स्थायी स्टैंड की अनदेखी, NH-27 पर उतरने से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर उठे सवाल
बारां: जिले के किशनगंज और भंवरगढ़ में बसों के चालक और परिचालकों की मनमानी के कारण प्रतिदिन सैकड़ों यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बसें निर्धारित स्थायी स्टैंड पर नहीं ले जाकर यात्रियों को सीधे NH-27 पर उतार देती हैं।
इससे बुजुर्ग, महिलाएं, दिव्यांगजन और छोटे बच्चे तक असुविधा झेलने को मजबूर हैं। ग्रामीणों के अनुसार, यात्रियों को बस से उतरने के बाद करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। सुनसान रास्तों पर उतरने के कारण महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाता है।
यात्रियों ने आरोप लगाया कि जब बस स्टैंड तक बस ले जाने की बात कही जाती है, तो चालक और परिचालक अभद्र व्यवहार भी करने लगते हैं। वर्तमान में रोडवेज, निजी और मध्यप्रदेश की करीब 18 बसें गांव के अंदर नहीं आतीं, जिससे राहत नहीं मिल पा रही है।
कोटा और बूंदी डिपो के ड्राइवर-कंडक्टरों से कारण पूछने पर उन्होंने समयाभाव का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया। ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या वर्षों से चली आ रही है और इसकी जानकारी डिपो अधिकारियों को भी है, लेकिन समाधान के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
विशेषकर ग्रामीण विद्यार्थी जो रोजाना पढ़ाई के लिए बाहर जाते हैं, उन्हें इस समस्या का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है, जिससे यह मुद्दा और गंभीर हो गया है।