दो धाराओं के संगम पर पुष्पवर्षा और जयघोष से गूंजा नगर, निंबार्क पीठाधीश श्रीजी महाराज बोले — “संघ हिन्दू समाज का रक्षा कवच”
नावां सिटी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर रविवार को नगर में विजयादशमी उत्सव के तहत भव्य पथ संचलन का आयोजन हुआ। नगर में यह ऐतिहासिक क्षण रहा जब दो धाराएं — केशव धारा (महावीर बस्ती गंगासागर से) और माधव धारा (राधाकृष्ण बस्ती आसान से) — एक साथ निकलकर महालक्ष्मी चौराहे पर संगम बिंदु पर मिलीं।
घोष की ताल पर अनुशासित कदमों से आगे बढ़ते दो हजार से अधिक स्वयंसेवक मानो राष्ट्रभक्ति की लहर बन गए। संगम स्थल पर निंबार्क पीठाधीश श्रीजी महाराज एवं जोधपुर प्रांत के बौद्धिक प्रमुख शंभू सिंह ने स्वयंसेवकों का अभिवादन किया और उन्हें संघ के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी।
नगरवासियों ने 101 स्वागत द्वार बनाकर और 11 क्विंटल पुष्पवर्षा के साथ भव्य स्वागत किया। महिलाओं ने आरती व रंगोली से स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया। पूरा नगर “जय श्रीराम” और “भारत माता की जय” के नारों से गुंजायमान हो उठा।
मुख्य वक्ता शंभू सिंह ने कहा कि “संघ हिन्दू समाज का रक्षा कवच है।” उन्होंने पाँच प्रमुख क्षेत्रों — कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक शिष्टाचार और स्वदेशी उत्पादों के संवर्धन — में स्वयंसेवकों से सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर गोवा तक, संघ के स्वयंसेवक सदैव राष्ट्रसेवा में अग्रणी रहे हैं। “जो लोग पूछते हैं कि संघ ने क्या किया, वे यह जान लें कि संघ ने राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वस्व अर्पित किया है।”
कार्यक्रम में नगर के अनेक गणमान्य नागरिक, समाजसेवी और स्वयंसेवक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। शताब्दी वर्ष का यह उत्सव राष्ट्रभक्ति और एकता का प्रतीक बन गया।