मध्यप्रदेश: खुले Borewell में गिरे बच्चे को निकाला गया, अस्पताल में भर्ती
मध्यप्रदेश के गुना जिले के पीपल्या गांव में एक खुले Borewell में गिरे सुमित नामक बच्चे को बचाने का अभियान रविवार को सफल रहा। यह घटना पूरे क्षेत्र में गंभीर चिंता का कारण बनी, लेकिन प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों की तत्परता से बच्चे को बोरवेल से सुरक्षित निकाला गया। हालांकि, बच्चा अचेत अवस्था में था और उसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। यह घटना इस बात को उजागर करती है कि खुले बोरवेलों के खतरों के प्रति अव्यावसायिकता और लापरवाही की गंभीरता को नकारा नहीं जा सकता।
घटना का विवरण
घटना शनिवार दोपहर की है, जब पीपल्या गांव के सुमित नामक बच्चा अपने खेत में पतंग उड़ाते हुए अचानक खुले बोरवेल में गिर गया। यह बोरवेल किसी काम में इस्तेमाल नहीं हो रहा था और बिना किसी सुरक्षा उपाय के खुला पड़ा हुआ था, जिससे यह खतरनाक बन गया था। बच्चा बोरवेल के भीतर बीस फीट से अधिक गहराई में फंस गया था, और उसकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। इसके बाद, उसे बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया।
बचाव कार्य और पुलिस प्रशासन की तत्परता
घटना के बाद जिला प्रशासन को साढ़े छह बजे जानकारी मिली। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मान सिंह ठाकुर ने बचाव कार्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि Borewell से बच्चे को बाहर निकालने के लिए एक समानांतर गड्ढा खोदने का कार्य शुरू किया गया था। यह कार्य रातभर चलता रहा, और सुबह साढ़े नौ बजे के आसपास सुमित को Borewell से बाहर निकाल लिया गया। हालांकि, बच्चे की सांसों की हल्की-हल्की आवाज आ रही थी, लेकिन वह अचेत अवस्था में था। तुरंत उसे इलाज के लिए गुना जिले के अस्पताल भेजा गया।
इस कठिन बचाव कार्य के दौरान राघौगढ़ क्षेत्र के कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह सहित कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। उनके सहयोग से बचाव कार्य की गति तेज हुई और बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
खुले Borewell का खतरा
यह घटना Borewell के खतरे को उजागर करती है, खासकर खुले और अनुपयोगी बोरवेलों के संदर्भ में। मध्यप्रदेश में खुले बोरवेलों का मामला लगातार चिंता का कारण बना हुआ है। बहुत से खेतों में जिन बोरवेलों का उपयोग अब नहीं हो रहा है, उन्हें बिना किसी सुरक्षा उपाय के छोड़ दिया जाता है, जिससे बच्चों सहित अन्य लोगों के लिए ये खतरनाक साबित होते हैं। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि प्रशासन को ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा Borewell के आसपास उचित सुरक्षा बाड़ों की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके। साथ ही, लोगों को भी अपने आसपास के बोरवेलों के प्रति जागरूक करना बेहद आवश्यक है।
सुमित की हालत और अस्पताल में इलाज
सुमित को Borewell से निकालने के बाद, उसकी स्थिति काफी नाजुक थी। उसकी सांसें हल्की थीं, लेकिन वह पूरी तरह से अचेत था। उसे जल्द से जल्द गुना अस्पताल में भेजा गया, जहां उसकी उपचार प्रक्रिया जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की हालत में सुधार के संकेत हैं, लेकिन अभी उसकी स्थिति पूरी तरह से स्थिर नहीं है। फिलहाल उसकी चिकित्सकीय देखरेख की जा रही है, और डॉक्टरों ने उसके लिए एक विस्तृत इलाज की योजना बनाई है।
स्थानीय नेताओं और प्रशासन की प्रतिक्रिया
पीपल्या गांव में हुई इस घटना के बाद, कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह और अन्य नेताओं ने घटना की गंभीरता को समझते हुए बचाव कार्य में सक्रिय भूमिका निभाई। बचाव कार्य के दौरान, उन्होंने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उनका कहना था कि ऐसे हादसे रोकने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है, और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
जयवर्धन सिंह ने भी यह सुझाव दिया कि Borewell के लिए कड़े नियम बनाए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे बोरवेलों के आसपास कोई सुरक्षा इंतजाम न हो, तो उन्हें तुरंत बंद कर दिया जाए।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
यह घटना यह स्पष्ट करती है कि समाज में सुरक्षा जागरूकता की आवश्यकता है, खासकर बच्चों के लिए। अगर बोरवेलों को सुरक्षित रखा जाए और इसके आसपास बच्चों को जाने से रोका जाए, तो इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है। स्थानीय प्रशासन को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और बोरवेलों के पास सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
साथ ही, सरकारी एजेंसियों को भी बच्चों और परिवारों को इस बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाने चाहिए। इससे भविष्य में बोरवेलों के खतरे से बचने के लिए लोग अधिक सतर्क होंगे।
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