PM Modi ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म देखी, कांग्रेस ने किया कटाक्ष
PM Modi ने अपने सहयोगी एनडीए सांसदों के साथ ‘द साबरमती रिपोर्ट’ नामक फिल्म देखी। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर फिल्म के निर्माताओं की सराहना करते हुए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने लिखा, “मैं ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म के निर्माताओं की सराहना करता हूं और इस प्रयास के लिए उन्हें बधाई देता हूं।” हालांकि, इस पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए सरकार को घेरा और पीएम मोदी पर कटाक्ष किया। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण संसद का समय बर्बाद हो रहा है, और उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर संसद में कार्यवाही नहीं होने दे रही है।
फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ पर PM Modi की सराहना
PM Modi ने एनडीए सांसदों के साथ ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म देखी, जो साबरमती आश्रम और महात्मा गांधी से संबंधित घटनाओं पर आधारित है। फिल्म को लेकर PM Modi ने अपनी सराहना जताई और निर्माताओं को इसके लिए बधाई दी। यह फिल्म महात्मा गांधी के जीवन, उनके संघर्ष और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी घटनाओं को उजागर करने का प्रयास करती है। फिल्म की रिलीज और देखने के बाद पीएम मोदी ने इसके महत्व और समाज पर इसके प्रभाव पर जोर दिया।
PM Modi का यह कदम विशेष रूप से उस समय में महत्वपूर्ण है जब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की आलोचनाओं के बीच सरकार विभिन्न मुद्दों पर गंभीर ध्यान दे रही है। PM Modi की तरफ से इस फिल्म की सराहना ने उसकी और भी महत्वता को बढ़ा दिया है, लेकिन विपक्ष इसे लेकर सवाल उठाने से पीछे नहीं हटा।
कांग्रेस का तंज: ‘रोम जल रहा, नीरो बांसुरी बजा रहा’
PM Modi के ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को देखने पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने तीखा हमला किया। तिवारी ने कहा, “रोम जल रहा है और नीरो बांसुरी बजा रहा है।” उनका यह बयान सरकार की प्राथमिकताओं और संसद के भीतर हो रहे गतिरोध को लेकर था। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री और सरकार वर्तमान राजनीतिक मुद्दों से बचने के लिए व्यर्थ के मामलों में उलझ रही है। तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर संसद में कोई कामकाजी वातावरण नहीं बनने दे रही है और इसके कारण सदन का समय बर्बाद हो रहा है।
तिवारी ने कहा कि जबकि देश में गंभीर मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, सरकार ऐसे समय में फिल्म जैसे मामलों पर ध्यान दे रही है। कांग्रेस का कहना है कि जब लोगों को महंगाई, बेरोजगारी और अन्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, तब प्रधानमंत्री का समय इस तरह के कार्यक्रमों में बिताना सरकारी प्राथमिकताओं के विपरीत है।
सरकार पर आरोप: संसद का समय जानबूझकर बर्बाद किया जा रहा
प्रमोद तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर संसद में कोई कार्यवाही नहीं होने दे रही है, जिससे महत्वपूर्ण विधेयकों और मामलों पर चर्चा नहीं हो पा रही। उनका कहना था कि विपक्ष की ओर से कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन सरकार इन पर ध्यान देने की बजाय गैर-महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान दे रही है। इस स्थिति ने विपक्षी दलों को असंतुष्ट कर दिया है और उनका आरोप है कि सरकार का उद्देश्य विपक्षी आवाज़ों को दबाना है।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि आगामी सत्र में सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलनी चाहिए और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संसद का समय प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगला सत्र संसद में कामकाजी माहौल और बहस के लिए बेहतर होगा।
PM Modi का ध्यान भटकाने की कोशिश
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के बयान में यह स्पष्ट संदेश था कि सरकार संसद और लोगों के वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। तिवारी ने कहा कि इस तरह के कदम केवल ध्यान भटकाने के लिए हैं, जबकि देश को महंगाई, बेरोजगारी, और अन्य सामाजिक मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म जैसी गतिविधियों से किसी को लाभ नहीं होने वाला, जबकि सरकार को देश की वास्तविक समस्याओं पर काम करने की आवश्यकता है।
तिवारी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ दिखावा कर रही है, जबकि असल मुद्दे जनता के बीच बढ़ते जा रहे हैं। उनका कहना था कि अगर सरकार वास्तव में देशहित में काम कर रही है, तो उसे संसद में हो रही कार्यवाही में सहयोग करना चाहिए और जनता की आवाज़ को सुनना चाहिए।
सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल
PM Modi और उनकी सरकार की प्राथमिकताएं अब विपक्षी दलों के लिए सवालों का विषय बन गई हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि जबकि देश को बड़े आर्थिक और सामाजिक सुधारों की जरूरत है, प्रधानमंत्री इस समय सिर्फ फिल्म देखने और गैर-संवेदनशील कार्यक्रमों पर ध्यान दे रहे हैं। विपक्षी दल यह भी मानते हैं कि सरकार को संसद के भीतर व्यर्थ के मुद्दों पर समय बर्बाद करने के बजाय आम आदमी के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
विपक्षी दलों ने सरकार से यह भी सवाल किया है कि यदि वह सचमुच जनता की भलाई चाहती है, तो क्यों नहीं वह संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस के लिए समय देती? उनके अनुसार, सरकार का यह रवैया देश के हित में नहीं है और इसे तत्काल बदलने की आवश्यकता है।
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