Iran ने यमन में अमेरिकी हवाई हमलों की कड़ी निंदा की

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Iran ने यमन में अमेरिकी हवाई हमलों की कड़ी निंदा की, क्षेत्रीय अस्थिरता का आरोप

Iran ने उत्तरी यमन पर अमेरिकी नेतृत्व वाले नौसेना गठबंधन के हवाई हमलों की कड़ी निंदा की है। Iran के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बघाई ने रविवार को इस हमले की आलोचना करते हुए इसे यमन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के खिलाफ है। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे हमले पश्चिम एशिया में असुरक्षा और अस्थिरता को बढ़ावा देंगे।

अमेरिका, ब्रिटेन और इज़राइल के खिलाफ आरोप

एस्माईल बघाई ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और इज़राइल द्वारा यमन के खिलाफ “चल रही और बार-बार की जाने वाली सैन्य आक्रामकता” क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है। उनका कहना था कि यह आक्रामकता यमन के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करते हुए वैश्विक शांति के सिद्धांतों के खिलाफ जाती है। Iran ने इस हमले को सीधे तौर पर एक युद्ध अपराध के रूप में देखा और यह आरोप लगाया कि इन देशों की सैन्य कार्रवाइयां केवल मध्य-पूर्व में अस्थिरता को बढ़ावा दे रही हैं।

यमन पर हमले का विवरण

हौथी समूह द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी के अनुसार, अमेरिकी नेतृत्व वाले नौसेना गठबंधन ने रविवार को यमन के उत्तरी प्रांत सादा पर तीन हवाई हमले किए। हमलों का मुख्य उद्देश्य हौथी समूह के एक सैन्य स्थल को निशाना बनाना था। हालांकि, अमेरिकी सेना ने इस दावे पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। स्थानीय निवासियों का कहना था कि हमले ने शहर में हौथी सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान पहुंचाया। इस हमले के बाद से यमन में युद्ध और संघर्ष की स्थिति और भी अधिक गंभीर हो गई है।

हौथी समूह और इज़रायल के खिलाफ संघर्ष

हौथी समूह, जो उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखता है, नवंबर 2023 से इज़रायल के खिलाफ रॉकेट और ड्रोन हमले कर रहा है। इन हमलों का उद्देश्य फिलिस्तीनियों के समर्थन में संघर्ष को आगे बढ़ाना है। इसके साथ ही, हौथी समूह ने लाल सागर में इज़रायल से जुड़े शिपिंग को भी बाधित किया है। इन गतिविधियों के जवाब में, अमेरिकी और ब्रिटिश नौसेना गठबंधन ने नियमित रूप से हौथी ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इन हमलों का उद्देश्य हौथी समूह की सैन्य ताकत को कमजोर करना था, लेकिन यह क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है।

Iran का कड़ा बयान

Iran के प्रवक्ता एस्माईल बघाई ने इस विषय पर कड़ा बयान देते हुए कहा कि इन हमलों से क्षेत्रीय असुरक्षा और अस्थिरता बढ़ेगी, जिससे पश्चिम एशिया में स्थित देशों को और अधिक खतरा होगा। उनका कहना था कि अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन की सैन्य कार्रवाइयां केवल यमन ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ा संकट पैदा कर सकती हैं। बघाई ने यह भी कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को यमन में अपनी सैन्य गतिविधियों को तुरंत बंद कर देना चाहिए ताकि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाई जा सके।

पाकिस्तान में आतंकवादी हमला

Iran ने एक अन्य बयान में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हुए घातक आतंकवादी हमले की भी निंदा की। बलूचिस्तान प्रांत के तुरबत जिले में शनिवार को हुए विस्फोट में चार लोग मारे गए और 32 अन्य घायल हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली थी। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस हमले की पुष्टि नहीं की है। बघाई ने पाकिस्तान के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

क्षेत्रीय अस्थिरता की चिंता

इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि Iran को पश्चिमी देशों और क्षेत्रीय शक्तियों की सैन्य कार्रवाइयों के कारण मध्य-पूर्व में बढ़ती अस्थिरता की गहरी चिंता है। उनका मानना है कि इन कार्रवाइयों से न केवल यमन, बल्कि पूरे क्षेत्र में हिंसा और संघर्ष को बढ़ावा मिलेगा। Iran का यह भी कहना है कि इस तरह की आक्रामक सैन्य नीतियों से लंबे समय तक शांति कायम नहीं हो सकती और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

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