निवेशों को आकर्षित करने के लिए एक मंच प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समिट के बाद, राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से राजस्थान में निवेश की दिशा और गति तेज हुई है। इस प्रक्रिया में, राज्य सरकार ने राज्य की औद्योगिक नीति को सुधारने के साथ-साथ निवेशकों को आवश्यक समर्थन और सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

एमओयू के क्रियान्वयन में समयबद्धता और नियमों का पालन जरूरी

Bhajanlal Sharma ने इस समीक्षा बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे तीन श्रेणियों में विभक्त एमओयू के क्रियान्वयन में समयबद्धता और नियमों का पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को एमओयू के क्रियान्वयन को गति देने के लिए आवश्यक नियमावली तैयार करनी चाहिए, ताकि निवेशकों को कोई भी असुविधा न हो।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को निर्देश दिए कि वे एमओयू के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रत्येक माह की 11 और 26 तारीख को भेजें। यह रिपोर्ट इस बात को सुनिश्चित करेगी कि निवेशकों के साथ किए गए समझौतों की प्रगति सही दिशा में हो रही है और यह समयबद्ध तरीके से लागू हो रहे हैं।

निवेशकों के साथ निरंतर संवाद और मॉनिटरिंग

मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharmaने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि एमओयू के क्रियान्वयन की प्रक्रिया निरंतर मॉनिटर की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि विभागीय शासन सचिव इस प्रक्रिया की निरंतर निगरानी रखें और सुनिश्चित करें कि प्रत्येक एमओयू के क्रियान्वयन में कोई भी देरी न हो।

इसके अतिरिक्त, जिला प्रभारी सचिव और जिला कलक्टर्स को भी निर्देशित किया गया कि वे निवेशकों से निरंतर संवाद बनाए रखें और निवेश प्रक्रिया के हर चरण की निगरानी करें। यह संवाद सुनिश्चित करेगा कि निवेशक किसी भी समस्या का सामना न करें और राज्य सरकार की ओर से उन्हें समय पर आवश्यक समर्थन प्राप्त हो।

विशेष रूप से भू-आवंटन के मामलों में तत्परता

Bhajanlal Sharma ने यह भी निर्देशित किया कि एमओयू के तहत एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि वाले निवेशों के लिए जमीन की आवश्यकता से संबंधित मामलों में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उनका कहना था कि भूमि आवंटन से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और उन्हें शीघ्र निपटाया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि निवेशकों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सहूलियतें नियमानुसार और सही तरीके से उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने विशेष रूप से भू-आवंटन के मामलों को प्राथमिकता देने की बात की, ताकि किसी भी निवेशक को जमीन के मामले में रुकावटों का सामना न हो।

महीने में एक बार एमओयू की प्रगति की समीक्षा

मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharma ने यह निर्देश दिया कि प्रत्येक माह की समीक्षा बैठक में एमओयू के क्रियान्वयन की प्रगति पर चर्चा की जाएगी। निवेशकों को एमओयू के क्रियान्वयन की अद्यतन रिपोर्ट देखने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उन्हें यह स्पष्ट रूप से पता चले कि उनकी परियोजनाओं का क्रियान्वयन किस गति से हो रहा है और कौन सी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं।

एकाधिक विभागों के एमओयू को सामंजस्य से पूरा किया जाए

Bhajanlal Sharma ने यह भी कहा कि उन एमओयू की प्रक्रिया को तेज किया जाए, जिनमें एक से अधिक विभागों की स्वीकृति आवश्यक है। इन मामलों में सभी संबंधित विभागों को आपसी सामंजस्य से काम करते हुए क्रियान्वयन की प्रक्रिया को गति देनी चाहिए।

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