पंजाब में कंगना रनौत की फिल्म ‘Emergency’ का विरोध, सिख संगठनों ने फिल्म पर प्रतिबंध की मांग की
पंजाब में कंगना रनौत की फिल्म “Emergency” को लेकर विरोध शुरू हो गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और अन्य सिख संगठनों के सदस्य पंजाब भर में फिल्म के विरोध में सिनेमा घरों के बाहर एकत्र हो रहे हैं।
इन संगठनों का आरोप है कि फिल्म “Emergency” सिखों की भावनाओं को आहत करने वाली है और इसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत किया गया है। पंजाब के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।
फिल्म “Emergency” का विरोध और पुलिस तैनाती
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अन्य सिख संगठनों द्वारा फिल्म के विरोध को लेकर राज्यभर में भारी हलचल है। अमृतसर, पटियाला, लुधियाना और मोहाली जैसे प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। खासकर अमृतसर में पीवीआर सूरज चंदा तारा सिनेमा के बाहर भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, पंजाब में सिनेमा घरों में गुरुवार तक फिल्म की टिकटों की बुकिंग की जा रही थी, लेकिन शुक्रवार को बुकिंग रद्द कर दी गई है।
एसजीपीसी का फिल्म पर कड़ा विरोध
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इस फिल्म के खिलाफ विरोध जाहिर करते हुए पंजाब सरकार से इसे प्रतिबंधित करने की मांग की है। उन्होंने 28 सितंबर 2024 को पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा था जिसमें फिल्म “Emergency” पर पंजाब में प्रतिबंध लगाने की अपील की गई थी। एसजीपीसी का आरोप है कि कंगना रनौत द्वारा बनाई गई यह फिल्म सिखों को बदनाम करने और उनके इतिहास को विकृत करने का प्रयास करती है।
फिल्म में सिख विरोधी एजेंडे का आरोप
एसजीपीसी के अध्यक्ष ने कहा कि फिल्म “Emergency” 1984 के सिख नरसंहार, सिखों के पवित्र स्थलों पर हमलों और सिख विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने का काम करती है। उनका यह भी कहना है कि फिल्म में 1984 में सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल, श्री स्वर्ण मंदिर और श्री अकाल तख्त साहिब पर घातक हमलों को दर्शाया गया है, जो सिखों की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाता है। इसके साथ ही, फिल्म में सिखों के राष्ट्रीय शहीद संत जरनैल सिंह भिंडरावाले को भी विवादास्पद रूप से चित्रित किया गया है, जिसे सिख समुदाय ने सम्मान की दृष्टि से देखा है।
पंजाब सरकार से कार्रवाई की मांग
धामी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर इस फिल्म पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की अपील की है। उनका कहना है कि यदि फिल्म पंजाब में रिलीज होती है, तो इससे सिख समुदाय में गुस्सा और आक्रोश फैल सकता है, जो स्थिति को और अधिक बिगाड़ सकता है। उन्होंने इस फिल्म को पंजाब में चलने नहीं देने की बात कही है और कहा है कि इस फिल्म के द्वारा सिख समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फिल्म को जानबूझकर सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से राजनीतिक रूप से बनाया गया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष का यह भी कहना है कि यदि पंजाब सरकार ने इस फिल्म को प्रतिबंधित नहीं किया, तो इसका परिणाम राज्य में सामाजिक अस्थिरता और साम्प्रदायिक तनाव के रूप में सामने आ सकता है।
कंगना रनौत की फिल्म का राजनीतिक दृष्टिकोण
कंगना रनौत की फिल्म “Emergency” पर उठ रहे विवादों को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। फिल्म में 1975 के आपातकाल के समय की घटनाओं को दर्शाया गया है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था। फिल्म में इंदिरा गांधी की भूमिका कंगना रनौत खुद निभा रही हैं, और इसे एक राजनीतिक ड्रामा के रूप में प्रस्तुत किया गया है। हालांकि, एसजीपीसी और अन्य सिख संगठनों का मानना है कि फिल्म में सिखों के बारे में गलत धारणाएं बनाई गई हैं और इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।
फिल्म के खिलाफ जारी विरोध की स्थिति
पंजाब में फिल्म के विरोध का असर सिनेमाघरों में भी देखा जा रहा है। फिल्म “Emergency” को लेकर फिल्म के बुकिंग काउंटर पर भी विरोध हो रहा है और सिख संगठन फिल्म के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य सिख संगठनों ने भी फिल्म का बहिष्कार करने का आह्वान किया है और इसके खिलाफ अधिक सख्त कदम उठाने की धमकी दी है।
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