25 जून 2025:
राजस्थान(Rajasthan) और हरियाणा(Haryana) के मुख्यमंत्रियों के बीच यमुना जल समझौते(Yamuna Water Agreement) को लेकर हुई अहम बातचीत ने राज्य के जल संकट से जूझते इलाकों के लिए नई उम्मीदें जगा दी हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा(Rajasthan Chief Minister Bhajanlal Sharma) और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी(Haryana Chief Minister Nayab Singh Saini) के बीच फोन पर हुई बातचीत में यमुना जल समझौते को जमीन पर लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने पर सहमति बनी है।
क्या है यमुना जल समझौता(Yamuna Water Agreement)?
बात साल 1994 की है, जब केंद्र सरकार की पहल पर यमुना नदी(Yamuna River) के जल बंटवारे को लेकर पांच राज्यों — राजस्थान(Rajasthan), हरियाणा(Haryana), उत्तरप्रदेश(Uttar Pradesh), हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) और दिल्ली(Delhi ) — के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ।
इस समझौते के तहत मानसून के दौरान हर साल राजस्थान को 1917 क्यूसेक पानी हथनीकुंड बैराज (पूर्व में ताजेवाला हेड) से दिए जाने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन यह पानी अब तक केवल कागजों में ही सीमित रह गया क्योंकि इसे राजस्थान तक पहुंचाने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनी।
फरवरी 2024 से शुरू हुई पहल:
फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा(Rajasthan CM Bhajanlal Sharma) की पहल पर तत्कालीन हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर(Manohar Lal Khattar) और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत(Gajendra Singh Shekhawat) की मौजूदगी में इस समझौते को अमल में लाने पर सहमति बनी थी। अब ताज़ा बातचीत में हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी(Nayab Singh Saini) ने भी इस परियोजना को आगे बढ़ाने का भरोसा दिया है।
क्या है योजना?
दोनों राज्यों ने मिलकर DPR (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने का निर्णय लिया है, जो मानसून में पूरा कर लिया जाएगा।
परियोजना के तहत:
253 किलोमीटर लंबी तीन पाइपलाइनें बिछाई जाएंगी।
पाइपलाइनों के लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी, जिससे खर्च और समय दोनों की बचत होगी।
यह योजना ताजेवाला (हरियाणा) से राजस्थान सीमा तक जल पहुंचाने का काम करेगी।
राजस्थान को कैसे मिलेगा फायदा?
योजना का सबसे बड़ा लाभ मिलेगा शेखावाटी अंचल के तीन जिलों — चूरू, झुंझुनूं और सीकर — को। यह इलाके लंबे समय से भीषण जल संकट से जूझते रहे हैं। यहां पेयजल और सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भरता है।
अब:
लाखों लोगों को रोजाना पीने का साफ पानी मिलेगा।
दूसरे चरण में, चूरू में 35,000 हेक्टेयर और झुंझुनूं में 70,000 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई जल मिलेगा।
इससे खेती, रोज़गार और स्थानीय उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी।
Read More: Shubhanshu Shukla ने रचा इतिहास — 41 साल बाद अंतरिक्ष में पहुंचे भारतीय अंतरिक्ष यात्री