Kameshwar Chaupal का निधन: राम मंदिर निर्माण में अहम योगदान
राम मंदिर निर्माण के पहले चरण की शुरुआत करने वाले और श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थायी सदस्य Kameshwar Chaupal का निधन 7 फरवरी 2025 को गंगाराम अस्पताल में हुआ। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से न केवल धार्मिक क्षेत्र, बल्कि राजनीति और समाज में भी शोक की लहर दौड़ गई है। वे बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे और उनका योगदान समाज और राजनीति में अविस्मरणीय था।
बिहार में जन्मे Kameshwar Chaupal का समाजसेवी जीवन
Kameshwar Chaupal का जन्म 24 अप्रैल 1956 को बिहार के सहरसा जिले के वर्तमान सुपौल जिले के कमरैल गांव में हुआ था। बचपन से ही वे समाज सेवा में रुचि रखते थे और उनका जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित था। वे कई संगठनों से जुड़े रहे, जिनमें वनवासी कल्याण केंद्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), विश्व हिंदू परिषद (VHP), और विद्यार्थी परिषद जैसे प्रमुख संगठन शामिल थे। Kameshwar Chaupal ने हमेशा समाज के जरूरतमंद वर्ग के लिए कार्य किया और विशेष रूप से दलितों और पिछड़ों के उत्थान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राम मंदिर आंदोलन और श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट
Kameshwar Chaupal का नाम राम मंदिर निर्माण से भी जुड़ा हुआ है। वे श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थायी सदस्य थे और उन्होंने राम मंदिर निर्माण की दिशा में अपने योगदान की शुरुआत 1980 के दशक में ही की थी। उन्होंने राम मंदिर के निर्माण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे, जिनमें मंदिर के पहले चरण की ईंट रखी जाने का कार्य भी शामिल था। इस कार्य ने उन्हें एक प्रमुख धार्मिक नेता के रूप में स्थापित किया और उनकी छवि समाज में एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में बन गई।
राजनीति में कदम
Kameshwar Chaupal का राजनीतिक जीवन भी गौरवमयी था। उन्होंने 1991 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से राजनीति में कदम रखा। उसी वर्ष, वे रोसड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े, हालांकि वे चुनाव में जीत नहीं पाए। इसके बाद, उन्होंने 1995 और 2000 में बखरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें इन चुनावों में भी सफलता नहीं मिली। बावजूद इसके, उनका राजनीतिक संघर्ष और समाज के प्रति समर्पण निरंतर जारी रहा।
7 मई 2002 को उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया और वे 2014 तक इस पद पर रहे। इस दौरान उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की और अपनी नीतियों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की। उनका राजनीतिक जीवन उनके समाजसेवी दृष्टिकोण का विस्तार था, जिसमें उन्होंने हमेशा धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को प्राथमिकता दी।
बीजेपी और समाज का शोक
Kameshwar Chaupal के निधन पर बिहार बीजेपी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पार्टी ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बीजेपी ने कहा, “राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थायी सदस्य, और विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष श्री Kameshwar Chaupal जी का निधन समाज के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने पूरे जीवन को धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित किया और वे मां भारती के सच्चे लाल थे।”
Kameshwar Chaupal की विरासत
Kameshwar Chaupal का निधन एक अपूरणीय क्षति है। उनका योगदान राजनीति, समाजसेवा और धार्मिक क्षेत्र में हमेशा याद रखा जाएगा। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने समाज के सबसे वंचित वर्गों के लिए संघर्ष किया और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा आवाज उठाई। राम मंदिर के आंदोलन में उनकी भूमिका और समाज सेवा में उनके प्रयासों को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।
उनके जीवन का उद्देश्य हमेशा समाज की सेवा करना था। उन्होंने समाज में सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपनी राजनीति को कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं अपनाया। उनकी विरासत उनके कार्यों, उनके संघर्ष और उनके आदर्शों के रूप में जीवित रहेगी।
बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में योगदान
Kameshwar Chaupal ने बिहार विधान परिषद में सदस्य रहते हुए कई महत्वपूर्ण फैसलों में भाग लिया और राज्य के विकास में अपना योगदान दिया। 2002 से 2014 तक वे विधान परिषद के सदस्य रहे और इस दौरान उन्होंने समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए कई योजनाओं की दिशा में काम किया। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें न केवल राजनीतिक क्षेत्र में सम्मान दिलवाया, बल्कि उन्हें समाज के एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में स्थापित किया।
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