Pakistan की हालत देख चीन भी चिंतित! जाफर ट्रेन कांड ने बढ़ाई उसकी परेशानी

By Editor
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Pakistan में जाफर एक्सप्रेस की हाईजैकिंग: आतंकवादी हमला और बलूचिस्तान की भूमिका

Pakistan के बलूचिस्तान क्षेत्र में जाफर एक्सप्रेस पर हुए हाईजैकिंग के बाद Pakistan सरकार और सुरक्षा बलों के बीच एक उच्चतम स्तर पर ऑपरेशन चलाया गया, जिसे अब सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया गया है। बलूचिस्तान के विद्रोही समूह BLA (बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, और कहा गया कि उन्होंने Pakistan की सरकारी नीतियों और चीन के निवेश के खिलाफ विरोध स्वरूप यह हमला किया। Pakistan के सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन के दौरान सभी आतंकवादियों को मार गिराया और यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया। इस हमले में 21 यात्री और चार अर्धसैनिक जवान मारे गए थे।

हालांकि इस ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद भी BLA की बढ़ती ताकत और बलूचिस्तान में अस्थिरता को लेकर चीन की चिंता अब तेज हो गई है। बलूचिस्तान में खनिजों और प्राकृतिक संसाधनों का बड़ा भंडार होने के बावजूद, स्थानीय बलूच समुदाय का आरोप है कि Pakistan सरकार इन संसाधनों का दोहन करती है और उनकी भूमि पर कब्जा करती है। BLA और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट जैसे समूह इस उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाते हैं और Pakistan सरकार को इसका विरोध करने के लिए प्रेरित करते हैं।

BLA के हमले और CPEC पर असर: चीन की रणनीतिक चिंता

BLA और बलूचिस्तान के अन्य विद्रोही समूहों द्वारा किए गए हमले चीन के हितों पर सीधा प्रभाव डालते हैं। Pakistan और चीन के बीच Chaina-Pakistan Economic Corridor (CPEC) एक प्रमुख रणनीतिक परियोजना है, जिसमें चीन का बड़ा आर्थिक निवेश है। बलूच विद्रोही समूह CPEC परियोजनाओं और चीनी निवेशकों को निशाना बनाकर Pakistan सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस अस्थिरता से चीन Pakistan पर अपनी मांगें लागू करने के लिए दबाव बना सकता है।

भारत के खुफिया सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट सामने आई है कि चीन को अब इस बढ़ती अस्थिरता और हमलों से चिंता होनी चाहिए। बीजिंग के रणनीतिक और आर्थिक हित Pakistan में CPEC के जरिए निवेश किए गए हैं, और इन परियोजनाओं पर हुए हमले चीन के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, Pakistan के सुरक्षा बलों की असफलता, हमलों को प्रभावी ढंग से न रोकने और हमलावरों को जवाब नहीं देने में, Pakistan की असुरक्षा और CPEC में देरी को बढ़ा सकती है।

BLA के हमले और पाकिस्तान की सुरक्षा असफलता: चीन की प्रतिष्ठा पर असर

सीएनएन-न्यूज 18 की एक रिपोर्ट में भारतीय खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया कि बीजिंग के हितों पर हमले बढ़ने से चीन को गंभीर चिंताएँ हो सकती हैं। CPEC परियोजनाओं पर हमले, चीन के लिए न केवल एक आर्थिक जोखिम उत्पन्न करते हैं, बल्कि यह पाकिस्तान सरकार के लिए भी चिंता का कारण बनते हैं, जो अपने सुरक्षा इंतजामों में असफल साबित हो रही है। इस असफलता से पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति कमजोर हो रही है, और इसकी वजह से CPEC परियोजना में निवेश करने वाले चीनी कंपनियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।

खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उसकी सुरक्षा रणनीतियाँ CPEC के निर्माण और चीनी निवेशों की सुरक्षा करने में असफल साबित हो रही हैं। बीएलए जैसे समूह लगातार हमलों को अंजाम दे रहे हैं, जिससे पाकिस्तान सरकार और चीनी हितों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार की स्थिति: चीन के प्रति जवाबदेही

हालाँकि पाकिस्तान सरकार ने जाफर एक्सप्रेस की हाईजैकिंग पर सफलतापूर्वक ऑपरेशन चला कर आतंकवादियों को समाप्त कर दिया, लेकिन इस तरह की घटनाओं से पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हैं। पाकिस्तान के लिए यह चिंता का विषय है कि वह अपनी सुरक्षा व्यवस्था को फिर से मजबूत करने और CPEC के महत्व को बचाने में विफल हो रहा है। चीन, जो पाकिस्तान का महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है, अब अपनी परियोजनाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर हो सकता है।

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