प्रधानमंत्री Modi की तरफ से चादर लेकर अजमेर पहुंचे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिज
आज सुबह केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र Modi की तरफ से सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में चादर पेश करने के लिए जयपुर का दौरा किया। उनका जयपुर एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत हुआ। रिजिजू का यह दौरा खास महत्व रखता है, क्योंकि वह प्रधानमंत्री Modi के संदेश को लेकर अजमेर शरीफ पहुंचे थे। यह यात्रा ख्वाजा साहब के 813वें उर्स के अवसर पर हो रही है, जब देशभर से श्रद्धालु अजमेर दरगाह में आते हैं और ख्वाजा साहब की मजार पर चादर चढ़ाते हैं।
देश में भाईचारे और शांति का संदेश
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र Modi का संदेश लेकर अजमेर जा रहे हैं, जहां वह सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की पवित्र मजार पर चादर चढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री Modi की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह में चादर चढ़ाने आ रहा हूं और यह संदेश लेकर जा रहा हूं कि हमारे देश में भाईचारा और शांति बनी रहे।” रिजिजू का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के शांति और समरसता के पक्ष में निरंतर उठाए गए कदमों को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र Modi ने हमेशा भारत में विविधताओं के बीच एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का प्रयास किया है, और उनकी ओर से भेजी गई यह चादर उसी का प्रतीक है। रिजिजू ने आगे कहा कि अजमेर दरगाह में हर धर्म और वर्ग के लोग आते हैं, और यह स्थान देशभर के लोगों के लिए शांति और प्रेम का प्रतीक बन चुका है।
ख्वाजा साहब की मजार पर चादर चढ़ाने का अवसर
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस विशेष अवसर पर अपनी भूमिका का महत्व भी बताया। उन्होंने कहा कि इस बार उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से ख्वाजा साहब की दरगाह पर चादर चढ़ाने का अवसर मिला है, जो उनके लिए गर्व की बात है। ख्वाजा साहब की दरगाह पर चादर चढ़ाना एक बड़ी धार्मिक परंपरा है, और यह ना केवल मुस्लिम समुदाय, बल्कि पूरे भारतवर्ष के विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा श्रद्धा और सम्मान के साथ किया जाता है।
यह कदम प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। चादर चढ़ाने का यह अवसर न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह एकता, भाईचारे और शांति के संदेश को भी फैलाता है।
भजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी साथ
केंद्रीय मंत्री रिजिजू के साथ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी भी इस महत्वपूर्ण यात्रा में शामिल थे। उनके साथ अजमेर जाने से यह संकेत मिलता है कि भाजपा अल्पसंख्यक समुदायों के साथ सहयोग और समन्वय स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक परंपराओं का पालन करना ही नहीं, बल्कि भारतीय समाज के विभिन्न हिस्सों के बीच संवाद और सहयोग को भी बढ़ावा देना है।
केंद्रीय मंत्री के यात्रा का महत्व
इस यात्रा का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि यह प्रधानमंत्री Modi की समाज के हर वर्ग के साथ एकजुटता और सामूहिकता की भावना को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक कदम है। ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाकर, मंत्री रिजिजू ने न केवल प्रधानमंत्री Modi के संदेश को प्रस्तुत किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत में धार्मिक विविधता का सम्मान किया जाता है।
रिजिजू की यात्रा से यह संदेश भी जाता है कि भारतीय राजनीति में सभी समुदायों को एक साथ लेकर चलने की भावना मौजूद है। उन्होंने कहा कि यह अवसर उन्हें अपने देशवासियों के बीच शांति और भाईचारे का संदेश फैलाने का अवसर देता है।
अजमेर शरीफ: धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
अजमेर शरीफ, जो कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यह दरगाह न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए, बल्कि देश के अन्य समुदायों के लिए भी एक श्रद्धा का स्थान है। यहाँ पर देशभर के विभिन्न हिस्सों से लोग आते हैं और ख्वाजा साहब की मजार पर चादर चढ़ाते हैं, ताकि उनकी मन्नतें पूरी हो सकें और शांति का अनुभव किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने इस यात्रा के दौरान ख्वाजा साहब के आशीर्वाद की कामना की और कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री Modi की तरफ से उन्हें इस अहम कार्य को निभाने का अवसर मिला है।
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