Kejriwal का आरोप: दिल्ली के जाट समुदाय के साथ धोखा कर रही है केंद्र सरकार
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री Kejriwal ने केंद्र सरकार पर दिल्ली के जाट समुदाय के साथ धोखा देने का आरोप लगाया है। Kejriwal ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई बार वादे किए थे कि दिल्ली के जाट समुदाय को ओबीसी (आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग) सूची में डाला जाएगा, लेकिन अब तक इस वादे को पूरा नहीं किया गया। इस कारण से दिल्ली के जाट समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है, जिससे उनका विकास रुक गया है।
दिल्ली के जाट समुदाय का केंद्र से वादा
Kejriwal ने इस मुद्दे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दिल्ली के जाट समुदाय को दिल्ली के अंदर ओबीसी के अंतर्गत रखा गया है, लेकिन केंद्र की सूची में उन्हें ओबीसी में शामिल नहीं किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार जाट समुदाय को ओबीसी सूची में डालने का वादा किया था, लेकिन वे अब तक इस वादे को निभाने में असमर्थ रहे हैं। Kejriwal ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों से जाट समाज को ओबीसी आरक्षण का झूठा वादा किया, जिससे उनके बच्चों को शिक्षा और नौकरी में फायदा नहीं मिल रहा है।
ओबीसी सूची में न होने से जाट समुदाय को हो रही समस्याएँ
Kejriwal ने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी सूची में न डाले जाने के कारण दिल्ली के जाट समुदाय के हजारों बच्चे दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में दाखिले के समय आरक्षण का लाभ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान जैसे राज्य से आने वाले जाट समुदाय को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, जबकि दिल्ली के जाट समुदाय को यह लाभ नहीं मिलता। यह असमानता साफ तौर पर दिखाती है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के जाट समाज के साथ भेदभाव किया है।
प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने का फैसला
Kejriwal ने यह भी बताया कि उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखने का निर्णय लिया है, जिसमें वह दिल्ली के जाट समुदाय को ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार से इस मामले में कोई समाधान नहीं मिलता है, तो वह दिल्ली के जाट समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव संघर्ष करेंगे।
जाट समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष
Kejriwal ने जाट समुदाय के लोगों से यह अपील की कि वे इस संघर्ष में उनके साथ मिलकर आवाज उठाएं और केंद्र सरकार पर दबाव डालें ताकि दिल्ली के जाट समुदाय को ओबीसी सूची में शामिल किया जा सके। उनका कहना था कि यह मामला सिर्फ जाट समुदाय का नहीं, बल्कि हर उस परिवार का है, जो शिक्षा और नौकरी में आरक्षण के लाभ से वंचित है।
दिल्ली के जाट समुदाय की स्थिति
दिल्ली के जाट समुदाय की संख्या बड़ी है, लेकिन ओबीसी सूची में न होने के कारण उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है। इससे न केवल उनकी शिक्षा में अड़चनें आती हैं, बल्कि नौकरी के अवसर भी सीमित हो जाते हैं। Kejriwal ने कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है क्योंकि यदि दिल्ली के जाट समुदाय को ओबीसी सूची में शामिल किया जाता है तो यह उन्हें शिक्षा, रोजगार और समाज के अन्य क्षेत्रों में बेहतर अवसर प्रदान करेगा।
केंद्र सरकार पर आक्षेप
Kejriwal ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के झूठे वादों ने दिल्ली के जाट समुदाय को निराश किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने ओबीसी सूची में दिल्ली के जाट समुदाय को शामिल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया और यही कारण है कि जाट समुदाय इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है।
Kejriwal की राजनीति और ओबीसी आरक्षण
Kejriwal ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा से ही समाज के हर वर्ग के अधिकारों की रक्षा करने के लिए संघर्ष करती रही है। उनका मानना है कि यदि दिल्ली के जाट समुदाय को ओबीसी सूची में शामिल किया जाता है तो यह न केवल उनके लिए, बल्कि समग्र समाज के लिए एक बड़ी जीत होगी।
समाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता
Kejriwal ने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के प्रति समाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि आप हमेशा से ही समाज के दबे कुचले वर्गों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रही है, और वह इस मुद्दे पर भी किसी भी प्रकार की कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटेंगे।
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