सिरोही: जिले के पिंडवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित चूना पत्थर खनन परियोजना को लेकर ग्रामीणों में उबाल है। सरकार और नेताओं की उदासीनता से नाराज़ जनता ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। आंदोलन अब एक दर्जन से अधिक गांवों में फैल चुका है, जिनमें वाटेरा, भीमाना, भारजा और रोहिड़ा प्रमुख हैं।
इस बीच सोशल मीडिया पर नेताओं की ‘लड्डू खाते हुए’ तस्वीरें वायरल होने से लोगों में और गुस्सा भड़क गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब किसान और ग्रामीण भूखे-प्यासे धरने पर बैठे हैं, तब नेता मिठाइयों का आनंद ले रहे हैं। एक ग्रामीण ने कहा, “किसान रो रहा है, और नेता लड्डू खा रहे हैं — यही उनकी संवेदनहीनता है।”
कैबिनेट मंत्री को सौंपा गया ज्ञापन
तरुंगी निवासी पदमाराम देवासी ने कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत को ज्ञापन सौंपकर परियोजना को निरस्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पिछले डेढ़ महीने से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार अब तक मौन है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन उग्र रूप लेगा।
पर्यावरण और जनजीवन पर खतरे की आशंका
ग्रामीणों का कहना है कि लगभग 801 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रस्तावित खनन परियोजना से इलाके का पर्यावरण और जनजीवन प्रभावित होगा। उनका आरोप है कि परियोजना शुरू होने से खेती, पेयजल और पशुपालन पर गंभीर असर पड़ेगा।
भारजा में शव यात्रा और पुतला दहन
शनिवार रात भारजा गांव में ग्रामीणों ने कंपनी मेसर्स कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शव यात्रा निकाली और पुतला दहन किया। बच्चों और युवाओं ने नारेबाजी करते हुए सरकार से तत्काल परियोजना रद्द करने की मांग की। एक दिन पहले वाटेरा गांव में भी इसी तरह का प्रदर्शन हुआ था।
अब आर-पार की लड़ाई
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने परियोजना को रद्द नहीं किया तो यह आंदोलन राज्यव्यापी जनआंदोलन बन जाएगा।