जयपुर में CM काफिले में टैक्सी घुसाने वाले ड्राइवर की मौत: 20 दिन पहले पिता बने पवन की दर्दनाक कहानी
11 दिसंबर को जयपुर में CM भजनलाल शर्मा के काफिले में टैक्सी घुसाने वाले ड्राइवर पवन की इलाज के दौरान मौत हो गई। पवन, जो 20 दिन पहले ही पिता बना था, ने महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। इस हादसे में पहले ही एएसआई सुरेंद्र सिंह की जान जा चुकी थी, जबकि चार अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। यह घटना जयपुर के अक्षयपात्र सर्किल पर बुधवार दोपहर को हुई थी, जब एक टैक्सी ने CM काफिले में घुसने की कोशिश की।
हादसा का पूरा घटनाक्रम: एएसआई की मौत और ड्राइवर की स्थिति
घटना के अनुसार, 11 दिसंबर को दोपहर तीन बजे अक्षयपात्र चौराहे पर ट्रैफिक रोका गया था। तभी रॉन्ग साइड से एक टैक्सी नंबर की कार आई, जिस समय सीएम का काफिला वहां से गुजर रहा था। इस दौरान तैनात एएसआई सुरेंद्र सिंह ने टैक्सी को रोकने की कोशिश की, लेकिन ड्राइवर ने उन्हें टक्कर मार दी। इसके बाद टैक्सी CM काफिले की दो अन्य गाड़ियों से टकरा गई। इस हादसे में एसीपी अमीर हसन सहित बलवान सिंह और देवेंद्र सिंह समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए।
पवन की जिंदगी की दर्दनाक कहानी
मृतक ड्राइवर पवन का परिवार इस समय गहरे शोक में डूबा हुआ है। पवन करौली का रहने वाला था और उसने डेढ़ साल पहले ही विदेश से नौकरी छोड़कर जयपुर में बसने का निर्णय लिया था। पवन की पत्नी और दो छोटे बच्चे भी उसके साथ रहते थे। उसका एक बच्चा ढाई साल का था, जबकि दूसरा बच्चा सिर्फ 20 दिन पहले पैदा हुआ था। पवन के जीजा राजू ने बताया कि पवन जयपुर के जगतपुरा सात नंबर बस स्टैंड के पास किराए पर रहता था। पवन के परिवार के लिए यह हादसा बहुत बड़ा दुख लेकर आया है, क्योंकि वह अभी अपने नए बच्चे के साथ खुशियां मना रहा था।
उपराष्ट्रपति की कार के पास दूसरा हादसा
हादसा सिर्फ यहीं नहीं रुका। इसके एक घंटे बाद अक्षयपात्र सर्किल से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की कारों के बीच एक सिलेंडर से भरा ट्रक घुस गया। उपराष्ट्रपति लघु उद्योग भारती द्वारा सोहन सिंह स्मृति कौशल विकास केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जयपुर आए थे। उसी वक्त CM भी इस कार्यक्रम में जा रहे थे। यह स्थिति उस दिन के पहले हादसे की गंभीरता को और बढ़ा दी। हालांकि, इस हादसे में किसी को गंभीर चोटें नहीं आईं, लेकिन यह दुर्घटना भी इस दिन को और भी यादगार बना गई।
एएसआई सुरेंद्र सिंह का बलिदान
इस हादसे में एएसआई सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई। उन्हें सिर में गंभीर चोट आई थी, और उन्होंने जयपुर के जीवन रेखा अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सुरेंद्र सिंह जयपुर के वैशाली नगर इलाके के निवासी थे और उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। उनके पिता भारतीय सेना से रिटायर्ड हैं। एएसआई सुरेंद्र सिंह की शहादत पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने शहीद का दर्जा देने की मांग की है।
CM काफिले में घुसने वाली टैक्सी के ड्राइवर का क्या था हाल?
पवन के साथ इस घटना में उसका साथी भी घायल हुआ था। पवन का कार मालिक ने बताया कि पवन छुट्टी पर था और उसे नहीं पता था कि वह हादसे के समय गाड़ी लेकर क्यों पहुंचा। यह घटना न केवल ड्राइवर और पुलिसकर्मियों के लिए दुखद थी, बल्कि इसके बाद का घटनाक्रम भी जटिल था। पवन के परिवार ने अपनी जिंदगी का सबसे कठिन समय देखा और इस हादसे ने उनकी खुशियों को एक पल में छीन लिया।
CM काफिले की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं
इस हादसे ने सुरक्षा के उपायों पर सवाल उठाए हैं, खासकर जब CM के काफिले के साथ एक टैक्सी टकरा गई। सुरक्षा व्यवस्था में चूक का मामला सामने आया है, और इसकी जांच की जा रही है। ऐसे हादसों से यह संदेश भी जाता है कि पुलिस और प्रशासन को काफिलों की सुरक्षा को और भी मजबूत करना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।