मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने विश्व हिंदी दिवस पर दी शुभकामनाएं
Mohan Yadav: भारत की समृद्ध भाषा और सांस्कृतिक धरोहर हिंदी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस विशेष अवसर पर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने हिंदी भाषा की महत्ता को रेखांकित करते हुए इस दिन को समर्पित शुभकामनाएं दीं। डॉ. यादव ने इस दिन को हिंदी के वैश्विक प्रभाव और गौरव को मनाने का दिन बताया और इसके प्रति सभी नागरिकों से अधिक संलग्न होने का आह्वान किया।
हिंदी भाषा के प्रति संवेदनशीलता और संकल्प
विश्व हिंदी दिवस पर डॉ. Mohan Yadav ने अपने संदेश में हिंदी को सिर्फ एक भाषा के रूप में नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, विरासत और गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “हिंदी भाषा, सांस्कृतिक पहचान और गौरव का प्रतीक है। यह भारत की एकता और विविधता को एक सूत्र में बांधने का काम करती है।” डॉ. यादव ने आगे कहा, “आज का दिन हिंदी के वैश्विक जयघोष के विचारों को आत्मसात करने का दिन है। हमें हिंदी को संजीवनी प्रदान करते हुए इसे और समृद्ध बनाना है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिंदी को लेकर हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और इसे न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में फैलाने की दिशा में सक्रिय कदम उठाने चाहिए।
राज्य मंत्रिमंडल और नेताओं ने दी शुभकामनाएं
डॉ. Mohan Yadav के संदेश के बाद, राज्य मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य और कई प्रमुख राजनेताओं ने भी विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं। यह दिन न केवल हिंदी के महत्व को समझने का है, बल्कि हिंदी भाषा की प्रसार-प्रसार के लिए समाज के विभिन्न वर्गों को प्रेरित करने का भी है।
मध्यप्रदेश के अन्य मंत्रियों और राजनेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए हिंदी को एकता का संदेश देने वाली भाषा बताया। उनका मानना था कि हिंदी के माध्यम से भारतीय संस्कृति और सभ्यता को पूरी दुनिया में पहचान मिल रही है।
हिंदी का वैश्विक स्तर पर प्रभाव
डॉ. Mohan Yadav के संदेश में यह बात भी सामने आई कि हिंदी अब केवल एक भारतीय भाषा नहीं रह गई है, बल्कि यह एक वैश्विक भाषा बन गई है। भारत में हिंदी को व्यापक स्तर पर बोला और समझा जाता है, लेकिन विदेशों में भी हिंदी का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। कई देशों में हिंदी को दूसरी भाषा के रूप में सिखाया जाता है और फिल्म उद्योग, साहित्य, और संगीत के क्षेत्र में भी हिंदी का वर्चस्व बढ़ा है।
इस संदर्भ में, डॉ. यादव ने यह भी कहा कि हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हिंदी भारत में एक जुड़ी हुई, सबको एक साथ लाने वाली और सांस्कृतिक धरोहर की रूप में जानी जाती है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को हिंदी को सिखने और उसे प्रचलित करने का आग्रह किया।
हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए क़दम
हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। विश्व हिंदी दिवस के दिन, डॉ. Mohan Yadav ने उन प्रयासों की भी सराहना की, जो हिंदी को विभिन्न देशों में स्थापित करने के लिए किए गए हैं। इसके अंतर्गत हिंदी साहित्य सम्मेलन, हिंदी सम्मेलनों का आयोजन और विभिन्न देशों में हिंदी विद्यालयों का गठन शामिल है।
मुख्यमंत्री ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए एक व्यापक योजना बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि आने वाली पीढ़ियों को हिंदी के महत्व को समझाया जा सके और यह भाषा वैश्विक स्तर पर अपनी एक मजबूत पहचान बना सके।
सभी नागरिकों से अपील
विश्व हिंदी दिवस के इस मौके पर, डॉ. Mohan Yadav ने एक अपील की कि सभी नागरिक हिंदी को अपने दैनिक जीवन में उपयोग में लाकर इसे और मजबूत बनाएं। उन्होंने विशेष रूप से शैक्षिक संस्थानों से आग्रह किया कि वे छात्रों को हिंदी के प्रति जागरूक करें और उन्हें इस भाषा के इतिहास और महत्व से परिचित कराएं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिंदी को एक संवाद का माध्यम बनाना चाहिए, ताकि यह भाषा हर क्षेत्र में प्रभावी रूप से बोली और समझी जा सके। उनके अनुसार, हिंदी के प्रचार-प्रसार से न केवल भाषा को सम्मान मिलेगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति को भी संरक्षित करेगा।
Read More: Gehlot का आरोप, भाजपा सरकार हमारी योजनाओं को रोक कर क्रेडिट लेने में लगी है