बिधूड़ी ने Kejriwal को दिल्ली के गांव-देहात के विकास पर बहस की दी चुनौती

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बिधूड़ी ने Kejriwal पर आरोप लगाया, दिल्ली के गांव-देहात के विकास पर बहस की चुनौती दी

भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेता और सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री Kejriwal पर दिल्ली के देहात क्षेत्र और किसानों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मुद्दे पर Kejriwal को बहस करने की चुनौती दी और कहा कि यदि Kejriwal अपने आरोपों को सही साबित कर दें तो वे राजनीति छोड़ देंगे।

Kejriwal पर गांवों के विकास में विफलता का आरोप

बिधूड़ी ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए Kejriwal पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “Kejriwal का केंद्र सरकार पर आरोप लगाना ठीक उसी तरह है, जैसे ‘चोर कोतवाल को डांटे’।” बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गांवों के विकास के लिए जो वादे किए थे, वे सभी अधूरे रह गए हैं। उनका कहना था कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के गांवों और किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। बिधूड़ी के अनुसार, Kejriwal सरकार के कार्यकाल में दिल्ली के ग्रामीण इलाकों के विकास में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं हुआ।

Kejriwal की योजनाओं का नहीं हुआ कार्यान्वयन

रामवीर सिंह बिधूड़ी ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि Kejriwal ने दिल्ली के गांवों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) से प्रारूप योजना जमा करने के लिए कहा था। इसके बाद सैकड़ों योजनाओं को दिल्ली सरकार को सौंपा गया, लेकिन केजरीवाल की पार्टी के सत्ता में आने के बाद उन योजनाओं को लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप गांवों के विकास में कोई भी सुधार नहीं हुआ।

इसके साथ ही बिधूड़ी ने यह भी आरोप लगाया कि Kejriwal और उनकी पार्टी ने दिल्ली के किसानों के लिए वादे किए थे, जैसे गृह कर माफी और वैकल्पिक आवासीय भूखंड देना, लेकिन इन वादों को भी पूरा नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों की ज़मीन अधिग्रहीत की गई थी, उन्हें कोई वैकल्पिक सुविधा नहीं दी गई और इस योजना को बंद कर दिया गया।

किसानों के लिए वादे अधूरे

सांसद ने कहा कि Kejriwal ने दिल्ली के किसानों को 50 फीसदी अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने यह वादा भी पूरा नहीं किया। बिधूड़ी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, लेकिन किसान अब भी व्यावसायिक दरों पर बिजली का भुगतान कर रहे हैं। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने किसानों के लिए कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देने का वादा किया था, लेकिन इसे भी लागू नहीं किया गया।

दिल्ली सरकार की योजनाओं का विरोध

बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा किसानों के लिए घोषित जनकल्याणकारी योजनाओं को भी लागू होने से रोका। उन्होंने कहा, “यह किसानों के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार है।” उनका कहना था कि दिल्ली सरकार के इस व्यवहार से गांवों के लोग नाराज हैं और आगामी चुनावों में वे Kejriwal को इसका सबक सिखाएंगे।

दिल्ली सरकार का तर्क नाकाफी

सांसद ने कहा कि धारा 81-ए और 33-ए को खत्म करने का फैसला भी दिल्ली सरकार के स्तर पर लिया जा सकता था, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे लागू नहीं किया। उनका आरोप था कि गांवों को शहरीकृत घोषित न किए जाने के कारण ये धाराएं लागू रहीं, जिससे जीडीए नीति और लैंड पूलिंग नीति लागू नहीं हो सकी।

आने वाले चुनावों में जवाबदेही की उम्मीद

बिधूड़ी का कहना था कि दिल्ली के ग्रामीण इलाकों के लोग अब Kejriwal की झूठी योजनाओं को पहचान चुके हैं और आगामी चुनावों में उन्हें इसका कड़ा जवाब देंगे। उनका मानना था कि Kejriwal की सरकार ने केवल ग्रामीण इलाकों और किसानों के हितों की अनदेखी की है।

नवीनतम राजनीति पर बयान

रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली के ग्रामीण इलाकों के मुद्दे पर Kejriwal के साथ खुली बहस की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल अपनी नीतियों और वादों को सही साबित करने में सफल होते हैं, तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे।

बिधूड़ी ने यह भी कहा कि यदि Kejriwal अपने आरोपों का प्रमाण पेश कर पाते हैं, तो वे सार्वजनिक रूप से अपना वादा निभाएंगे और राजनीति छोड़ देंगे।

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